जशपुरः राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहा है. एक ओर देश में जहां डिजिटल क्रांति की बात कही जा रही है. वहीं जिले का जनजाति बहुल्य क्षेत्र सन्ना में लोग मोबाइल नेटवर्क के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से आपातकालीन चिकित्सा सेवा (108) का लाभ नहीं मिलने से कई लोगों की मौत हो चुकी है.
जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित बगीचा जनपद के ग्राम सन्ना में लोग बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसमें वे मुख्य रूप से मोबाइल कनेक्टिविटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
संचार सेवा के लिए तरस रहे ग्रामीण
गांव के सरपंच दिलकुमार भगत ने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी की हालत बहुत खराब है. गांव के दुर्गम इलाके में होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मामले में जिले के आला अधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक युवक ने कहा कि क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क के लिए सिर्फ बीएसएनएल का टॉवर ही लगा है. वह भी अधिकतर तकनीकी खराबी के कारण महीनों तक बंद रहता है. साथ ही निजी क्षेत्र की एक कंपनी ने 3 साल पहले टॉवर लगाया था, लेकिन वह भी अब तक चालू नहीं हुआ है. आक्रोशित लोगों ने बंद पड़े टॉवरों को जल्द से जल्द चालू करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है.