जशपुर: मानव तस्करी के लिहाज से जशपुर प्रदेश का सबसे संवेदनशील जिला है. यहां प्लेसमेंट एजेंसियों के दलालों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. जिससे मानव तस्करी के मामलों में कमी आई है. अब इसे रोकने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है. इसकी जागरूकता के लिए पुलिस प्रशासन ने अंजोर रथ का संचालन शुरू किया है.
एक साल में 8 मानव तस्करी के मामले हुए दर्ज
जशपुर पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने बताया कि वर्ष 2020 में जिले में मानव तस्करी के 8 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए थे. इनमे 12 पीड़ितों को बरामद कर लिया गया. उन्होंने बताया कि मानव तस्करी की शिकार होने वालों में 5 लड़के, 4 लड़कियां, 1 महिला और 2 पुरुष शामिल हैं. एसपी ने बताया कि सभी मामलों में चालान पेश कर दिया है. एक मामले में चालान शेष है. उन्होंने बताया कि जिले में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान में पुलिस और पंचायत मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस मामले में पुलिस लगातार सक्रिय है. मानव तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है.
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रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत
समाजसेवी राम प्रकाश पांडे के मुताबिक जशपुर में रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत है. ताकि लोग रोजगार की लालत में मानव तस्करों के चंगुल में न फंस सकें. उनका कहना है कि मानव तस्करी की समस्या से निबटने के लिए स्थानीय युवाओं को उनकी रुचि के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने की आवश्यकता है . इसे लेकर सरकार को काम करने की जरूरत है.