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कवर्धा : धान की खेती में आई परेशानी ने उड़ाई किसानों की नींद, कृषि अधिकारी से लगाई फरियाद

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Published : Aug 31, 2019, 3:50 PM IST

धान की बाली समय से पहले आने पर किसान चिंतित 'लगभग 130 एकड़ में धान की हाईब्रिड बीज फोर्ड 140 का फसल बोया गया था, जिसमें सिर्फ 50 से 60 दिनों में धान की बालियां निकल आई हैं, जबकि सामान्यतौर पर इस बीज की बालियां 140 दिन में निकलती हैं'.

धान की खेती में आई परेशानी ने उड़ाई किसानों की नींद

कवर्धा : कवर्धा जिला प्रदेश में धान की खेती के लिए मशहूर है, लेकिन जिले के कई गांव के किसान इन दिनों धान की बाली समय से पहले निकल आने से चिंतित हैं. बताया जा रहा है कि जिस हाईब्रिड बीज के बाली सामान्यतौर पर 140 दिन में निकलने चाहिए, वे सिर्फ 50 से 60 दिनों में निकल रहे हैं.

धान की खेती में आई परेशानी ने उड़ाई किसानों की नींद

किसानों ने बताया कि 'लगभग 130 एकड़ में धान की हाईब्रिड बीज फोर्ड 140 का फसल बोया गया था, जिसमें सिर्फ 50 से 60 दिनों में धान की बालियां निकल आई हैं, जबकि सामान्यतौर पर इस बीज की बालियां 140 दिन में निकलती हैं'.

ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि उनके पैदावार में गिरावट आएगी, जिससे प्रभावित किसान अब सरकार के समर्थन मूल्य पर अपने धान की फसल खरीदी केंद्रों में नहीं बेच सकेंगे.

बीज केंद्रों की जांच की जायेगी

ग्रामीणों ने मामले की जानकारी कृषि अधिकारी को दी है, जिस पर अधिकारी ने कहा कि 'इस मामले में उन बीज केंद्रों की जांच की जायेगी, जहां से इन किसानों ने यह बीज खरीदा था. वर्तमान में इस कंपनी का बीज नहीं मिलने की बात कही है'.

बिन बुलाई समस्या से परेशान

बता दें कि कांग्रेस सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने की घोषणा की थी. घोषणा के बाद कवर्धा जिले में धान की खेती का रकबा भी बढ़ा, लेकिन किसान अब बिन बुलाई समस्या से परेशान है.

कवर्धा : कवर्धा जिला प्रदेश में धान की खेती के लिए मशहूर है, लेकिन जिले के कई गांव के किसान इन दिनों धान की बाली समय से पहले निकल आने से चिंतित हैं. बताया जा रहा है कि जिस हाईब्रिड बीज के बाली सामान्यतौर पर 140 दिन में निकलने चाहिए, वे सिर्फ 50 से 60 दिनों में निकल रहे हैं.

धान की खेती में आई परेशानी ने उड़ाई किसानों की नींद

किसानों ने बताया कि 'लगभग 130 एकड़ में धान की हाईब्रिड बीज फोर्ड 140 का फसल बोया गया था, जिसमें सिर्फ 50 से 60 दिनों में धान की बालियां निकल आई हैं, जबकि सामान्यतौर पर इस बीज की बालियां 140 दिन में निकलती हैं'.

ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि उनके पैदावार में गिरावट आएगी, जिससे प्रभावित किसान अब सरकार के समर्थन मूल्य पर अपने धान की फसल खरीदी केंद्रों में नहीं बेच सकेंगे.

बीज केंद्रों की जांच की जायेगी

ग्रामीणों ने मामले की जानकारी कृषि अधिकारी को दी है, जिस पर अधिकारी ने कहा कि 'इस मामले में उन बीज केंद्रों की जांच की जायेगी, जहां से इन किसानों ने यह बीज खरीदा था. वर्तमान में इस कंपनी का बीज नहीं मिलने की बात कही है'.

बिन बुलाई समस्या से परेशान

बता दें कि कांग्रेस सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने की घोषणा की थी. घोषणा के बाद कवर्धा जिले में धान की खेती का रकबा भी बढ़ा, लेकिन किसान अब बिन बुलाई समस्या से परेशान है.

Intro:कवर्धा-छत्तीसगढ़ सहित कवर्धा जिला भी धान की खेती के नाम से जाना जाता है,लेकिन कवर्धा जिले के कई गांव के किसान इन दिनों धान की फसल समय से पहले निकल आने से खासे चिंतित दिखाई दे रहें हैं। बताया जा रहा है कि जिस हाईब्रिड बीज के धान सामान्य तौर पर एक सौ चालीस दिनों में निकलना चाहिए वह सिर्फ 50 से 60 दिनों में निकल रहें हैं।
Body:प्रदेश में सरकार बदलते ही कांग्रेस सरकार ने धान की समर्थन मूल्य पच्चीस सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर खरीदने की घोषणा किया। घोषणा के बाद कवर्धा जिले में धान की खेती का रकबा भी बढ़ा । लेकिन कवर्धा जिले के कुसुमघटा,चचेड़ी और बिटकुली गांव के किसान चिंतित नजर आ रहें हैं। बताया जा रहा कि किसानों ने लगभग एक सौ तीस अकड़ में धान की हाईब्रिड बीज फोर्ड 140 का फसल बोया था,जो समय से बहुत पहले ही सिर्फ 50 से 60 दिनों में धान की बालियां निकल आई है,जबकि सामान्य तौर पर इस बीज की बालियां एक सौ 40 दिनों में निकलती है ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि उनके पैदावार में गिरावट आएगी इसके साथ ऐसे प्रभावित किसान अब सरकार के समर्थन मूल्य पर अपने धान की फसल खरीदी केंद्रों में नही बेच सकेंगे। जिससे किसानों को लाखों के नुकसान होने की भय है।Conclusion:वही ग्रामीणों द्वारा मामले की जानकारी कृषि अधिकारी को दिया गया,जिसके बाद अधिकारी मौके का मुआवना करने के बाद बताया कि इस मामले में उन बीज केंद्रों की जांच की जायेगी जहां से इन किसानों ने यह बीज खरीदा था,वर्तमान में इस कंपनी का बीज नही मिलने की बात कही है। अब देखना होगा संबधित बीज के केंद्र संचालको पर क्या कारवाई होती है।

बाईट-01-सनत वर्मा,पीड़ित किसान
बाईट-02-एनएल पांडेय,उपसंचालक कृषि विभाग
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