जशपुर : राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए सरकार ने किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी. लेकिन, किसानों को जमीन का मुआवजा अब तक नहीं मिला है. मुआवजे के लिए सैकड़ों ग्रामीण बीते 3 साल से भटक रहे हैं. चराईडांड़, लोरो, खटंगा, पतराटोली सहित आसपास के ग्रामीणों ने कलेक्टर से अपनी जमीन का मुआवजा देने की गुहार लगाई है.
मध्यप्रदेश के कटनी से झारखंड के गुमला जिले तक राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर निर्माण का काम चल रहा है. यह सड़क जशपुर जिले से होकर गुजरती है. निर्माण के दौरान सड़क चौड़ीकरण किया गया और सड़क के दोनों ओर की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. जिसमे दर्जनों गांव के ग्रामीणों की जमीन चली गई थी.
'ठगा हुआ महसूस कर रहे है'
ग्रामीणों का कहना है कि 'अपनी उपजाऊ जमीन गंवाने के बाद अब न तो उन्हें फसल से आमदनी मिल पा रही है और न ही सरकार मुआवजा मिल रहा है. ऐसे में वो खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
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'लंबित मुआवजे का ब्याज भी मिलना चाहिए'
ग्रामीणों की मांग है कि, उनकी जमीन का वर्तमान बाजार भाव के हिसाब से शासन उन्हें मुआवजे का भुगतान करें. इसके साथ ही तीन साल में फसल से होने वाले लाभ और लंबित मुआवजे का ब्याज भी उन्हें मिलना चाहिए.