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कवर्धा में बंदरों की हत्या मामले में 3 शिकारी गिरफ्तार, ग्रामीणों ने की थी ये डील

कवर्धा जिले (Kawardha District) के ग्राम कोठार (Kothar) में बंदरों के शिकारी (Monkey hunters) को वन विभाग (Forest department) ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है. फिलहाल तीनों आरोंपियों (Three accused) ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. आरोपियों को 8 अक्टूबर तक रिंमाड (Remand) देकर जेल भेज दिया गया है. इसके साथ ही बंदरों की हत्या (Killing monkeys) में उपयोग किया गया बंदूक सहित सभी समान जब्त कर लिया गया है.

kawardha monkeys murder case
कवर्धा बंदरों की हत्या का मामला
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Published : Sep 26, 2021, 12:15 PM IST

कवर्धाः छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले (Kawardha District) के ग्राम कोठार (Kothar)में बंदरों की हत्या (Killing monkeys) के मामले में शामिल 3 ग्रामीणों को वन विभाग (Forest department) ने गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है. तीनों आरोपियों को न्यायालय (Court) में पेश किया गया. जिसके बाद न्यायालय (Court)ने 8 अक्टूबर तक के लिए आरोपियों को रिमांड पर देकर जेल भेज दिया है.

बंदरों की हत्या (killing monkeys) में उपयोग किए गए दो बंदूक सहित सभी समान जब्त कर लिए गये हैं. इस विषय में कवर्धा जिले के वन मण्डलाधिकारी (Forest divisional officer) दिलराज प्रभाकर ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Forest and Climate Change Department), कवर्धा वन मंडल (Kawardha Forest Division) के जांच दल के द्वारा विश्वसनीय सूत्रों और मुखबिर के आधार पर कोठार ग्राम पंचायत (Kothar Gram Panchayat) के कोठार गांव जाकर बंदरों (Monkeys visiting Kothar village) की हुई. जिसके बाद हत्या की जांच (Murder investigation) की गई है.

आरोपियों की खोज के लिए मुखबिरों को किया गया सक्रिय

मौके पर एक मादा बंदर, मृतक और एक नर बच्चा बंदर घायल अवस्था में वन अमला को मिला था. जिसके बाद आरोपी को गांव में खोजने मुखबिरों को सक्रिय किया गया. मुखबिर की सूचना के आधार पर सियाराम यादव के घर के पिछले हिस्से में खुदाई करने पर एक बंदर का शव बरामद हुआ. जिसके बाद मामले की जांच में पाया गया कि तीन आरोपियों ने मिलकर बंदरों की हत्या की है.

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तीनों आरोपी रिमांड पर

जिसके बाद तथ्यों के आधार पर शिकारी मंगतू पारधी, लखन पारधी, सियाराम पारधी तीनों आरोपियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया. न्यायालय ने 8 अक्टूबर तक के लिए तीनों आरोपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया.

इन अधिनियम के तहत हो सकती है सजा

वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत इन आरोपियों को 2(16), (35), (37), 9, 35(6), 39(1) (अ), (ब), (द), 39(3) (अ), (स), 50, 51 तथा 52 धाराओं के तहत कार्यवाही के अनुसार 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है.

क्या था पूरा मामला

वन विभाग को 19 सितंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि बिरकोना, धरमपुर, इंदौरी, कोठार छाटा आंछी समेत कई गाँव के ग्रामीणों द्वारा बंदरों के उत्पात से परेशान होकर फसलों को बचाने शिकारी बुलाकर बंदरों को मारने के लिए डील हुआ है. इसके साथ ही शिकारियों द्वारा दो दर्जन से अधिक बंदरों को भी मार दिया गया है. सूचना मिलते ही वन विभाग की जांच दल ने गांव मे जांच शुरू किया तो, ग्रामीण सियाराम यादव के माकन के पीछे खोदाई करने में एक बंदर का शव बरामद हुआ. साथ ही एक बंदर घायल हालत मे मिला. जिस पर वन विभाग की टीम ने मृत बंदर को पोस्टमार्टम कर जांच में पाया कि बंदर को छर्रे वाली बंदूक से मारा गया है. जिसपर वन विभाग की टीम ने लगातार जांच कर आरोपी की तलाश की. तलाश के दौरान तीन संदिग्ध को गिरफ्तार कर पूछताछ किया गया. जिसमें आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया.

