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क्षतिपूर्ति राशि लेने उमड़ी किसानों की भीड़, तार-तार हुई सोशल डिस्टेंसिंग - Government of Chhattisgarh

रबी फसल के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि लेने के लिए मंगलवार को उपतहसील कुन्डा के किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

Crowds of farmers gathered to take compensation amount
बैंक में किसानों की भीड़
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Published : Dec 16, 2020, 3:03 AM IST

Updated : Dec 16, 2020, 9:16 AM IST

कवर्धा: रबी फसल के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि लेने के लिए मंगलवार को उपतहसील कुन्डा के किसानों की भीड़ लग गई. दरअसल छत्तीसगढ़ शासन की ओर से रबी फसल के लिए दी जाने वाली राशि कई उपतहसीलों को महीनेभर पहले दी गई थी, लेकिन किसी वजह से कुन्डा उपतहसील के किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया था. अब ये राशि शासन ने एक दिन पहले दी. इस राशि को लेने के लिए सहकारी बैंक में हितग्राहियों की भारी भीड़ जमा हो गई.

Crowds of farmers gathered to take compensation amount
सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन

कोरोना की गाइडलाइन का नहीं किया गया पालन

इस दौरान कोरोना माहमारी के मद्देनजर बैंक प्रबंधन की ओर से कोई भी गाइडलाइन या निर्देश जारी नहीं किया गया. इसके अलावा बैंक में पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई.

पढ़ें: बेमेतरा: बारिश से अरहर की फसलों पर कीटों का हमला, अन्नदाता परेशान

विपक्षी दल ने दिया था आवेदन

कुन्डा उपतहसील के किसानों को चने की राशि नहीं मिलने पर विपक्षी दल के नेताओं ने कुछ दिन पहले उपतहसील में लिखित आवेदन भी दिया था. जिसमें किसनों के खाते में जल्द से जल्द राशि डालने की बात कही गई थी. साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर उपतहसील कुन्डा का घेराव करने के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया था.

पल्ला झाड़ते नजर आए प्रबंधक

कोरोना माहमारी की गाइडलाइन को लेकर पूछने पर सहकारिता बैंक के प्रबंधक अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. उन्होंने इसके लिए उल्टा किसानों को ही कसूरवार बता दिया. प्रबंधक आज ही बैंक में ज्वॉइन करने का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारी से बच निकले.

कवर्धा: रबी फसल के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि लेने के लिए मंगलवार को उपतहसील कुन्डा के किसानों की भीड़ लग गई. दरअसल छत्तीसगढ़ शासन की ओर से रबी फसल के लिए दी जाने वाली राशि कई उपतहसीलों को महीनेभर पहले दी गई थी, लेकिन किसी वजह से कुन्डा उपतहसील के किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया था. अब ये राशि शासन ने एक दिन पहले दी. इस राशि को लेने के लिए सहकारी बैंक में हितग्राहियों की भारी भीड़ जमा हो गई.

Crowds of farmers gathered to take compensation amount
सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन

कोरोना की गाइडलाइन का नहीं किया गया पालन

इस दौरान कोरोना माहमारी के मद्देनजर बैंक प्रबंधन की ओर से कोई भी गाइडलाइन या निर्देश जारी नहीं किया गया. इसके अलावा बैंक में पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई.

पढ़ें: बेमेतरा: बारिश से अरहर की फसलों पर कीटों का हमला, अन्नदाता परेशान

विपक्षी दल ने दिया था आवेदन

कुन्डा उपतहसील के किसानों को चने की राशि नहीं मिलने पर विपक्षी दल के नेताओं ने कुछ दिन पहले उपतहसील में लिखित आवेदन भी दिया था. जिसमें किसनों के खाते में जल्द से जल्द राशि डालने की बात कही गई थी. साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर उपतहसील कुन्डा का घेराव करने के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया था.

पल्ला झाड़ते नजर आए प्रबंधक

कोरोना माहमारी की गाइडलाइन को लेकर पूछने पर सहकारिता बैंक के प्रबंधक अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. उन्होंने इसके लिए उल्टा किसानों को ही कसूरवार बता दिया. प्रबंधक आज ही बैंक में ज्वॉइन करने का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारी से बच निकले.

Last Updated : Dec 16, 2020, 9:16 AM IST
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