जशपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना का शुभारंभ हरेली पर्व के अवसर पर संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज ने जिले के मनोरा विकासखंड के रेमने गांव में किया. इस दौरन संसदीय सचिव ने स्व सहायता समूह की महिलाओं से दो रुपये किलो में गोबर भी खरीदा. इस दौरान उन्होंने कहा की योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत मनोरा विकासखंड के रेमने गांव में किया है. इसके साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए बनी एसएचजी शेड का शुभांरभ किया गया. इसके साथ पौधरोपण का कार्य भी किया गया. गांव की महिलाओं ने सोमवार को गौठान में अपने घर के गोबर को 2 रुपए किलो में विक्रय किया. इस दौरान पशु पालन विभाग ने 15 हितग्राहियों को उनके पशुओं के लिए पशु पौष्टिक आहार, चरी चारा बीज का वितरण किया.
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वहीं उद्यान विभाग की ओर से 500 फलदार पौधे और मत्स्य विभाग की ओर से मत्स्य बीज और जाल का वितरण किया गया. इस दौरान संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने नरवा, गरूवा, घुरूवा बाड़ी योजना के नारे को चरितार्थ किया है. उन्होंने आगे कहा कि गोधन न्याय योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करना, गांव के छोटे-छोटे नदी-नालों और बाड़ी को सिंचित करना है.
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क्या है गोधन न्याय योजना?
'गोधन न्याय योजना' छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की प्रदेश सरकार की एक नई योजना है. इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे. इससे गांव के लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ मिल सकेगा.