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कवर्धा नगर पालिका: स्वच्छता सर्वेक्षण में ओडीएफ+ के लिए सम्मानित, लेकिन लोग नाराज - मुख्य सड़कों पर पार्किंग

यहां के लोगों का कहना है कि अधिकारियों को बार-बार बताने के बाद भी शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई काम नहीं किया गया.

kwardha nagar palika
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Published : Nov 4, 2019, 11:33 PM IST

कवर्धा: शहर को 5 मार्च 1933 को नगर पालिका घोषित किया गया था. वर्तमान में कवर्धा नगर पालिका में कुल 27 वार्ड हैं. अंग्रेजों के जमाने में बनी नगर पालिका के अब्दुल हमीद खान पहले अध्यक्ष बने थे. वर्तमान में कवर्धा नगर पालिका की कुल जनसंख्या 44 हजार 197 बताई जाती है, इसमें 21 हजार 842 पुरुष और 22 हजार 355 महिलाओं की संख्या है. नगर पालिका में कुल 35 हजार 236 मतदाता हैं. इसमें 17 हजार 623 महिला और 17 हजार 613 पुरुष मतदाताओं की संख्या है.

स्वच्छता सर्वेक्षण में ओडीएफ+ के लिए सम्मानित, लेकिन जनता नहीं है खुश

ओडीएफ+ के लिए राष्ट्रपति के हाथो सम्मानित
कवर्धा शहर को 5 मार्च 1933 को नगर पालिका घोषित किया गया था. कवर्धा नगर पालिका को स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत ओडीएफ+ के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिल चुका है. स्थानीय लोगों का मानना है कि, शहर में साफ पेयजल, साफ-सफाई, बिजली के साथ सड़कों स्थिति ठीक नहीं है. लोगों का कहना है कि, नगर पालिका के अधिकारियों को बार-बार बताने के बाद भी शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई काम नहीं किया गया. वर्तमान में शहर में पेजल की बड़ी समस्या है. लेगों का कहना है कि नगर पालिका वार्डों में पेयजल सप्लाई तो करती है, लेकिन वो पानी पीने लायक नहीं है.

शहर में सफाई की स्थिति खराब
शहर में सफाई की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है. लोगों का कहना है कि सड़कों की सफाई तो होती है, लेकिन नालियों की सफाई नहीं होने के कारण शहर में बदबू और मच्छरों की समस्या बनी हुई है. नगर के बहुत से ऐसे भी नाले हैं, जहां निर्माण के बाद से अब तक सफाई ही हुई है. कवर्धा नगर पालिका तो है, लेकिन यहां बच्चों या खिलाड़ियों के खेलने के लिए शहर में एक भी मैदान नहीं है. नगर में जो मैदान है उन्हें नगर पालिका शादी या अन्य कार्यक्रम के लिए किराए पर दे देती है. इसके अलावा नगर में उद्यानों का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन देखरेख के अभाव में निर्माण के बाद कुछ ही महीने बाद सभी उद्यान अस्त-व्यस्त हो गए हैं.

पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं
नगर की मुख्य सड़कों पर पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण बजार में खरीदारी करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और यातायात भी प्रभावित रहता है. नगर पालिका एक हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण करा रही है, लेकिन वो भी शहर से 2 किलोमीटर दूर है, जिसका उपयोग करने के लिए भी शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. शहर के ज्यादातर वार्डों में सड़क की हालत खराब हो चुकी है, लेकिन नगर पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. जबकि नगर में कुछ वार्डों में अच्छी खासी सड़कों पर फिर से सीसी रोड निर्माण कराया जा रहा है. बीते 5 वर्षों में विकास के नाम पर शहर में कराये गए ज्यादातर निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं और लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ रहा है.

कवर्धा: शहर को 5 मार्च 1933 को नगर पालिका घोषित किया गया था. वर्तमान में कवर्धा नगर पालिका में कुल 27 वार्ड हैं. अंग्रेजों के जमाने में बनी नगर पालिका के अब्दुल हमीद खान पहले अध्यक्ष बने थे. वर्तमान में कवर्धा नगर पालिका की कुल जनसंख्या 44 हजार 197 बताई जाती है, इसमें 21 हजार 842 पुरुष और 22 हजार 355 महिलाओं की संख्या है. नगर पालिका में कुल 35 हजार 236 मतदाता हैं. इसमें 17 हजार 623 महिला और 17 हजार 613 पुरुष मतदाताओं की संख्या है.

