कवर्धा: कोरोना की दूसरी लहर ने छत्तीसगढ़ (corona second wave in chhattisgarh) में जमकर कहर बरपाया है. वहीं इस दौरान लोगों के घर खुशियां भी आई हैं. कवर्धा जिला कोविड अस्पताल (covid hospital in kawardha) में इस विषम परिस्थितियों में भी किलकारियां गूंजी. कोरोना संक्रमण काल में जिले की करीब दो दर्जन महिलाओं के कोख में पल रहे बच्चे को कोरोना छू नहीं सका. मां भले की संक्रमित हो गईं, लेकिन उनके बच्चे पर इस महामारी का असर नहीं पड़ा. जन्म लेने वाले सभी बच्चे कोरोना के कहर से दूर रहे.
22 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चों को जन्म
कोरोना की दूसरी लहर ने कवर्धा जिले में जमकर हाहाकार मचाया है. जिले में अब तक 22,710 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. वहीं 267 लोगों की मौत कोरोना से हो गई, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के आगे घुटने टेक दिए. जिले में अप्रैल 2021 से लेकर जून 2021 तक करीब 22 कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाएं भर्ती की गई. इन महिलाओं ने खुद कोरोना पॉजिटिव होते हुए कोरोना निगेटिव बच्चों को जन्म दिया.
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नर्सों ने रखा मां की तरह नवजात का ख्याल
बच्चों की तबीयत न बिगड़े इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों को मां से दूर रखा. मां के इस त्याग पर किसी ने 10 तो किसी ने 12 दिन के भीतर कोरोना को मात दिया. इसी बीच बच्चों का पूरा ध्यान मां की तरह अस्पताल में तैनात नर्सों ने रखा.
कोविड अस्पताल में गूंजी किलकारियां
महीना | जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या |
अप्रैल | 10 |
मई | 08 |
जून | 05 |
कुल | 23 |
जुड़वा बच्चों ने भी लिया जन्म
कवर्धा जिला कोविड अस्पताल में अप्रैल से लेकर जून तक सभी चारों ब्लॉक की रहने वाली 22 गर्भवती कोरोना पॉजिटिव महिलाएं भर्ती हुईं, जिसमें लोहारा ब्लॉक की 7, पंडरिया ब्लॉक की 10, बोडला ब्लॉक की 4 और कवर्धा ब्लॉक की रहने वाली 2 गर्भवती महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया. इस दौरान पंडरिया ब्लॉक की एक महिला ने तो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. इस तरह देखें तो 22 गर्भवती कोरोना पॉजिटिव महिलाओं ने 23 बच्चों को सुरक्षित जन्म दिया.
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कोरोना पीड़ित गर्भवती महिलाओं का हुआ सुरक्षित प्रसव
कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने बेहतर तालमेल से संक्रमित मरीजों का बेहतर इलाज किया. वहीं गर्भवती कोरोना पॉजिटिव महिलाओं का सुरक्षित प्रसव भी कराया. हालांकि कोरोना संक्रमित होने के कारण बच्चों को उनकी माताओं से दूर रखा गया, लेकिन इस दौरान जच्चा-बच्चा की सेहत का ख्याल अस्पताल स्टाफ ने रखा.
प्रसव कराना चुनौती भरा रहा: CMHO
कवर्धा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र कुमार मंडल ने बताया कि, एक तरफ जहां कोरोना के मरीजों की जिदंगी बचाना हमारा कर्तव्य था. वहीं इन सभी के बीच कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को प्रवास करना भी हमारे डॉक्टर्स के लिए चैलेंजिंग भरा रहा. इस दौरान खास बात यह रही कि, जिला कोविड अस्पताल में जितनी भी संक्रमित माताओं ने बच्चों को जन्म दिया वे सभी निगेटिव थे. उस दौरान सभी बच्चों को उनके माताओं से अलग रखा गया, बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए बच्चों को कोविड सेंटर मे ही अलग व्यवस्था बनाकर रखा गया था. अब सभी बच्चे अपनी माताओं के साथ स्वस्थ हैं.