कवर्धा: 27 वार्ड वाले नगर पालिका कवर्धा को नगर निगम बनाए जाने की मांग तेज हो गई है. नगरवासी लगातार निगम बनाए जाने की मांग सरकार से कर रहे हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह के गृहग्राम कवर्धा ने प्रदेश को कई सांसद और विधायक दिए. बावजूद इसके पालिका को निगम में तब्दील करने की ओर किसी का भी ध्यान नहीं गया.
1933 में कवर्धा को नगर पालिका का दर्जा मिला था. इसके बाद 1998 में कवर्धा को जिला घोषित किया गया. तब नगरपालिका में कुल 15 वार्ड हुआ करते थे और आबादी भी कम हुआ करती थी. वर्तमान की बात करें तो शहर में कुल 27 वार्ड बन चुके हैं. कवर्धा शहर में 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी 45 हजार 451 है. पिछले कई साल से लगातार निगम की मांग नागरिक कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह ग्राम होने के बाद ही इस नगरपालिका को निगम का दर्जा नहीं मिल सका है.
लोगों का कहना है कि परिवार बढ़ने के साथ ही बड़े घर की आवश्यकता महसूस होती है. शहर में जमीन नहीं होने की वजह से उन्हें कुछ दूर में मकान बनाना पड़ रहा है, लेकिन इससे वे शहर के बहार ग्राम पंचायत का हिस्सा बन जा रहे हैं, जिससे उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है.
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नगर पालिका अध्यक्ष ने विपक्ष पर साधा निशाना
नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने नगर पालिका को नगर निगम बनने की मांग को लेकर 15 साल भाजपा शासनकाल की विफलता बताई है. उन्होंने कहा कि मंत्री मोहम्मद अकबर के सहयोग से भूपेश सरकार से बहुत जल्द नगर पालिका को निगम बनने की मांग करने की बात कह रहे हैं.
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सत्ता बदलने के साथ बढ़ी लोगों की उम्मीदें
वर्तमान में वन मंत्री और क्षेत्र के विधायक मोहम्मद अकबर के करीबी ऋषि शर्मा कांग्रेस नगर पालिका के अध्यक्ष हैं. उन्होंने जल्द ही इसे निगम बनाए जाने की ओर कदम उठाने की बात कही है. सरकार बदलने के साथ ही निगम का दर्जा मिलने की उम्मीद लोगों के अंदर अब जागने लगी है. निगम के बन जाने से आसपास के पंचायत भी नगर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी.