कवर्धा: सरिता काठले हत्याकांड में कबीरधाम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीनिवासन तिवारी ने सबूतों के आधार पर मृतका के सास ससुर और पति को दोषी पाया. कोर्ट ने हत्या के मुख्य आरोपी बलदाऊ काठले को आजीवन कारावास और 2500 जुर्माना, सास भगवंतीन बाई काठले को आजीवन कारावास और 1500 रुपए जुर्माना और विजय काठले को 14 साल कारावास समेत 1000 रुपए जुर्माना लगाया है. जज के फैसला सुनाते ही तीनों आरोपी चीख कर रोने लगे. यही नहीं आरोपी मजिस्ट्रेट के सामने बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े.मेडिकल चेकअप के बाद तीनों नार्मल हुए, फिर आरोपियों को जेल भेजा गया है.
क्या था पूरा मामला: यह मामला 21 फरवरी 2022 का है. कबीरधाम जिला के कुकदूर थाना क्षेत्र अंतर्गत सनकपाट गांव में आरोपी ससूर बलदाऊ काठले और सास भगवंतीन बाई काठले और पति विजय काठले ने सरिता की देशी कट्टा से गोली मारकर हत्या कर दी थी. कुकदूर पुलिस ने जांच कर मुख्य आरोपी ससुर , सास और पति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. पुलिस ने आरोपी के आलमारी से हत्या में इस्तेमाल देशी कट्टा भी बरामद किया था. कुछ दिन बाद तीनों आरोपी जमानत पर रिहा हो गए थे. बुधवार को इस मामले में सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को सजा सुनाई गई.
क्या थी हत्या की वजह: मृतक सरिता काठले ससुराल वालों के साथ ज्वाइंट फैमिली में रहती थी. परिवार में पति, सास ससुर, एक देवर साथ में रहता था. जमीन जायदाद को लेकर मृतका का ससुराल वालों के साथ पिछले 2 साल से विवाद चल रहा था. इस दौरान देवर की शादी पास के ही गांव की एक लड़की से तय हो गई. शादी में नई बहू के लिए जेवर ले जाने के लिए सास ससुर ने सरिता से उसके जेवर की मांग की. सरिता ने जेवर देने से साफ मना कर दिया और शादी का विरोध करने लगी. शादी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल भी नहीं होने की बात कह दी, जिससे ससुर बलदाऊ आगबबूला हो गया और सरिता की हत्या की योजना बनाई.
कैसे दिया घटना को अंजाम: नाराज सास ससुर और पति ने हत्याकांड को अंजाम देने की योजना बनाई. पति विजय काठले ने एक देशी तमंचे का इंतजाम किया. 21 फरवरी 2022 की घटना वाली रात पति ने सरिता से लड़ाई किया. फिर पति दोनों बच्चों को लेकर दूसरे कमरे में सोने चला गया. महिला अपने कमरे में अकेले सो रही थी. इसी दौरान ससुर बलदाऊ काठले ने सरिता के पीठ में एक गोली मारकर हत्या कर दिया. पीठ पर गोली लगने से महिला के पेट की अंतड़ियां बाहर आ गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
दूसरे दिन सुबह रोज कि तरह सभी अपने अपने काम में चले गए. ससुर दोनों बच्चों को बाजार घुमाने ले गया. पति अपने काम में चला गया और सास बाड़ी में काम करने लगी. दोपहर में बाड़ी से लौटने के बाद खुद ही हल्ला मचाने लगी और मोहल्ले को इकट्ठा कर दिया और हत्या होने की बात कहने लगी. आरोपी बलदाऊ ने कुकदूर थाना जाकर बहू की हत्या होने कि शिकायत दर्ज कराया. फिर पुलिस ने छानबीन शुरू की. पड़ोसियों से पारिवारिक विवाद का पता चला. फिर पुलिस ने तीनों आरोपियों को थाना ले जाकर कड़ाई से पूछताछ कि तो आरोपियों ने जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल देशी कट्टा भी बरामद किया. तीनों आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया, फिर जेल भेज दिया गया.
मृतका सरिता की ओर से पैरवी कर रहे सरकारी वकील संजय सोनी ने बताया कि लगभग 18 महिने चली सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीनिवासन तिवारी की कोर्ट में फैसला सुनाया गया. हत्या के आरोपी ससुर सास को आजीवन कारावास और पति को 14 वर्ष की सजा सुनाई गई है. तीनों पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.