स्वच्छता सर्वेक्षण में ओडीएफ+ के लिए सम्मानित, लेकिन जनता नहीं है खुश

ओडीएफ+ के लिए राष्ट्रपति के हाथो सम्मानित
कवर्धा शहर को 5 मार्च 1933 को नगर पालिका घोषित किया गया था. कवर्धा नगर पालिका को स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत ओडीएफ+ के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिल चुका है. स्थानीय लोगों का मानना है कि, शहर में साफ पेयजल, साफ-सफाई, बिजली के साथ सड़कों स्थिति ठीक नहीं है. लोगों का कहना है कि, नगर पालिका के अधिकारियों को बार-बार बताने के बाद भी शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई काम नहीं किया गया. वर्तमान में शहर में पेजल की बड़ी समस्या है. लेगों का कहना है कि नगर पालिका वार्डों में पेयजल सप्लाई तो करती है, लेकिन वो पानी पीने लायक नहीं है.

शहर में सफाई की स्थिति खराब
शहर में सफाई की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है. लोगों का कहना है कि सड़कों की सफाई तो होती है, लेकिन नालियों की सफाई नहीं होने के कारण शहर में बदबू और मच्छरों की समस्या बनी हुई है. नगर के बहुत से ऐसे भी नाले हैं, जहां निर्माण के बाद से अब तक सफाई ही हुई है. कवर्धा नगर पालिका तो है, लेकिन यहां बच्चों या खिलाड़ियों के खेलने के लिए शहर में एक भी मैदान नहीं है. नगर में जो मैदान है उन्हें नगर पालिका शादी या अन्य कार्यक्रम के लिए किराए पर दे देती है. इसके अलावा नगर में उद्यानों का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन देखरेख के अभाव में निर्माण के बाद कुछ ही महीने बाद सभी उद्यान अस्त-व्यस्त हो गए हैं.

पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं
नगर की मुख्य सड़कों पर पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण बजार में खरीदारी करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और यातायात भी प्रभावित रहता है. नगर पालिका एक हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण करा रही है, लेकिन वो भी शहर से 2 किलोमीटर दूर है, जिसका उपयोग करने के लिए भी शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. शहर के ज्यादातर वार्डों में सड़क की हालत खराब हो चुकी है, लेकिन नगर पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. जबकि नगर में कुछ वार्डों में अच्छी खासी सड़कों पर फिर से सीसी रोड निर्माण कराया जा रहा है. बीते 5 वर्षों में विकास के नाम पर शहर में कराये गए ज्यादातर निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं और लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ रहा है.

Intro:कवर्धा को नगर पालिका का दर्जा 5 मार्च 1933 में मिला था। नगर पालिका मे कुल 27 वार्ड है। वर्तमान मे नगरपालिका अध्यक्ष भाजपा से देवकुमारी चन्द्रवंशी है। नगरपालिका के प्रथम अध्यक्ष पद की बात करे तो सन् 1933 मे चुने गऐ थे अब्दुल हमीद खान,और दूसरी बार निर्वाचित होकर आये राजभूषण अनुराग सेठ। वही बीते वर्षों की बात करे तो नगर पालिका में 15 वर्षों से भाजपा का कब्जा रहा है। नगर पालिका कवर्धा अंतर्गत कुल जनसंख्या 44197 है। वही पुरुष की बात करें तो 21842 और महिला 22355 है।
वही कुल मतदातों की संख्या 35236 है। महिला 17623 है। और पुरुष 17613 है।

नगरपालिका कवर्धा को स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत दिल्ली मे राष्ट्रपति के हाथो सम्मान मिला है, वही नगरपालिका को ओडीएफ + का दर्जा दिया गया है।



