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जशपुर : विचाराधीन कैदी की अस्पताल में मौत, परिजनों ने लगाए ये आरोप

जशपुर जेल में बंद विचाराधीन बंदी की अस्पातल में इलाज के दौरान मौत हो गई है. मामले में मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन और वनकर्मी पर आरोप लगाए हैं.

विचाराधिन बंदी की मौत.
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Published : Jul 10, 2019, 4:44 AM IST

Updated : Jul 10, 2019, 5:00 AM IST

जशपुर : जेल में बंद विचाराधीन बंदी की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई. बंदी की मौत का कारण बीमारी बताया जा रहा है. जेल प्रशासन की सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस की टीम ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम भड़िया का रहने वाला अमृत राम की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. जेल अधीक्षक द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के अनुसार अमृत की तबीयत बिगड़ने पर 8 जून को सुबह 10 बजे जेल से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पूरी जानकारी के लिए देखें वीडियो.
वन अधिनियम के तहत हुई थी गिरफ्तारीमृतक अमृत पर 25 अप्रैल 2018 को वन अधिनियम एवं वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था, जिसके बाद अमृत राम को विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया था. जेल में रहने के दौरान ही अमृत राम की तबीयत खराब हुई और जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.वनकर्मी से हुई थी तीखी बहसमृतक अमृतराम पर जंगल में आग लगाने एवं वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था, लेकिन मृतक के भाई अमित शाह के मुताबिक अमृत घर के आसपास उगे घास और कचरे में आग लगा रहा था. इसे लेकर वनकर्मी से उसकी तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद उसके खिलाफ वनकर्मी द्वारा ये कार्रवाई की गई थी.बंदी के बीमार होने की नहीं दी थी सूचनावहीं परिजनों के मुताबिक जेल प्रशासन ने उन्हें बंदी के बीमार होने की सूचना नहीं दी और सीधे उसकी मृत्यु की सूचना दी गई. बहरहाल पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर एसडीएम से पंचनामा करवाकर शव को पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है.

जशपुर : जेल में बंद विचाराधीन बंदी की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई. बंदी की मौत का कारण बीमारी बताया जा रहा है. जेल प्रशासन की सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस की टीम ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम भड़िया का रहने वाला अमृत राम की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. जेल अधीक्षक द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के अनुसार अमृत की तबीयत बिगड़ने पर 8 जून को सुबह 10 बजे जेल से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पूरी जानकारी के लिए देखें वीडियो.
वन अधिनियम के तहत हुई थी गिरफ्तारीमृतक अमृत पर 25 अप्रैल 2018 को वन अधिनियम एवं वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था, जिसके बाद अमृत राम को विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया था. जेल में रहने के दौरान ही अमृत राम की तबीयत खराब हुई और जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.वनकर्मी से हुई थी तीखी बहसमृतक अमृतराम पर जंगल में आग लगाने एवं वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था, लेकिन मृतक के भाई अमित शाह के मुताबिक अमृत घर के आसपास उगे घास और कचरे में आग लगा रहा था. इसे लेकर वनकर्मी से उसकी तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद उसके खिलाफ वनकर्मी द्वारा ये कार्रवाई की गई थी.बंदी के बीमार होने की नहीं दी थी सूचनावहीं परिजनों के मुताबिक जेल प्रशासन ने उन्हें बंदी के बीमार होने की सूचना नहीं दी और सीधे उसकी मृत्यु की सूचना दी गई. बहरहाल पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर एसडीएम से पंचनामा करवाकर शव को पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है.
Intro:जशपुर जेल में विचाराधीन बंदी की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई मौत का कारण बीमारी बताया जा रहा है जेल प्रशासन की सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस की टीम ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।


Body:पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम भड़िया का रहने वाला अमृत राम की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई जेल अधीक्षक द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के अनुसार अमृत की तबीयत बिगड़ने पर 8 जून को सुबह 10 बजे जेल से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था मृतक अमृत को 25 अप्रैल 2018 को वन अधिनियम एवं वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था जिसके बाद अमृत राम को विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया था जेल में रहने के दौरान ही अमृत राम की तबीयत खराब हुई और जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है


Conclusion: मृतक अमृतराम पर जंगल में आग लगाने एवं वन अधिनियम वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था लेकिन मृतक के भाई अमित शाह के मुताबिक अमृत घर के आसपास उगे घास और कचरे में आग लगा रहा था इसे लेकर वनकर्मी से उसकी तीखी बहस हुई थी इसके बाद उसके खिलाफ वनकर्मी द्वारा यह कार्रवाई की गई थी इसी प्रकार नंद कुमार का कहना था कि जेल प्रशासन ने उन्हें मृतक के बीमार होने की सूचना नहीं दी और सीधे उसकी मृत्यु की सूचना मिली थी।

बहरहाल पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर एसडीएम से पंचनामा करवा कर शव को पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है।

बाइट अमीर साय मृतक का भाई
बाइट नंद कुमार मृतक का भाई
बाइट सुनील दास जाँच अधिकारी सिटी कोतवाली

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Jul 10, 2019, 5:00 AM IST
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