कवर्धा: कोविड़-19 को लेकर विश्व में हाहाकार मचा हुआ हैं. हर घंटे में प्रभावित और मौत का आंकड़ा लगातार बदलता जा रहा है. स्थिति भयावह हो चुकी है. प्रवासी मजदूरों के कारण कवर्धा ग्रीन जोन से सीधा रेड जोन और हाई अलर्ट पर पहुंच चुका है. बावजूद इसके बिना रोक-टोक के प्रवासी मजदूर जिले में दाखिल हो रहे हैं. प्रवासी मजदूर बिना स्वास्थ्य चेकअप के ही दाखिल हो रहे हैं, जिससे कवर्धा में भयावह स्तिथि पैदा हो सकती है.
ओडिशा में फंसे 110 मजदूरों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लगाई गुहार
कवर्धा के लोगों का कहना है कि जब से 6 प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. तब से छत्तीसगढ़ की नजर कवर्धा जिला पर लगी हुई है. उसके बाद भी प्रशासनिक अमला की लापरवाही देखने को मिल रही है. कवर्धा जिले मे चारों ओर से सैकड़ों प्रवासी मजदूर बिना रोक-टोक के घुस रहे हैं. स्वयं से प्रशासन को जानकारी देकर क्वारेंटाइन होने वाले लोग ही क्वारेंटाइन किये जा रहे हैं. इस तरह अगर लापरवाही चलती रही तो कवर्धा जिले मे भयावह स्तिथि बन सकती है.

मजदूरों की कहीं मदद, कहीं मजबूरी
जंगल के रास्ते आ रहे मजदूर
बता दें कि अन्य राज्यों से आने वाले मजदूर पैदल ही सफर कर रहे हैं. इसलिए वह सड़क के रास्ते न आकर शॉर्टकट जंगल के रास्ते आ रहे हैं. शिविर मे क्वारेंटाइन होने के डर मे रात के अंधेरे मे जिले मे दाखिल होकर अपने गांव तक पहुंच जाते हैं. ज्यादातर मजदूर हैदराबाद, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से आने वाले हैं. यदि इनमें से एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज होगा, तो पूरे इलाके के साथ जिले के लिए एक बार फिर बेहद विस्फोटक स्थिति बन सकती है, क्योंकि देखते ही देखते आंकड़े छह हो गए हैं, जो कभी भी बढ़ सकता है.