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चोला परिवर्तन कार्यक्रम में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक - कबीरधाम की बड़ी खबर

रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर सिख समुदाय द्वारा चोला परिवर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में सियाराम कौशिक और धरमलाल कौशिक भी शामिल हुए

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चोला परिवर्तन कार्यक्रम
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Published : Aug 23, 2021, 2:33 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 4:07 PM IST

कबीरधाम: रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर सिख समुदाय द्वारा चोला परिवर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और सियाराम ने शिरकत की. कबीरधाम में आयोजित चोला परिवर्तन कार्यक्रम में सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य समाज के हजारों लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.यह कार्यक्रम पंडरिया ब्लॉक के कुंडा गांव के बब्बे डेरा में एक माह का अखंड पाठ रखने के बाद रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर विधिविधान के साथ मनाया गया.

चोला परिवर्तन कार्यक्रम

आपको बता दें कि बब्बे डेरा गुरुद्वारा कुंडा में यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. यहां सिख समाज द्वारा एक माह से बब्बे डेरा गुरुद्वारे में अखंड पाठ रखकर विधि विधान के साथ अरदास और पाठ किया जाता है. इस दिन गुरुद्वारे में चोला परिवर्तन कर लंगर भी लोगों को कराया जाता है.

चोला परिवर्तन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां दूर-दूर से हजारों की संख्या में सिख समुदाय के लोग आते हैं. यहां इस दिन अखंड पाठ को सिर पर रखकर बैंड बाजे के साथ नगर का भ्रमण किया जाता है. रविवार को रक्षाबंधन के दिन कल जब यह कार्यक्रम मनाया गया तो सियाराम कौशिक और महेश चंद्रवंशी ने कार्यक्रम में शामिल होकर गुरुद्वारे में मात्था टेका. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी गुरुद्धारे में मत्था टेका. साथ ही उन्होंने देश के हित में कोरोना वायरस और अन्य बीमारी से निजात पाने के लिए प्रार्थना की.

छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में औसत से कम बारिश, बर्बादी की ओर धान की फसल

सिख धर्म (खालसा या सिखमत ) की शुरुआत 15वीं सदी में गुरु नानक देव ने की थी. सिखों के धार्मिक ग्रन्थ श्री आदि ग्रंथ या गुरु ग्रंथ साहिब और दसम ग्रन्थ हैं. सिख धर्म में इनके धार्मिक स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं.

कबीरधाम: रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर सिख समुदाय द्वारा चोला परिवर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और सियाराम ने शिरकत की. कबीरधाम में आयोजित चोला परिवर्तन कार्यक्रम में सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य समाज के हजारों लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.यह कार्यक्रम पंडरिया ब्लॉक के कुंडा गांव के बब्बे डेरा में एक माह का अखंड पाठ रखने के बाद रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर विधिविधान के साथ मनाया गया.

चोला परिवर्तन कार्यक्रम

आपको बता दें कि बब्बे डेरा गुरुद्वारा कुंडा में यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. यहां सिख समाज द्वारा एक माह से बब्बे डेरा गुरुद्वारे में अखंड पाठ रखकर विधि विधान के साथ अरदास और पाठ किया जाता है. इस दिन गुरुद्वारे में चोला परिवर्तन कर लंगर भी लोगों को कराया जाता है.

चोला परिवर्तन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां दूर-दूर से हजारों की संख्या में सिख समुदाय के लोग आते हैं. यहां इस दिन अखंड पाठ को सिर पर रखकर बैंड बाजे के साथ नगर का भ्रमण किया जाता है. रविवार को रक्षाबंधन के दिन कल जब यह कार्यक्रम मनाया गया तो सियाराम कौशिक और महेश चंद्रवंशी ने कार्यक्रम में शामिल होकर गुरुद्वारे में मात्था टेका. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी गुरुद्धारे में मत्था टेका. साथ ही उन्होंने देश के हित में कोरोना वायरस और अन्य बीमारी से निजात पाने के लिए प्रार्थना की.

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सिख धर्म (खालसा या सिखमत ) की शुरुआत 15वीं सदी में गुरु नानक देव ने की थी. सिखों के धार्मिक ग्रन्थ श्री आदि ग्रंथ या गुरु ग्रंथ साहिब और दसम ग्रन्थ हैं. सिख धर्म में इनके धार्मिक स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं.

Last Updated : Aug 23, 2021, 4:07 PM IST
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