कवर्धा: हर साल नवरात्रि की महाष्टमी पर खप्पर निकालने की सदियों पुरानी परंपरा पर प्रशासन ने रोक लगा दिया. कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के डर से प्रशासन ने ये कदम उठाया है.
दरअसल, खप्पर को देवी का स्वरूप माना जाता है, मान्यता है कि अष्टमी के दिन आधी रात को देवी मां मनुष्य के शरीर में प्रवेश करती हैं और नगर का भ्रमण करती हैं, सदियों पुरानी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हर नवरात्रि पर खप्पर निकाला जाता है, जिसमें एक हाथ में जलती आग और दूसरे हाथ में चमचमाती तलवार लेकर मंदिर से निकलते हैं, इस दौरान मंदिर के पंडा, पुजारी खप्पर को शांत कराने पीछे-पीछे जाते हैं.
खप्पर निकालने के पीछे मान्यता ये भी है कि बरसों पहले फैली महामारी को रोकने के लिए खप्पर शुरू किया गया था. मंदिर के पुजारी कोरोना वायरस जो कि अब महामारी का रूप ले चुकी है उसे खत्म करने खप्पर निकालने की मांग कर रहे हैं.