कवर्धा: पूरे छत्तीसगढ़ में सोमवार से नए सत्र के साथ सभी स्कूल खुल गए. प्रदेश के लगभग सभी स्कूल में धूमधाम से प्रवेश शाला उत्सव मनाया गया. इस उत्सव की तैयारी पहले से ही करने का निर्देश था, लेकिन कवर्धा में बिना किसी तैयारी के ही एक स्कूल में शाला उत्सव मनाया गया. स्कूल की तस्वीर सामने आई है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कि स्कूल भवन जर्जर है. यहां पहले दिन बच्चे अपनी हाजिरी दर्ज कराने पहुंचे हैं.
कहीं जर्जर स्कूल तो कहीं टिन की छत: कवर्धा में 587 शासकीय स्कूल भवन हैं, जो जर्जर हालात में हैं. इन स्कूलों में भवन निर्माण का काम चल रहा है. किसी स्कूल में छत नहीं है तो किसी स्कूल में छत के जगह टिन लगे हैं. इस टिन के बीच से बारिश के दिनों में पानी गिरता है. उसी पानी के बीच बच्चे किसी तरह पढ़ रहे हैं. ऐसी अव्यवस्थाओं के बीच शाला उत्सव मनाया जाना बच्चों के जान से खेलने जैसा है.
जर्जर स्कूल में बच्चों की जान को खतरा: जर्जर स्कूल भवन में नए सत्र के स्कूल शुरू होने बच्चों में उमंग तो है. साथ ही इनके जान का भी खतरा है. ऐसे स्कूलों की मरम्मत कराना बेहद जरूरी है. जर्जर स्कूल भवन में सरकारी स्कूल का संचालन होना बच्चों के जिन्दगी से खेलने जैसा है.
कवर्धा में इतने स्कूल भवन जर्जर: शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कवर्धा में 587 स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं. इन सभी स्कूलों को मरम्मत की सख्त जरूरत है. मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत इन कामों के लिए 17.03 करोड़ रुपए राज्य सरकार ने स्वीकृत किए हैं. ग्रामीण यांत्रिकी विभाग (आरईएस) को स्कूल भवन बनाने का जिम्मा दिया गया है. 15 जून तक भवन निर्माण का डेडलाइन तय किया गया था, लेकिन आरईएस के ठेकेदार काम पूरा नहीं कर पाए हैं. यही कारण है कि स्कूल प्रशासन बदहाल अवस्था में ही स्कूलों में पढ़ाई शुरू करा दी गई.
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एमके गुप्ता ने जर्जर स्कूल भवन के रिपेयरिंग का आदेश जारी करने की बात कही है. हालांकि स्कूल के हालात देख ये साफ है कि जिम्मेदार अधिकारी काम कितने आराम से करा रहे हैं.