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छत्तीसगढ़ में बारिश ने खोली सिस्टम की पोल, ऐसे बह गए विकास के दावे !

छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश ने विकास के दावों की पोल खोल (rain havoc in chhattisgarh ) दी है. यहां के कई जिलों में बारिश आफत बनकर बरस रही है. रविवार को भी कुछ ऐसा ही (female patient taken to hospital on cot in Korba) हुआ. बारिश और सिस्टम की मार से यहां लोगों की जान पर बन आई (Woman delivery on river bank in Bijapur) है. रविवार को छत्तीसगढ़ के कई इलाकों से ऐसी खबरें आईं. जिसने मानसून की बारिश में सरकार के विकास के दावों की पोल खोल (Lack of Roads Bridges in Chhattisgarh) दी है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट.

rain havoc in chhattisgarh
बारिश बनी आफत
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Published : Jul 17, 2022, 11:56 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 6:47 AM IST

कोरबा/राजनांदगांव/बीजापुर/कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश ने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. हर रोज छत्तीसगढ़ के कई इलाकों से तबाही की तस्वीरें आ रही है. बारिश में पीड़ादायक घटनाएं घट रही है. कोरबा, बीजापुर, राजनांदगांव में रविवार को कुछ ऐसी ही तस्वीरें आई. जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर विकास के दावे कहां है. अगर सिस्टम सही होता तो बारिश में लोगों को संकट का सामना नहीं करना पड़ता. लोगों की जान पर नहीं बन आती.

कवर्धा में बह गई सड़क

कोरबा में मरीज को खाट पर पहुंचाया गया अस्पताल: कोरबा की बात करें तो यहां के स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली कम होती नजर नहीं आ रही है. कोरबा में कई विकासखंड आज भी ऐसे हैं. जहां आम जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. पोड़ी उपरोड़ा तहसील के ग्राम कर्री(तुलबुल) पंचायत से जो तस्वीर सामने आई. उसने सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्थानों पर मुफ्त एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने की परिकल्पना अब भी यहां साकार नहीं हो पाई है. जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को अब भी खाट पे टांगकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीण इस व्यवस्था को बर्दाश्त करने के लिए विवश हैं. गांव कर्री से डायल 112 को सूचना मिली कि, यहां एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही है. जिसे अस्पताल पहुंचाने का कोई साधन नहीं है. नदी में पानी भरा हुआ है. सूचना पर थाना पसान कोरबा-1 की टीम तत्काल मौके पर पहुंची. जहां पीड़िता गायत्री यादव प्रसव पूर्व होने वाले दर्द से कराह रही थी. जिसे ग्रामीणों के सहयोग से खाट के सहारे नदी पार कर सीएचसी पसान में भर्ती कराया गया. फिलहाल महिला की स्थिति ठीक है.

कोरबा के कर्री में नहीं है पुल: कोरबा के गांव कर्री में नदी पर पुल नहीं होने के कारण 112 नदी के उस पार नहीं जा सकती थी. लिहाजा ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को खाट पर लाद कर नदी पार कराया. इस दौरान 112 के कर्मचारियों की तत्परता भी देखने को मिली. 112 को कॉल करने पर तत्काल मौके पर पहुंची. तब जाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका. कोरबा के पसान क्षेत्र में कई ऐसे गांव है जहां स्वास्थ्य कर्मी पहुंचते ही नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि "उनका गांव जिला मुख्यालय से करीब 100 से 120 किलोमीटर दूर है. वहीं पसान अस्पताल के लिए 5 किलोमीटर के दूरी तय करनी पड़ती है. बारिश के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, मरीजों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है. रात के समय नाव की सुविधा भी नहीं मिल पाती है". ग्रामीणों ने नदी पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग सरकार से की है.

ये भी पढ़ें: धमतरी के गंगरेल बांध के सभी गेट खुले, आसपास के गावों को किया गया अलर्ट

बीजापुर में नदी किनारे महिला की डिलीवरी: बीजापुर में उफनती नदी के किनारे गर्भवती महिला ने बच्ची को जन्म दिया. जिले के गंगालूर तहसील अंतर्गत ग्राम झारगोया इलाके में एक गर्भवती महिला सरिता गोंदी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया जा रहा था. उसी दौरान ग्राम झोरवाया में नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया, जिसके कारण नदी पार करने में दिक्कत होने लगी. जिसके बाद तहसीलदार बीजापुर और सीईओ जनपद पंचायत बीजापुर को इस बात की सूचना दी गई. सूचना के बाद फौरन रेस्क्यू टीम रवाना किया गया. प्रसव पीड़ा ज्यादा होने पर नदी के किनारे ही महिला की डिलीवरी कराई (Delivery of woman done on river bank in Bijapur) गई. इसके बाद जच्चा-बच्चा को मोटर बोट के द्वारा नदी पार कराकर ग्राम रेड्डी के उप-स्वास्थ केंद्र लाया गया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. अगर यहां पर भी सड़कें और नदी पर पुल होता तो महिला को आसानी से अस्पताल पहुंचाया जा सकता था.

