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Sarodha Dadar won National Award :छत्तीसगढ़ के मिनी शिमला सरोधा दादर ने जीता राष्ट्रीय पुरस्कार,जानिए क्या हैं खूबियां ?

Sarodha Dadar won National Award कवर्धा जिले का पिकनिक स्पॉट सरोधा दादर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है.इस पर्यटन स्थल की खास बात ये है कि ये पर्यटकों को सुकून के साथ रोमांच के पल भी देता है.आपको बता दें कि केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इस साल सरोधा दादर गांव को राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर कैटेगिरी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार दिया है. आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ के मिनी शिमला के नाम से मशहूर सरोधा दादर की खूबियां.Mini Shimla Of Chhattisgarh Saroda Dadar

Mini Shimla Saroda Dadar Tourist Spot
पिकनिक स्पॉट सरोधा दादर का जादू
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 27, 2023, 9:38 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 12:03 AM IST

पिकनिक स्पॉट सरोधा दादर का जादू

कवर्धा : विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर सरोधा दादर को देश भर के 795 गांवों में से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चुना गया. पर्यटन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सरोधा दादर गांव के मंगल सिंह धुर्वे ने इस पुरस्कार को लिया. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कबीरधाम जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम किया है.इसके लिए जिले के चिल्फी घाटी के गांवों को विकसित किया गया है. ग्रामीण पर्यटन गांव सरोधा दादर के विकास के अध्ययन के लिए कलेक्टर जनमेजय महोबे, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने राज्य के अलग-अलग जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले इंफ्ल्यूएंसर को बुलाकर भ्रमण कराया.

कैसे की गई पुरस्कार के लिए तैयारी : पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सरोधा दादर का नाम प्रतियोगिता में भेजने से पहले राज्य के भीतर जिले एक अन्दर ही प्रतियोगिता आयोजित की गई. जिसमें सात गांवों को शामिल किया गया. इनमें से चौरा, डोंगरियाकला और सरोधा दादर का चयन हुआ. इसके बाद तीन स्तर पर नेशनल प्रतियोगिता हुई. आवेदन पत्र के साथ ही सरोधा दादर पर बेस्ड पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन और वीडियो भी भेजे गए थे.इसके अलावा गांव की विशेषता बताने वाली तस्वीरों का संकलन भी प्रतियोगिता में भेजा गया.

कैसे हुआ गांव का चयन : अधिकारियों के मुताबिक सरोधा दादर के आदिवासी परिवेश और ठेठ ग्रामीण वातावरण को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र माना गया. इंफ्लुएन्सर मीट के अलावा, स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करने वाली पर्यटन संस्थाओं और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी से गांव का प्रचार प्रसार किया गया. चिल्फी घाटी में प्रचलित हाथ से की गई कशीदाकारी और चित्रकारी का भी प्रचार हुआ. इसी आधार पर सरोधा दादर का चयन सिल्वर कैटेगिरी में देश के सर्वश्रेष्ठ गांव के तौर पर हुआ.

नौ वर्गों में मिली श्रेष्ठता : सरोधा दादर को ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से स्थानीय परिवेश और प्राकृतिक मूल्यों के कारण नौ वर्गों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर यह पुरस्कार मिला. इनमें प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण, आर्थिक आत्म-निर्भरता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक आत्म निर्भरता, अधो संरचना तथा परिवहन संपर्क जैसे मापदण्ड शामिल किए गए थे.

सरोधा दादर की खूबियां : जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर जोहर एथनिक रिसॉर्ट सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. टेढ़े-मेढ़े घाटी से होते हुए मिनी शिमला के नाम से मशहूर चिल्फी घाटी से लगा ये क्षेत्र काफी मशहूर है. जोहर एथनिक रिसार्ट अपनी खूबसूरत वादियों और सुव्यवस्थित पर्यटन केंद्र के लिए जाना जाता है.यहां का नजारा और मनमोहक वातावरण का आनंद लेने देश विदेश से सैलानी जुटते हैं.

कैसी है यहां रुकने की व्यवस्था : वनों और पहाड़ों से घिरा सरोधा दादर में बने वूडन कॉटेज सैलानियों को अलग ही दुनिया में लेकर जाते हैं. यही वजह है कि पर्यटक यहां एक बार आने के बाद हर बार यहां आने का मौका तलाशते हैं. वैसे तो साल भर यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है.लेकिन सर्दी के मौसम में चिल्फी घाटी का ये पर्यटन केंद्र लोगों को काफी लुभाता है. पेड़ पौधों पर जमी बर्फ की हल्की चादर का नजारा पर्यटकों का मन मोह लेता है.ठंड के मौसम में चारों ओर कोहरा ही कोहरा होता है.इस वजह से चिल्फी को छत्तीसगढ़ का मिनी कश्मीर कहा जाता है.यहां निवास करने वाले बैगा जनजाति के लोग इस प्राकृतिक संपदा पर निर्भर है.

बैगा एथनिक रिजॉर्ट: बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधा दादर चिल्फी से 5 किलोमीटर ऊपर पर्वत पर है. इस जगह से पहाड़ों की असली सुंदरता दिखाई देती है. मैकल पर्वत से घिरा यह जगह का सौंदर्य बहुत आनंद देता है. इस जगह से सूर्य का उदय और सूर्य का अस्त प्राकृतिक मौसमों का परिवर्तन कोई भी आसानी से देख सकता है. इस जगह पर लोग दूर दूर से पिकनिक मनाने भी आते हैं. सरोधा दादर में एक वॉच टावर का निर्माण किया गया है. जिससे प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सके.सरोधा दादर को एशिया महाद्वीप का केंद्र बिंदु माना गया है.

