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यहां भाई दूज के दिन बहनें देती हैं भाइयों को श्राप, जानिए क्या है मान्यता

जशपुर में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसलिए यहां भाई-दूज के पर्व में भी वहां की परंपरा की रौनक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. आप भी जानिए यहां कैसे मनाया जाता है भाई-दूज.

जशपुर का अनोखा भाई-दूज
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Published : Oct 29, 2019, 10:01 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 7:58 AM IST

जशपुर: प्रदेश का जशपुर जिला अपनी अनोखी परंपराओं और मान्यताओं के लिए जाना जाता है. दीपावली के तीसरे दिन भी यहां कुछ ऐसे रीति-रिवाज देखने मिले जिसे जानकर आप आश्चर्य करेंगे.

जशपुर का अनोखा भाई-दूज

जिले में भाई-दूज मनाने की अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है. भाई-दूज के दिन सुबह उठते ही बहनें अपने भाइयों को खूब खरी-खोटी सुनाती हैं और मरने का श्राप भी देती हैं. उसके बाद गोवर्धन पूजा की जाती है, पूजा के दौरान ही अपनी जीभ पर रेंगनी (एक प्रकार की स्थानीय वनस्पति) का कांटा चुभा कर प्रायश्चित भी करती हैं.

जशपुर में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसलिए यहां भाई-दूज के पर्व में भी वहां की परंपरा की रौनक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.

ऐसी है मान्यता
श्राप देने और जीभ पर कांटा चुभा कर प्रायश्चित करने के पीछे एक ऐसी मान्यता छिपी हुई है, जो भाई-बहन के प्रेम को अटूट बनाने का काम करती है.

  • मान्यता यह है कि किसी समय में यम और यमी (यमराज की बहन) कोई ऐसे व्यक्ति को यमलोक पहुंचाने के उद्देश्य से मृत्यु लोक में विचरण करते रहते हैं, जिसे उसकी बहन द्वारा गाली या श्राप न दिया गया हो.
  • उस समय एक भाई ऐसा भी था, जिसकी बहन ने उसे कभी गाली या फिर श्राप नहीं दिया था. बहन उससे बहुत स्नेह करती थी.
  • यम और यमी की नजर उस भाई पर पड़ जाती है. तब यम उसकी आत्मा को साथ ले जाने के लिए उसके शरीर को निष्प्राण बनाने के प्रयास में जुट जाता है.
  • इसकी भनक बहन को लग जाती है, जिसके बाद बहन अपने भाई को बचाने का पूरा प्रयास करती है.

पढ़ें-भाई-दूज की रही धूम, बहनों ने मांगी भाई की लंबी उम्र की दुआ

बहन अपने भाई को बिना वजह खूब गाली और श्राप देती है. जिससे यम और यमी का मंसूबा अधूरा रह जाता है. फिर भी यम उस भाई का प्राण लेने का पूरा प्रयास करते हैं, लेकिन बहन के प्यार की वजह से भाई का बाल भी बांका यम और यमी नहीं कर पाते. तभी से यह अनोखी परंपरा चली आ रही है.

जशपुर: प्रदेश का जशपुर जिला अपनी अनोखी परंपराओं और मान्यताओं के लिए जाना जाता है. दीपावली के तीसरे दिन भी यहां कुछ ऐसे रीति-रिवाज देखने मिले जिसे जानकर आप आश्चर्य करेंगे.

जशपुर का अनोखा भाई-दूज

जिले में भाई-दूज मनाने की अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है. भाई-दूज के दिन सुबह उठते ही बहनें अपने भाइयों को खूब खरी-खोटी सुनाती हैं और मरने का श्राप भी देती हैं. उसके बाद गोवर्धन पूजा की जाती है, पूजा के दौरान ही अपनी जीभ पर रेंगनी (एक प्रकार की स्थानीय वनस्पति) का कांटा चुभा कर प्रायश्चित भी करती हैं.

जशपुर में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसलिए यहां भाई-दूज के पर्व में भी वहां की परंपरा की रौनक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.

ऐसी है मान्यता
श्राप देने और जीभ पर कांटा चुभा कर प्रायश्चित करने के पीछे एक ऐसी मान्यता छिपी हुई है, जो भाई-बहन के प्रेम को अटूट बनाने का काम करती है.

