जशपुर: छत्तीसगढ़ के चौथे ट्राइबल टूरिस्ट विलेज का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है. केंद्र के पर्यटन विभाग की स्वदेश दर्शन योजना के तहत 8 करोड़ की लागत से शहर के नजदीक बालाछापर में इसका निर्माण किया जा रहा है. वहीं लॉकडाउन की वजह से निर्माण कार्य और लोकार्पण अधर में लटका हुआ है.
इस ट्राइबल विलेज में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पत्थरों की नक्काशीयुक्त एंट्री के साथ ट्राइबल आर्टिशियन सेंटर बनाया गया है. इस सेंटर में स्थानीय कलाकारों के लिए कलाकृतियों को प्रदर्शित कर बेचने की सुविधा दी जाएगी.
ओपन एमपी थिएटर की सुविधा
इसके साथ ही ओपन एमपी थिएटर और लकड़ी से बना कॉटेज भी पर्यटकों को लुभाने के लिए बनकर तैयार हो चुका है. इस कॉटेज में पूरी तरह से जनजातीय जीवन-शैली के साथ पर्यटकों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की योजना है. इसके लिए जशपुरिया व्यंजन परोसने के लिए देशी अंदाज में कैंटीन की सुविधा भी चालू की जाएगी. विलेज में जशपुरिया वातावरण का अहसास कराने के लिए स्थानीय पेड़-पौधे भी रोपे जा रहे हैं.
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भव्य है प्रवेश द्वार
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ट्राइबल टूरिस्ट विलेज की भव्यता का अहसास इसके प्रवेश द्वार को देखकर लगाया जा सकता है. इस प्रवेश द्वार को जशपुर के हर्राडीपा शिल्प शैली से बनाया गया है. इस रियासतकालीन शिल्प शैली के पुरावशेष पूरे जिले में बिखरे हुए है. प्रशासन की योजना इस पुरावशेषों की प्रतिकृति तैयार करा कर यहां प्रदर्शित किए जाने की है.
'पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित करने का प्रयास'
कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि इस विलेज का संचालन पर्यटन विभाग करेगा. अगले 15 दिनों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और लॉकडाउन खुलते ही इसके लोकार्पण के लिए तैयारी की जाएगी. इसके साथ जिले की जैव विविधता को संरक्षित करने इसके प्रचार प्रसार करने का प्रयास किया जा रहा है. पुरातात्विक स्थलों को भी संरक्षित करने और इसके नए सिरे से अध्ययन कर लिपीबद्ध की योजना तैयार की गई.