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कबीरधाम जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोधा दादर लोगों को सुकून के साथ-साथ एडवेंचर का भी अनुभव कराता है. सुकून की तलाश में आए सैलानियों को सरोधा दादर मनोरंजन के पल भी देता है.यहां पर सैलानी पिकनिक मनाने के साथ ट्रैकिंग भी कर सकते हैं.कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के कवर्धा का ये हिल स्टेशन प्रदेश को पर्यटन के नक्शे में चमका रहा है.

पिकनिक स्पॉट सरोधा दादर का जादू

कवर्धा : विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर सरोधा दादर को देश भर के 795 गांवों में से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चुना गया. पर्यटन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सरोधा दादर गांव के मंगल सिंह धुर्वे ने इस पुरस्कार को लिया. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कबीरधाम जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम किया है.इसके लिए जिले के चिल्फी घाटी के गांवों को विकसित किया गया है. ग्रामीण पर्यटन गांव सरोधा दादर के विकास के अध्ययन के लिए कलेक्टर जनमेजय महोबे, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने राज्य के अलग-अलग जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले इंफ्ल्यूएंसर को बुलाकर भ्रमण कराया.

कैसे की गई पुरस्कार के लिए तैयारी : पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सरोधा दादर का नाम प्रतियोगिता में भेजने से पहले राज्य के भीतर जिले एक अन्दर ही प्रतियोगिता आयोजित की गई. जिसमें सात गांवों को शामिल किया गया. इनमें से चौरा, डोंगरियाकला और सरोधा दादर का चयन हुआ. इसके बाद तीन स्तर पर नेशनल प्रतियोगिता हुई. आवेदन पत्र के साथ ही सरोधा दादर पर बेस्ड पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन और वीडियो भी भेजे गए थे.इसके अलावा गांव की विशेषता बताने वाली तस्वीरों का संकलन भी प्रतियोगिता में भेजा गया.

कैसे हुआ गांव का चयन : अधिकारियों के मुताबिक सरोधा दादर के आदिवासी परिवेश और ठेठ ग्रामीण वातावरण को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र माना गया. इंफ्लुएन्सर मीट के अलावा, स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करने वाली पर्यटन संस्थाओं और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी से गांव का प्रचार प्रसार किया गया. चिल्फी घाटी में प्रचलित हाथ से की गई कशीदाकारी और चित्रकारी का भी प्रचार हुआ. इसी आधार पर सरोधा दादर का चयन सिल्वर कैटेगिरी में देश के सर्वश्रेष्ठ गांव के तौर पर हुआ.

नौ वर्गों में मिली श्रेष्ठता : सरोधा दादर को ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से स्थानीय परिवेश और प्राकृतिक मूल्यों के कारण नौ वर्गों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर यह पुरस्कार मिला. इनमें प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण, आर्थिक आत्म-निर्भरता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक आत्म निर्भरता, अधो संरचना तथा परिवहन संपर्क जैसे मापदण्ड शामिल किए गए थे.

सरोधा दादर की खूबियां : जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर जोहर एथनिक रिसॉर्ट सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. टेढ़े-मेढ़े घाटी से होते हुए मिनी शिमला के नाम से मशहूर चिल्फी घाटी से लगा ये क्षेत्र काफी मशहूर है. जोहर एथनिक रिसार्ट अपनी खूबसूरत वादियों और सुव्यवस्थित पर्यटन केंद्र के लिए जाना जाता है.यहां का नजारा और मनमोहक वातावरण का आनंद लेने देश विदेश से सैलानी जुटते हैं.

कैसी है यहां रुकने की व्यवस्था : वनों और पहाड़ों से घिरा सरोधा दादर में बने वूडन कॉटेज सैलानियों को अलग ही दुनिया में लेकर जाते हैं. यही वजह है कि पर्यटक यहां एक बार आने के बाद हर बार यहां आने का मौका तलाशते हैं. वैसे तो साल भर यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है.लेकिन सर्दी के मौसम में चिल्फी घाटी का ये पर्यटन केंद्र लोगों को काफी लुभाता है. पेड़ पौधों पर जमी बर्फ की हल्की चादर का नजारा पर्यटकों का मन मोह लेता है.ठंड के मौसम में चारों ओर कोहरा ही कोहरा होता है.इस वजह से चिल्फी को छत्तीसगढ़ का मिनी कश्मीर कहा जाता है.यहां निवास करने वाले बैगा जनजाति के लोग इस प्राकृतिक संपदा पर निर्भर है.

बैगा एथनिक रिजॉर्ट: बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधा दादर चिल्फी से 5 किलोमीटर ऊपर पर्वत पर है. इस जगह से पहाड़ों की असली सुंदरता दिखाई देती है. मैकल पर्वत से घिरा यह जगह का सौंदर्य बहुत आनंद देता है. इस जगह से सूर्य का उदय और सूर्य का अस्त प्राकृतिक मौसमों का परिवर्तन कोई भी आसानी से देख सकता है. इस जगह पर लोग दूर दूर से पिकनिक मनाने भी आते हैं. सरोधा दादर में एक वॉच टावर का निर्माण किया गया है. जिससे प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सके.सरोधा दादर को एशिया महाद्वीप का केंद्र बिंदु माना गया है.

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कबीरधाम जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोधा दादर लोगों को सुकून के साथ-साथ एडवेंचर का भी अनुभव कराता है. सुकून की तलाश में आए सैलानियों को सरोधा दादर मनोरंजन के पल भी देता है.यहां पर सैलानी पिकनिक मनाने के साथ ट्रैकिंग भी कर सकते हैं.कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के कवर्धा का ये हिल स्टेशन प्रदेश को पर्यटन के नक्शे में चमका रहा है.

Last Updated : Sep 28, 2023, 12:03 AM IST
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