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पिपरिया नगर पंचायत: बीजेपी के गढ़ में लगा रहता है आवारा मवेशियों का जमावड़ा - समुदायिक भवन निर्माण

बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले कवर्धा के पिपरिया नगर पंचायत में भी बीजेपी का शुरू से दबदबा रहा है. 2003 में उप तहसील और 2008 में नगर पंचायत बनने के बाद यहां मूलभूत सुविधाओं पर तो काफी काम किया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में बिजली की समस्या और आवारा मवेशियों का जमावड़ा अब भी लगा रहता है.

pipariya nagar panchayat
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Published : Oct 16, 2019, 11:40 PM IST

कवर्धा: बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले कवर्धा के पिपरिया नगर पंचायत में भी बीजेपी का शुरू से दबदबा रहा है. 2003 में उप तहसील और 2008 में नगर पंचायत बनने के बाद यहां मूलभूत सुविधाओं पर तो काभी काम किया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में बिजली की समस्या और आवारा मवेशियों का जमावड़ा अब भी लगा रहता है.

बीजेपी के गढ़ में लगा रहता है आवारा मवेशियों का जमावड़ा

बिजली कटौती यहां की सबसे गंभीर समस्या है. जिसका हल आज तक नहीं हुआ है. शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों के कारण आये दिन लोग हादसे का शिकार होते रहते हैं. हालांकि शहर में सीसी रोड, पेयजल, ओपन जीम, पार्क, समुदायिक भवन निर्माण, तलाब सुंदरीकरण जैसे कई बेहतर काम भी हुए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में सबसे ज्यादा पेयजल को लेकर काम हुआ है. शहर में पेयजल की समस्या न हो इसलिए बीते पाच साल में दो बड़े पानी टंकी का भी निर्माण कराया गया है. जबकि नगर पंचायत में पहले से भी दो पानी टंकी बना है. साफ-सफाई के मामले में भी नगर पंचायत काफी आगे है. नगर पंचायत बनने के बाद शहर में कई विकास कार्य हुए हैं, लेकिन यहां के लोगों का कहना है कि पिपरिया को उप तहसील के बजाय तहसील बना दिया जाए तो शहर के लोगों के साथ आसपास के ग्रामीणों को भी इसका काफी लाभ मिलेगा.

कवर्धा: बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले कवर्धा के पिपरिया नगर पंचायत में भी बीजेपी का शुरू से दबदबा रहा है. 2003 में उप तहसील और 2008 में नगर पंचायत बनने के बाद यहां मूलभूत सुविधाओं पर तो काभी काम किया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में बिजली की समस्या और आवारा मवेशियों का जमावड़ा अब भी लगा रहता है.

बीजेपी के गढ़ में लगा रहता है आवारा मवेशियों का जमावड़ा

बिजली कटौती यहां की सबसे गंभीर समस्या है. जिसका हल आज तक नहीं हुआ है. शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों के कारण आये दिन लोग हादसे का शिकार होते रहते हैं. हालांकि शहर में सीसी रोड, पेयजल, ओपन जीम, पार्क, समुदायिक भवन निर्माण, तलाब सुंदरीकरण जैसे कई बेहतर काम भी हुए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में सबसे ज्यादा पेयजल को लेकर काम हुआ है. शहर में पेयजल की समस्या न हो इसलिए बीते पाच साल में दो बड़े पानी टंकी का भी निर्माण कराया गया है. जबकि नगर पंचायत में पहले से भी दो पानी टंकी बना है. साफ-सफाई के मामले में भी नगर पंचायत काफी आगे है. नगर पंचायत बनने के बाद शहर में कई विकास कार्य हुए हैं, लेकिन यहां के लोगों का कहना है कि पिपरिया को उप तहसील के बजाय तहसील बना दिया जाए तो शहर के लोगों के साथ आसपास के ग्रामीणों को भी इसका काफी लाभ मिलेगा.

Intro:पिपरिया नगर पंचायत प्रोफाइल

यहां की कुल जनसंख्या 4859 है जिसमें

महिला की संख्या 2386 है।
पुरुष की संख्या 2473 है।

वही अगर मतदाताओं की बात करे तो
कुल मतदाता 3419 है।

महिला मतदाता संख्या 1721
पुरुष मतदाता संख्या 1698 है।


Body:

पिपरिया को उप तहसील का दर्जा 2003 में मिला वहीं 2008 में इसे नगर पंचायत बनाया गया है। पिपरिया नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड हैं, जिसमें वर्तमान स्थिति में
भाजपा से 11 पार्षद
कांग्रेस से 04 पार्षद
नगर पंचायत अध्यक्ष भाजपा के विक्की अग्रवाल है
प्रथम अध्यक्ष इंद्राणी गुप्ता थी।
नगर पंचायत पिपरिया में शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी का ही दबदबा रहा है। नगर पंचायत पिपरिया की जनता ज्यादातर कृषिक कार्य करती हैं । यहां लोगों को रोजगार का साधन खेतीकिसानी ही है। क्षेत्र में ज्यादातर फसल धान और गन्ने की जाती है, वही अगर बात करें यहां की विकास कार्य की तो वर्तमान में अध्यक्ष विक्की अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में काफी मेहनत किया जिससे बहुत से विकास कार्य किए गए समुदायिक भवन निर्माण, तलाब सुंदरीकरण ,भारत माता की भव्य मूर्ति चौक में स्थापित, वही सभी वार्डों में सीसी रोड निर्माण, ओपन जीम ,साथ ही आने वाले समय में पेयजल समस्या ना हो इसलिए दो पानी टंकी अतिरिक्त निर्माण कराए जा रहे हैं हालांकि नगर पंचायत की जनता के लिए पहले से ही दो पानी टंकी थे। वही नगर के साफ सफाई पर भी जोर दिया जाता है ।साथ ही पंचायत अंतर्गत आने वाले लोगों को राज्य एवं केंद्र की योजना का लाभ दिलाने नगर पंचायत पुरजोर कोशिश करती है।





Conclusion:वहीं अगर बात करें समस्या की तो नगर पंचायत पिपरिया में बिजली की जादा परेशानी है। वही आवारा मवेशियों से लोग परेशान हैं साथ ही लोगों की मांग है जल्द ही पिपरिया को तहसील का दर्जा दिया जाए ताकि यहां रहने वाले लोगों को सरकारी काम कराने जिला मुख्यालय ना जाना पडे।।
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