जशपुर: छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य एवं उद्योग और वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुवा ने शनिवार को विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली. यह मीटिंग विश्राम गृह में आयोजित की गई. इस दौरान वन विभाग, उद्यान कृषि, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, मछली पालन विभाग के अधिकारियों से जिले में शासन की योजनाओं की जानकारी लेते हुए उन्हें कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की मंशा है कि दूरस्थ वनांचल के लोगों को सामुदायिक वन अधिकार पत्र, व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वनसंसाधान अधिकार पत्र से अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले. समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि जशपुर जिले में खेती की अपार संभावनाएं है और यहां के किसान चाय, काॅफी, काजू, मिर्च, लीची, स्ट्रॉबेरी, नाशपत्ती की खेती से जुड़े हैं. किसानों को अदरक, हल्दी सहित अन्य खेती के लिए भी प्रोत्साहित करें, ताकि कम लागत में वे अपनी अच्छी आमदनी अर्जित कर सके.
कुटीर उद्योग और लघु उद्योगों को दें बढ़ावा
उन्होंने आगे कहा कि किसानों और स्व-सहायता समूह को लाभांवित करने के लिए छोटे-छोटे कुटीर उद्योग, लघु उद्योग को भी बढ़ावा दें. ताकि दूरस्थ इलाके के किसान उद्योग से जुड़ सके और अपनी आमदनी बढ़ा सकें. उन्होंने अधिकारियों से वन अधिकार अधिनियम की भी जानकारी ली और अधिनियम के तहत वनांचल में निवास करने वाले लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि पूर्व में वन अधिकार पत्र से जिन हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है. उनको मनरेगा के तहत भी भूमि समतलीकरण और अन्य योजनाओं का लाभ दें.
मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित
उन्होंने नरूवा, गरूवा, घुरूवा बाड़ी योजना के तहत जलसंरक्षण और संर्वधन के लिए नाले तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं. कलेक्टर महादेव कावरे ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सन्ना क्षेत्र में खनिज न्यास निधि मद से मिर्च की खेती को बढ़ावा दिया जाए. खनिज न्यास निधि मद से विकासखंड बगीचा में माॅडल के तौर पर कुल 71 हेक्टेयर पर पाॅलीबैग गन्ने का उत्पादन किया जा रहा है. साथ ही गौठानों में वर्मी कंपोस्ट की तैयारी से जुड़े कार्य के लिए निर्देश दिए गए हैं. वन विभाग के अंतर्गत आवर्ती चरई के तहत चारागाह विकसित करने के लिए भी कहा गया है.