कवर्धा: नागरिक आपूर्ति निगम (नान) एक समय पर अपने कारनामों के चलते पूरे प्रदेश में सुर्खियों में था, जिसकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई है. कवर्धा में एक बार फिर नान घोटाला हुआ है. बोड़ला वेयर हाउस के अधिकारियों के अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर अब तक करोड़ों के चावल की हेराफेरी करने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल बोड़ला SDM और रायपुर की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है. इसके बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकता है.
कवर्धा के बोड़ला स्थित वेयरहाउस से शासकीय राशन दुकानों में अनाज पहुंचाने के लिए उन अनाजों को ट्रकों में लोड किया जाता है. ये अनाज से भरे ट्रकें अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले बीच में कहीं पर रोके जाते हैं और वहां चावल के कई बोरे उतारकर दूसरी गाड़ियों में रखा जाता है. मुखबिर की सूचना पर SDM ने कार्रवाई की. रविवार की रात बोड़ला वेयरहाउस से अनाज से भरे ट्रक वेयर हाउस के पास एक पेट्रोल पंप पर खड़े थे. जहां ट्रकों में भरे खाद्यान्न की हेराफेरी की जा रही थी. वहां पहुंचकर ये पाया गया कि वेयरहाउस से निकली चावल को शासकीय राशन दुकानों में खाली करने के बजाय पेट्रोल पंप के पीछे ही कुछ लोग चावल के बोरे उतार कर दूसरे वाहनों पर रख रहे थे. मौके पर एसडीएम को देखते ही कुछ लोग वहां से भाग निकले और कुछ लोग वहां रुक गए. जिनसे पूछताछ करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
60 क्विंटल खाद्यान्न कम पाया गया
खाद्य सामाग्री से भरी गाड़ियों को फिर से वेयरहाउस ले जाकर तौलने पर 60 क्विंटल खाद्यान्न कम पाया गया, जबकि वेयरहाउस से निकलने के बाद इन ट्रकों ने किसी भी सोसाइटी के दुकानों में खाद्यान्न नहीं बांटी थी. संदिग्ध गतिविधियों के चलते एसडीएम ने तात्कालिक रूप से वेयर हाउस को सील कर दिया और इनके उच्च कार्यालय को जांच के लिए निर्देशित किया गया. साथ ही जांच के लिए राजधानी रायपुर से अधिकारी भेजे गए जो बोडला वेयर हाउस पहुंचकर वेयरहाउस के सभी दस्तावेजों, निकासी की पर्ची और यहां के रखरखाव जैसे सभी विषयों पर जांच करने में जुटे हुए हैं, हालांकि जांच अधिकारी ने अभी जांच के बिंदु स्पष्ट नहीं किए हैं.
रात में खाद्यान्न निकासी के नहीं है कोई नियम
यहां पर वेयर हाउस में न तो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और न ही खाद्यान्न सामग्री की निकासी पर संबंधित अधिकारियों, ड्राइवर या ट्रक मालिकों के कहीं कोई हस्ताक्षर नहीं है, जबकि नान में रात में खाद्यान्न निकासी के कोई नियम नहीं है. इसके बावजूद यहां पर रात में ट्रकों पर खाद्यान्न लोडिंग करके खाद्यान्न का परिवहन किया जा रहा था, जो संदेह के घेरे में है. फिलहाल अभी तक वेयर हाउस में पदस्थ सभी अधिकारी और कर्मचारी खुद को इन सब से अंजान और साफ बता रहे हैं.
जांच के बाद होंगे कई खुलासे
SDM के मुताबिक यहां के अधिकारियों और ट्रांस्पोर्टर की मिलीभगत से यह खेल सालों से चल रहा है, जिससे शासन को करोड़ों के नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है जबकि नान के जिला अधिकारी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए इतने दिनों तक कोई जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं. वहीं वेयर हाउस के इस मामले में छापामारी कार्रवाई करने वाले एसडीएम की मानें, तो इस मामले के सूक्ष्म जांच करने की जरूरत है. यहां खाद्यान्न घोटाला 2012 से चल रहा है, जो करोड़ों में जा सकता है जो एक गंभीर मामला है. फिलहाल जांच के बाद कई तथ्यों के खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है.