कवर्धा: छत्तीसगढ़ के लोगों को बहुत जल्द एक और जंगल सफारी का तोहफा मिलने वाला है. जो दूसरा सबसे बड़ा जंगल सफारी होगा. कवर्धा वन विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है. 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि से 110 हेक्टेयर में जंगल सफारी बनाया जाएगा.
जंगल सफारी के साथ जू भी बनेगा
कवर्धा में बनाए जाने वाले इस जंगल सफारी की तैयारी शासन-प्रशासन स्तर पर की जा रही है. जंगल सफारी के साथ चिड़ियाघर बनाने की भी तैयारी है. इसके लिए वन विभाग ने 110 हेक्टेयर जमीन चिन्हांकित की है. वन विभाग की जमीन के साथ ही राजस्व की जमीन भी ली जा रही है. राजस्व की जमीन को जंगल सफारी के अलॉटमेंट के लिए शासन की तरफ से जिला कलेक्टर को निर्देश दिया जा चुका है.
50 करोड़ से ज्यादा का आएगा खर्च
कवर्धा DFO दिलराज प्रभाकर ने बताया कि 110 हेक्टेयर में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि की लागत से जंगल सफारी और जू बनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर जमीन भी चिन्हांकित किया गया है. उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में काम किया जा रहा है. बहुत जल्द मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस जंगल सफारी की घोषणा करेंगे.
कवर्धा जिले में फिलहाल भोरमदेव अभयारण्य है. जिसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. अब जंगल सफारी बनाने की तैयारी चल रही है. हालांकि इस काम में 5 से 6 साल लगेंगे. जिले में जंगल सफारी बनने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा. जिससे स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा.
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एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी
जंगल सफारी छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में बसाया गया है. जो रेलवे स्टेशन से लगभग 35 किलोमीटर और स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है. जंगल सफारी एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित सफारी है. यहां तरह-तरह के जीव जन्तुओं को रखा गया है. इस सफारी में बोटिंग की भी सुविधा है. जंगल सफारी करीब 800 एकड़ में फैली हुई है.