Body:जादातर नगरपालिका के नगरवासियों को उम्मीदे नगर की मुलभुत सुविधाओं की होती है, साफ पियेजल, साफ-सफाई, बिजली, अच्छी सड़क होती है। इन सुविधाओं के बाद अगर नगरीय प्रशासन द्वारा लोगों की सुविधाएं व मनोरंजन के लिए कराये विकास की होती है। लेकिन यहां विकास की बात तो दूर लोगों को मुलभुत सुविधाएं भी नसीब नही हो पा रही है।
और तो और नगरपालिका के चक्कर लगाने के बावजूद कोई निराकरण नही हो पाया। नगर में सबसे बड़ी समस्या पिये जल की है, दरअसल नगर पालिका द्वारा वार्डों में पिये जल सप्लाई किया जाता तो है लेकिन काफी गंदा होता है ,जिसे किसी भी स्थिति में पीने के उपयोग में नहीं लिया जा सकता, इसी कारण लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है ।वही सफाई की अगर बात करें तो नगर के सड़कों की सफाई तो होती है ,लेकिन नालियों की सफाई नहीं होने के कारण शहर में बदबू व मच्छरों की समस्या बनी हुई है और लोग बीमारी के शिकार हो रहे है ,यहां तक कि नगर के बहुत से ऐसे भी नाले हैं जहां निर्माण के बाद से अब तक सफाई नहीं की गई है, वही नगर में खिलाड़ियों के खेलने के लिए खेल के मैदान भी नहीं है ,इस कारण खिलाड़ियों को इधर- उधर भटकना पता है, नगर में जो मैदान है उन पर नगर पालिका द्वारा शादी व अन्य कार्यक्रमों के लिए किराए पर दे दिया जाता है, इसलिए मैदानों के उपयोग बच्चे नहीं कर पाते हैं ,साथ ही नगर में अनेकों उद्यानों का निर्माण तो किया गया है लेकिन देखरेख के अभाव में निर्माण के बाद कुछ ही माह में सारे उद्यान अस्त -व्यस्त हो गए हैं , कई उद्यान बंद भी हो चुके हैं । और लोग यहां जाना भी पसंद नहीं करते वहा अब असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। वही नगर की मेन सड़को में पार्किंग व्यवस्था भी नहीं है, बजार मे खरीदारी करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और यातायात प्रभावित भी हो जाता है। साथ ही नगर पालिका द्वारा हाईटेक बस स्टैंड का भी निर्माण करवाया जा रहा है, लेकिन उपयोग करना आम लोगों को कठिनाई भरा होगा क्योंकि बस स्टैंड की दूरी शहर से लगभग 2 किलोमीटर है ,ऐसे में आम लोग को वहां तक पहुंचने के लिए समस्याएं होंना तय है ,साथ ही नगर के बहुत से वार्डों में सड़क की हालत दयनीय हो चुकी है ,लेकिन नगर पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही है ,जबकि नगर में कुछ वार्डों में अच्छे खासे सड़क को फिर से सीसी रोड निर्माण कराया जा रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि जब नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा से चुनी गई तो लोगों को यह उम्मीद थी प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह इसी नगर से है, तो नगर पालिका को इससे काफी लाभ होगा और शहर का विकास भी अधिक होगा लेकिन आलम कुछ अलग ही नजर आया इन 5 वर्षों में विकास के नाम पर निर्माण कराए गए जो कि ज्यादातर भ्रष्टाचार के भेट चड़ गया। और लोगों को मुलभुत सुविधाओं के लिए भी जुझना पड रहा है।


Conclusion:• नगर के युवा व्यापारी या वरिष्ठ नागरिक जीन से भी बात की जाए उन लोगों का यही कहना है कि नगर में विकास तो दूर की बात है, नगर पालिका द्वारा मूलभूत की भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी।

बाईट01 विकास सेठिया, व्यपारी
बाईट02 अलताफ खान, वरिष्ट नागरिक
बाईट03 विकास केशरी, यूवा
बाईट04 देवकुमारी चन्द्रवंशी, अध्यक्ष नगरपालिका
बाईट05 जमिल खान, नेता प्रतिपक्ष
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