  • मान्यता यह है कि किसी समय में यम और यमी (यमराज की बहन) कोई ऐसे व्यक्ति को यमलोक पहुंचाने के उद्देश्य से मृत्यु लोक में विचरण करते रहते हैं, जिसे उसकी बहन द्वारा गाली या श्राप न दिया गया हो.
  • उस समय एक भाई ऐसा भी था, जिसकी बहन ने उसे कभी गाली या फिर श्राप नहीं दिया था. बहन उससे बहुत स्नेह करती थी.
  • यम और यमी की नजर उस भाई पर पड़ जाती है. तब यम उसकी आत्मा को साथ ले जाने के लिए उसके शरीर को निष्प्राण बनाने के प्रयास में जुट जाता है.
  • इसकी भनक बहन को लग जाती है, जिसके बाद बहन अपने भाई को बचाने का पूरा प्रयास करती है.

पढ़ें-भाई-दूज की रही धूम, बहनों ने मांगी भाई की लंबी उम्र की दुआ

बहन अपने भाई को बिना वजह खूब गाली और श्राप देती है. जिससे यम और यमी का मंसूबा अधूरा रह जाता है. फिर भी यम उस भाई का प्राण लेने का पूरा प्रयास करते हैं, लेकिन बहन के प्यार की वजह से भाई का बाल भी बांका यम और यमी नहीं कर पाते. तभी से यह अनोखी परंपरा चली आ रही है.

Intro:
पहले दिया भाइयों को श्राप, बाद जीभ में कांटा चुभाकर किया प्रायश्चित
पुरानी परंपरा से बहनों ने मनाया भाई-दूज

जशपुर यम के द्वार को कूटते हुए बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की। इस क्षेत्र में परंपरागत रूप से बहनों ने गोधन पूजा कर अपने भाइयों के खुशियों की कामना भी की। अनोखी परंपरा का निर्वहन करते हुए बहनों ने पहले भाइयों को मरने का श्राप दिया, उसके बाद प्रायश्चित करते हुए अपनी जीभ पर कांटा चुभाया। यहां भाई दूज मनाने की अनोखी परंपरा है। जिले में बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या अधिक है। यहां भाई दूज के पर्व में भी वहां की परंपरा की छाप स्पष्ट रूप से दिखती है।


Body:जशपुर में भाई-बहन के प्यार के प्रतीक इस पर्व पर विचित्र परंपरा सदियों से चली आ रही है। सुबह उठते ही बहनें अपने भाइयों को खूब खरी-खोटी सुनाती हैं। यहां तक की भाई को मरने श्राप देती हैं। उसके बाद गोधन पूजा की जाती है, पूजा के दौरान ही अपनी जीभ पर रेंगनी (एक प्रकार की स्थानीय वनस्पति)कांटा चुभा कर प्रायश्चित भी करती हैं।

Conclusion:कांटा चुभाने की मान्यता

श्राप देने एवं जीभ पर कांटा चुभा कर प्रायश्चित करने के पीछे एक ऐसी मान्यता छिपी हुई है, जो भाई-बहन के प्रेम को अटूट और अक्षुण बनाने का कार्य करती हैं। मान्यता के संबंध में श्राप देने के बारे में मान्यता यह है कि किसी समय में यम और यमनी कोई ऐसे व्यक्ति को यमलोक पहुंचाने के उद्देश्य से मृत्यु लोक में विचरण करते रहते हैं। जिसे उसकी बहन द्वारा गाली या श्राप न दिया गया हो। उस समय एक भाई ऐसा भी था, जिसकी बहन ने उसे कभी गाली या फिर श्राप नही दिया था। बहन उससे बहुत स्नेह करती थी। यम और यमनी की नजर उस भाई पर पड़़ जाती है। तब यम उसकी आत्मा को साथ ले जाने के लिए उसके शरीर को निष्प्राण बनाने के प्रयास में जुट जाता है। इसकी भनक बहन को लग जाती है। बहन अपने भाई को बचाने का पूरा प्रयास करती है। बहन अपने भाई को बिना वजह खूब गाली एवं श्राप देती है। जिससे यम और यमनी का मनसूबा अधूरा रह जाता है। फिर भी यम उस भाई का प्राण लेने का पूरा प्रयास करते है। लेकिन बहन के प्यार की वजह से भाई का बाल भी बांका यम और यमनी नहीं कर पाते।
तभी से यह अनोखी परम्परा शदियों से चली आरही है, रक्षाबंधन के बाद भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक यह पर्व मनाया जा रहा है।

बाइट प्रतिमा मिश्रा
बाइट मनोरमा पाठक
बाइट मनोज रमाकांत मिश्र पुरोहित बालाजी मंदिर

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर

Last Updated : Oct 30, 2019, 7:58 AM IST
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