राजनांदगांव में पुल नहीं होने से 17 साल के लड़के की हुई मौत : राजनांदगांव में पुल के अभाव में एक लड़के की मौत हो गई है. छुरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत घेरूघाट के आश्रित ग्राम किकाड़ीटोला के रास्ते में पड़ने वाले पुल पर पुलिया निर्माण के अभाव के कारण नाला के रास्ते बीमार लड़के को ले जाया जा रहा था. हालांकि अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो (Death due to lack of bridge in Rajnandgaon) गई. बीमार बेटे को पुल के उस पार खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए पिता को नाला पार कर आना पड़ा. समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण लड़के की मौत हो गई. पिता का कहना है कि अगर पुल बना होता तो मेरे बेटे की जान नहीं जाती.

कवर्धा में बह गई सड़क: कवर्धा में सरकार और सिस्टम के विकास के दावे बारिश में बह गए. यहां के रेंगाखार बरेंडा इलाके में सड़क बह जाने की वजह से आवागमन बंद हो गया है. लोगोें ने आरोप लगाया कि जो सड़क बारिश में बह गया. उसके निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है. इस सड़क के निर्माण में 26 लाख रुपये की लागत आई थी. रेंगाखार-बरेंडा मार्ग पर सड़क बहने की वजह से अब इस इलाके में यातायात पूरी तरह से ठप पड़ गया. गांव वालों के आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. ऐसे मे ग्रामीणों को 30 से 40 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर जाना पड़ रहा है.बताया जा रहा है कि इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया गया था. आपको बता दें कि ग्राम रेंगाखार कला मेन रोड से ग्राम बरेंडा के बीच प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत सड़क का निर्माण वर्ष 2011 में 52 लाख रुपए की लागत से किया गया था. उसके बाद साल 2019 में इस सड़क की मरम्मत में 26 लाक रुपये खर्च किए गए. बावजूद इसके सड़क का हाल आप देख सकते हैं. ग्रामीणों के भ्रष्टाचार के आरोप पर अब जिम्मेदार अफसर जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.

कोरबा/राजनांदगांव/बीजापुर/कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश ने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. हर रोज छत्तीसगढ़ के कई इलाकों से तबाही की तस्वीरें आ रही है. बारिश में पीड़ादायक घटनाएं घट रही है. कोरबा, बीजापुर, राजनांदगांव में रविवार को कुछ ऐसी ही तस्वीरें आई. जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर विकास के दावे कहां है. अगर सिस्टम सही होता तो बारिश में लोगों को संकट का सामना नहीं करना पड़ता. लोगों की जान पर नहीं बन आती.

कवर्धा में बह गई सड़क

कोरबा में मरीज को खाट पर पहुंचाया गया अस्पताल: कोरबा की बात करें तो यहां के स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली कम होती नजर नहीं आ रही है. कोरबा में कई विकासखंड आज भी ऐसे हैं. जहां आम जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. पोड़ी उपरोड़ा तहसील के ग्राम कर्री(तुलबुल) पंचायत से जो तस्वीर सामने आई. उसने सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्थानों पर मुफ्त एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने की परिकल्पना अब भी यहां साकार नहीं हो पाई है. जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को अब भी खाट पे टांगकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीण इस व्यवस्था को बर्दाश्त करने के लिए विवश हैं. गांव कर्री से डायल 112 को सूचना मिली कि, यहां एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही है. जिसे अस्पताल पहुंचाने का कोई साधन नहीं है. नदी में पानी भरा हुआ है. सूचना पर थाना पसान कोरबा-1 की टीम तत्काल मौके पर पहुंची. जहां पीड़िता गायत्री यादव प्रसव पूर्व होने वाले दर्द से कराह रही थी. जिसे ग्रामीणों के सहयोग से खाट के सहारे नदी पार कर सीएचसी पसान में भर्ती कराया गया. फिलहाल महिला की स्थिति ठीक है.

