कवर्धा: जिले के चिल्फी घाटी के कुंडपानी गांव में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां गर्म पानी से झुलसे आदिवासी बैगा युवक को 10 घंटे बाद भी इलाज नहीं मिल पाया, जिस वजह से वह इस दौरान दर्द से तड़पता रहा.
चिल्फी घाटी क्षेत्र के कुंडपानी गांव में बीती रात आदिवासी बैगा युवक गर्म पानी से बुरी तरह झुलस गया.परिजन ने 112 एंबुलेंस की टीम को फोन कर मदद मांगी, लेकिन रात भर इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची और बैगा आदिवासी युवक रात भर दर्द और जलन से तड़पता रहा. गांव के जनप्रतिनिधि को जब मामले की जानकारी लगी, तो सुबह उन्होंने अपने निजी वाहन से युवक को उप स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन वहां भी कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं था, काफी देर इंतजार करने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क किया गया, लेकिन घटना को 10 घंटे बीत जाने के बाद भी युवक को इलाज नहीं मिला.
स्वास्थ्य अधिकारी ने दिया इलाज का आश्वासन
घटना की जानकारी ETV भारत की टीम को लगने के बाद तत्काल स्वास्थ्य अधिकारी से फोन पर संपर्क किया गया, जिस पर स्वास्थ्य अधिकारी सुरेश कुमार तिवारी ने स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ को कोरोना सैंपल लेने के लिए भेजने की बात कहकर मामले को टालने की कोशिश करने लगे. हालांकि अस्पताल में एक स्टाफ की मौजूदगी अनिवार्य बताई. अधिकारी ने तत्काल युवक का इलाज शुरू करने का आश्वासन दिया है.
ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा खामियाजा
इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है की जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है.कोरोना वायरस की जांच के नाम पर दूरस्थ क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी स्टाफ मौजूद नहीं रहता है जिसका खामियाजा गरीब लोगों को उठाना पड़ रहा है.