कवर्धा: लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों के घर लौटने की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. श्रमिक पैदल के अलावा ट्रक या अन्य मालवाहकों में पहुंच रहे हैं. मध्यप्रदेश के सतना जिले से एक ऑटो चालक रायपुर अपने परिवार के साथ रोजी-रोटी की तलाश में आया था, लेकिन कोरोना वायरस की मार से उन्हें बेसहारा और भूखे रहने पर विवश कर दिया है. इसी दौरान चालक ने ETV भारत से अपनी आपबीती सुनाई.
'भूख से मरने की नौबत आई सामने'
चालक ने बताया कि घर मालिक रोज उससे किराया मांगता है, लेकिन उसके पास खाने तक को पैसे नहीं है. वहीं उसने ऑटो रिक्शा भी फायनेंस से लिया हुआ और अब कर्ज नहीं चुका पा रहा है. उसने यह भी बताया कि रोजी-रोटी का एक मात्र सहारा ऑटो रिक्शा था, लेकिन वह भी अब बंद है. चालक का कहना है कि परिवार के भूखे मरने की नौबत आ गई है. इसके साथ ही उसने बताया कि सरकार से घर जाने के लिए कई बार अर्जी की है, लेकिन मदद नहीं मिली. इसके बाद अब वह अपने परिवार के साथ ऑटो रिक्शा से रायपुर से सतना जा रहा है.
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पैदल घर जाने को मजबूर श्रमिक
कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन से मजदूरों की समस्या बढ़ गई है. देशभर से मजदूर अपने घरों के लिए पैदल निकल रहे हैं, वहीं कुछ ट्रेन, बस मालवाहक जैसी वाहनों की मदद ले रहे हैं. छोटे शहरों में काम कर रहे मजदूरों की हालात भी खराब है. लॉकडाउन की वजह से मजदूरों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है. इस कारण दूसरे राज्यों में काम करने के लिए गए मजदूर अब अपने गृह राज्य की ओर रुख करने लगे हैं और उनके लौटने का सिलसिला जारी है. हालांकि प्रवासी मजदूरों को गृह राज्य में लाने के लिए सरकार ने ट्रेन की सुविधा मुहैया कराई है लेकिन मजदूर को सुविधा नहीं मिलने और जानकारी नहीं होने की वजह से वे अपने परिवार के साथ पैदल यात्रा करने के लिए मजबूर हैं.