कोरबा के कर्री में नहीं है पुल: कोरबा के गांव कर्री में नदी पर पुल नहीं होने के कारण 112 नदी के उस पार नहीं जा सकती थी. लिहाजा ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को खाट पर लाद कर नदी पार कराया. इस दौरान 112 के कर्मचारियों की तत्परता भी देखने को मिली. 112 को कॉल करने पर तत्काल मौके पर पहुंची. तब जाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका. कोरबा के पसान क्षेत्र में कई ऐसे गांव है जहां स्वास्थ्य कर्मी पहुंचते ही नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि "उनका गांव जिला मुख्यालय से करीब 100 से 120 किलोमीटर दूर है. वहीं पसान अस्पताल के लिए 5 किलोमीटर के दूरी तय करनी पड़ती है. बारिश के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, मरीजों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है. रात के समय नाव की सुविधा भी नहीं मिल पाती है". ग्रामीणों ने नदी पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग सरकार से की है.

ये भी पढ़ें: धमतरी के गंगरेल बांध के सभी गेट खुले, आसपास के गावों को किया गया अलर्ट

बीजापुर में नदी किनारे महिला की डिलीवरी: बीजापुर में उफनती नदी के किनारे गर्भवती महिला ने बच्ची को जन्म दिया. जिले के गंगालूर तहसील अंतर्गत ग्राम झारगोया इलाके में एक गर्भवती महिला सरिता गोंदी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया जा रहा था. उसी दौरान ग्राम झोरवाया में नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया, जिसके कारण नदी पार करने में दिक्कत होने लगी. जिसके बाद तहसीलदार बीजापुर और सीईओ जनपद पंचायत बीजापुर को इस बात की सूचना दी गई. सूचना के बाद फौरन रेस्क्यू टीम रवाना किया गया. प्रसव पीड़ा ज्यादा होने पर नदी के किनारे ही महिला की डिलीवरी कराई (Delivery of woman done on river bank in Bijapur) गई. इसके बाद जच्चा-बच्चा को मोटर बोट के द्वारा नदी पार कराकर ग्राम रेड्डी के उप-स्वास्थ केंद्र लाया गया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. अगर यहां पर भी सड़कें और नदी पर पुल होता तो महिला को आसानी से अस्पताल पहुंचाया जा सकता था.

राजनांदगांव में पुल नहीं होने से 17 साल के लड़के की हुई मौत : राजनांदगांव में पुल के अभाव में एक लड़के की मौत हो गई है. छुरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत घेरूघाट के आश्रित ग्राम किकाड़ीटोला के रास्ते में पड़ने वाले पुल पर पुलिया निर्माण के अभाव के कारण नाला के रास्ते बीमार लड़के को ले जाया जा रहा था. हालांकि अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो (Death due to lack of bridge in Rajnandgaon) गई. बीमार बेटे को पुल के उस पार खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए पिता को नाला पार कर आना पड़ा. समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण लड़के की मौत हो गई. पिता का कहना है कि अगर पुल बना होता तो मेरे बेटे की जान नहीं जाती.

कवर्धा में बह गई सड़क: कवर्धा में सरकार और सिस्टम के विकास के दावे बारिश में बह गए. यहां के रेंगाखार बरेंडा इलाके में सड़क बह जाने की वजह से आवागमन बंद हो गया है. लोगोें ने आरोप लगाया कि जो सड़क बारिश में बह गया. उसके निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है. इस सड़क के निर्माण में 26 लाख रुपये की लागत आई थी. रेंगाखार-बरेंडा मार्ग पर सड़क बहने की वजह से अब इस इलाके में यातायात पूरी तरह से ठप पड़ गया. गांव वालों के आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. ऐसे मे ग्रामीणों को 30 से 40 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर जाना पड़ रहा है.बताया जा रहा है कि इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया गया था. आपको बता दें कि ग्राम रेंगाखार कला मेन रोड से ग्राम बरेंडा के बीच प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत सड़क का निर्माण वर्ष 2011 में 52 लाख रुपए की लागत से किया गया था. उसके बाद साल 2019 में इस सड़क की मरम्मत में 26 लाक रुपये खर्च किए गए. बावजूद इसके सड़क का हाल आप देख सकते हैं. ग्रामीणों के भ्रष्टाचार के आरोप पर अब जिम्मेदार अफसर जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.

Last Updated : Jul 18, 2022, 6:47 AM IST
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