कवर्धा: लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा किसानों और मजदूरों को परेशान किया है. वहीं दूसरे राज्यों और जिलों में फंसे मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. पंडरिया विकासखंड की ग्रामपंचायत कुन्डा में प्रवासी मजदूरों का आना अभी भी जारी है. मजदूरों को वापस आता देख सभी सरकारी भवनों को राहत शिविर में तब्दील कर दिया गया है.
कोरोना वायरस के चलते दिहाड़ी मजदूरों की रोजी रोटी बंद हो गई थी. कई मजदूर दूसरे राज्यों में रोटी कमाने गए थे, उनके लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. देश में लॉकडाउन लगा होने के चलते लोगों को वाहन की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. परिवहन नहीं मिलने से मजबूरी में मजदूर पैदल ही अपने लोगों से मिलने और घर की याद में निकल गए. जो साधन मिला उसका उपयोग कर हफ़्तों और महीनों में अपने घर पहुंचे. जम्मू कश्मीर, ओडिशा, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से 45 मजदूर सायकिल और ट्रक के साधन से तो कई पैदल ही अपने घर पहुंचे हैं. मजदूरों को अभी राहत शिविर में रखा गया जहां खाने की पूरी व्यवस्था की गई है.
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जम्मू कश्मीर में जीवन यापन के लिए गए रूपचंद पात्रे ने बताया कि जीविका के लिए अकेले गया था. लॉकडाउन की वजह से भूखे मरने की नौबत आ गई थी. सोशल मीडिया से भी गुहार लगाई मगर कुछ नहीं हुआ, जिस कारण 15 दिन पहले पैदल ही निकल पड़े कुछ जगहों पर ट्रक का सहारा मिला तो बाकी पैदल ही भूखे प्यासे आना पड़ा. आते -आते पैरों में सूजन आ गई. राहत शिविर में डॉक्टरों के ओर से शाररिक परीक्षण कर दवाई दी गई है.