कवर्धा: जिले में लगभग तीन वर्ष बाद एक बार फिर से शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में चेकपोस्ट खोले जाने की घोषणा कर दी गई है और परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में पत्र जारी होने के बाद सभी चेकपोस्ट पर तैयारी शुरू हो गई है. लेकिन कवर्धा में परिवहन विभाग इसे लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. यही कारण है कि आदेश के चार दिन बाद भी जिले के चिल्फी में अभी तक परिवहन के कोई अधिकारी- कर्मचारी चेकपोस्ट में मौजूद नहीं है.
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आदेश के बाद भी नहीं शुरू हुई चिल्फी चेकपोस्ट में चेकिंग
कवर्धा का चिल्फी घाटी मध्यप्रदेश के सीमा से लगा हुआ है और छत्तीसगढ़ के आखिरी छोर का इलाका है. जहां से हर रोज अन्य प्रदेशों से सैकड़ों वाहन प्रदेश में प्रवेश कर छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों के लिए परिवहन करते हैं. लेकिन शासन के आदेश के बावजूद चिल्फी चेकपोस्ट शुरू करने की तैयारी यहां अधूरी दिख रही है. पूर्ववर्ती सरकार में जहां बेरियर लगाकर विभाग अपना काम करती थी. अब बैरियर बंद होने के बाद वहां होटल चल रहा है. विभाग के कर्मचारियों द्वारा दुकान संचालक को बैरियर खुलने की जानकारी देकर जगह खाली करने को बोल दिया गया है, जिसके चलते दुकान संचालक ने अपना सामान समेट लिया है. लेकिन चेकपोस्ट में जांच अभी तक शुरू नहीं हो सकी है.
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लंबी कतारों का डर, ट्रकचालकों में मायूसी
छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार जहां राजस्व प्राप्ति के लिए बैरियर खोलने की आवश्यकता बता रही है. तो वहीं बैरियर खुलने के फैसले के बाद से दूसरे राज्यों से यहां से होकर गुजरने वाले ट्रक चालक और परिचालकों में मायूसी देखी जा रही है. दरअसल ट्रक चालकों की माने तो बेरियर खुलने के बाद अब फिर इस स्थान पर वाहनों की लंबी कतारें लगने लगेंगी. जिससे उन्हे अपनी मंजिल तक पहुंचने में काफी देरी होगी. जिससे कई बार गाड़ी में रखे कच्चे माल के खराब होने की भी गुंजाइश ज्यादा होगी. ट्रक यूनियन के अध्यक्ष और वाहन चालकों का कहना है कि चेकपोस्ट की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता होनी चाहिये. ओवर लोडिंग पर कार्रवाई हो. लेकिन जो वाहन पूरी तरह से कानूनी मापदंडों का पालन कर रहे हो उसे अनावश्यक कतारों में ना खड़े होना पड़े.