वहीं, आरोपियों द्वारा हत्या मे इस्तेमाल भरमार बंदूक व अन्य समानों को वन विभाग ने जब्त कर लिया है. हालांकि जिन लोगों ने इन शिकारी को हत्या करने बुलाया था उनका अब तक पता नही चल पाया है. ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस मामले में उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

कवर्धाः छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले (Kawardha District) के ग्राम कोठार (Kothar)में बंदरों की हत्या (Killing monkeys) के मामले में शामिल 3 ग्रामीणों को वन विभाग (Forest department) ने गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है. तीनों आरोपियों को न्यायालय (Court) में पेश किया गया. जिसके बाद न्यायालय (Court)ने 8 अक्टूबर तक के लिए आरोपियों को रिमांड पर देकर जेल भेज दिया है.

बंदरों की हत्या (killing monkeys) में उपयोग किए गए दो बंदूक सहित सभी समान जब्त कर लिए गये हैं. इस विषय में कवर्धा जिले के वन मण्डलाधिकारी (Forest divisional officer) दिलराज प्रभाकर ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Forest and Climate Change Department), कवर्धा वन मंडल (Kawardha Forest Division) के जांच दल के द्वारा विश्वसनीय सूत्रों और मुखबिर के आधार पर कोठार ग्राम पंचायत (Kothar Gram Panchayat) के कोठार गांव जाकर बंदरों (Monkeys visiting Kothar village) की हुई. जिसके बाद हत्या की जांच (Murder investigation) की गई है.

आरोपियों की खोज के लिए मुखबिरों को किया गया सक्रिय

मौके पर एक मादा बंदर, मृतक और एक नर बच्चा बंदर घायल अवस्था में वन अमला को मिला था. जिसके बाद आरोपी को गांव में खोजने मुखबिरों को सक्रिय किया गया. मुखबिर की सूचना के आधार पर सियाराम यादव के घर के पिछले हिस्से में खुदाई करने पर एक बंदर का शव बरामद हुआ. जिसके बाद मामले की जांच में पाया गया कि तीन आरोपियों ने मिलकर बंदरों की हत्या की है.

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तीनों आरोपी रिमांड पर

जिसके बाद तथ्यों के आधार पर शिकारी मंगतू पारधी, लखन पारधी, सियाराम पारधी तीनों आरोपियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया. न्यायालय ने 8 अक्टूबर तक के लिए तीनों आरोपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया.

इन अधिनियम के तहत हो सकती है सजा

वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत इन आरोपियों को 2(16), (35), (37), 9, 35(6), 39(1) (अ), (ब), (द), 39(3) (अ), (स), 50, 51 तथा 52 धाराओं के तहत कार्यवाही के अनुसार 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है.

क्या था पूरा मामला

वन विभाग को 19 सितंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि बिरकोना, धरमपुर, इंदौरी, कोठार छाटा आंछी समेत कई गाँव के ग्रामीणों द्वारा बंदरों के उत्पात से परेशान होकर फसलों को बचाने शिकारी बुलाकर बंदरों को मारने के लिए डील हुआ है. इसके साथ ही शिकारियों द्वारा दो दर्जन से अधिक बंदरों को भी मार दिया गया है. सूचना मिलते ही वन विभाग की जांच दल ने गांव मे जांच शुरू किया तो, ग्रामीण सियाराम यादव के माकन के पीछे खोदाई करने में एक बंदर का शव बरामद हुआ. साथ ही एक बंदर घायल हालत मे मिला. जिस पर वन विभाग की टीम ने मृत बंदर को पोस्टमार्टम कर जांच में पाया कि बंदर को छर्रे वाली बंदूक से मारा गया है. जिसपर वन विभाग की टीम ने लगातार जांच कर आरोपी की तलाश की. तलाश के दौरान तीन संदिग्ध को गिरफ्तार कर पूछताछ किया गया. जिसमें आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया.

वहीं, आरोपियों द्वारा हत्या मे इस्तेमाल भरमार बंदूक व अन्य समानों को वन विभाग ने जब्त कर लिया है. हालांकि जिन लोगों ने इन शिकारी को हत्या करने बुलाया था उनका अब तक पता नही चल पाया है. ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस मामले में उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

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