जशपुर: प्रदेश का जशपुर जिला अपनी अनोखी परंपराओं और मान्यताओं के लिए जाना जाता है. दीपावली के तीसरे दिन भी यहां कुछ ऐसे रीति-रिवाज देखने मिले जिसे जानकर आप आश्चर्य करेंगे.
जिले में भाई-दूज मनाने की अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है. भाई-दूज के दिन सुबह उठते ही बहनें अपने भाइयों को खूब खरी-खोटी सुनाती हैं और मरने का श्राप भी देती हैं. उसके बाद गोवर्धन पूजा की जाती है, पूजा के दौरान ही अपनी जीभ पर रेंगनी (एक प्रकार की स्थानीय वनस्पति) का कांटा चुभा कर प्रायश्चित भी करती हैं.
जशपुर में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसलिए यहां भाई-दूज के पर्व में भी वहां की परंपरा की रौनक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.
ऐसी है मान्यता
श्राप देने और जीभ पर कांटा चुभा कर प्रायश्चित करने के पीछे एक ऐसी मान्यता छिपी हुई है, जो भाई-बहन के प्रेम को अटूट बनाने का काम करती है.
- मान्यता यह है कि किसी समय में यम और यमी (यमराज की बहन) कोई ऐसे व्यक्ति को यमलोक पहुंचाने के उद्देश्य से मृत्यु लोक में विचरण करते रहते हैं, जिसे उसकी बहन द्वारा गाली या श्राप न दिया गया हो.
- उस समय एक भाई ऐसा भी था, जिसकी बहन ने उसे कभी गाली या फिर श्राप नहीं दिया था. बहन उससे बहुत स्नेह करती थी.
- यम और यमी की नजर उस भाई पर पड़ जाती है. तब यम उसकी आत्मा को साथ ले जाने के लिए उसके शरीर को निष्प्राण बनाने के प्रयास में जुट जाता है.
- इसकी भनक बहन को लग जाती है, जिसके बाद बहन अपने भाई को बचाने का पूरा प्रयास करती है.
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बहन अपने भाई को बिना वजह खूब गाली और श्राप देती है. जिससे यम और यमी का मंसूबा अधूरा रह जाता है. फिर भी यम उस भाई का प्राण लेने का पूरा प्रयास करते हैं, लेकिन बहन के प्यार की वजह से भाई का बाल भी बांका यम और यमी नहीं कर पाते. तभी से यह अनोखी परंपरा चली आ रही है.