जशपुर: जशपुर जिला अस्पताल में देर रात बुखार से पीड़ित महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने जिला अस्पताल का घेराव कर दिया और डॉक्टर पर कार्रवाई के साथ-साथ मुआवजे की मांग की. हंगामे की सूचना मिलते ही देर रात तहसीलदार, एसडीएम और एसडीओपी मौके पर पहुंचे. हालांकि कलेक्टर से परिजनों की बात कराने के बाद मामला शांत (Woman dies during treatment in Jashpur family Protest) हुआ.
ये है पूरा मामला: भागलपुर निवासी प्रभा नायक (22) को बुधवार सुबह 10 बजे के आसपास जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में बुखार की शिकायत में भर्ती किया गया था. मरीज की मलेरिया, टायफाइड जांच रिपोर्ट नेगेटिव आया था. इस दौरान ट्रीटमेंट शुरु हो चुका था. नाइट ड्यूटी में पहुंचे डॉ. धीरेन्द्र अग्रवाल के कहने पर नर्स ने इंजेक्शन दिया. जिसके बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी. घबराहट होने लगी और सांस लेने में महिला मरीज को दिक्कतें होने लगी. परिजनों ने इसकी सूचना तत्काल धीरेन्द्र अग्रवाल को दी. जिस पर उन्होंने परिजनों को डांट कर भगा दिया और मरीज को देखने नहीं पहुंचे. जिसके लगभग आधा घंटे बाद महिला की मौत हो गई.
भाजयुमो ने जांच की मांग की: परिजनों ने इसकी सूचना अपने अन्य रिश्तेदारों और भागलपुर के स्थानीय निवासियों को दिया. जिसके बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जिला अस्पताल पहुंच गए. डॉक्टर पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए जिला अस्पताल के घेराव किया. इस दौरान भाजयुमो कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए और मृतिका के परिजनों के साथ उनकी मांग को जायज ठहराते हुए जांच की मांग करने लगे.
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डॉक्टर ने दी सफाई: परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि " हमने कई बार डॉक्टर अग्रवाल को महिला के गंभीर बीमारी होने की सूचना दी. इसके बावजूद वो महिला का इलाज करने नहीं पहुंचे. जाने कौन सा इंजेक्शन लगाया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. हालांकि डॉ. धीरेंद्र अग्रवाल ने महिला के इलाज के दौरान तत्काल उसे आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए लिखा था. वहां उपस्थित नर्सों द्वारा महिला को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया." इस विषय में आरोपों से घिरे डॉक्टर धीरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि "मरीज सीरियस थी, लिहाजा उन्होंने फिजिशियन बुलाने समेत आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए प्रिस्क्राइब किया था."
आश्वासन के बाद परिजनों ने किया धरना खत्म: इधर, चल रहे हंगामे के बीच जशपुर एसडीएम बालेश्वर राम तहसीलदार विकास जिंदल, एसडीओपी राजेन्द्र सिंह परिहार ने परिजनों को समझाय. इसके साथ अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का भी आश्वासन दिया. कलेक्टर रितेश अग्रवाल से फोन पर परिजनों की बात कराई गई. कलेक्टर ने जांच के साथ-साथ कार्रवाई का भरोसा दिया. जिसके बाद धरना खत्म किया गया.