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जशपुरः पहाड़ी कोरवा क्षेत्र में बंद हैं मोबाइल टॉवर, 108 सेवा नहीं मिलने से हो चुकी है कई मौत - राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा

बगीचा जनपद के ग्राम सन्ना में बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

जशपुरःपहाड़ी कोरवा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में बंद पडे मोबाइल टावर
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Published : Aug 26, 2019, 8:04 AM IST

जशपुरः राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहा है. एक ओर देश में जहां डिजिटल क्रांति की बात कही जा रही है. वहीं जिले का जनजाति बहुल्य क्षेत्र सन्ना में लोग मोबाइल नेटवर्क के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से आपातकालीन चिकित्सा सेवा (108) का लाभ नहीं मिलने से कई लोगों की मौत हो चुकी है.

जशपुरःपहाड़ी कोरवा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में बंद पडे मोबाइल टावर

जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित बगीचा जनपद के ग्राम सन्ना में लोग बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसमें वे मुख्य रूप से मोबाइल कनेक्टिविटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

संचार सेवा के लिए तरस रहे ग्रामीण
गांव के सरपंच दिलकुमार भगत ने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी की हालत बहुत खराब है. गांव के दुर्गम इलाके में होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मामले में जिले के आला अधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक युवक ने कहा कि क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क के लिए सिर्फ बीएसएनएल का टॉवर ही लगा है. वह भी अधिकतर तकनीकी खराबी के कारण महीनों तक बंद रहता है. साथ ही निजी क्षेत्र की एक कंपनी ने 3 साल पहले टॉवर लगाया था, लेकिन वह भी अब तक चालू नहीं हुआ है. आक्रोशित लोगों ने बंद पड़े टॉवरों को जल्द से जल्द चालू करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है.

जशपुरः राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहा है. एक ओर देश में जहां डिजिटल क्रांति की बात कही जा रही है. वहीं जिले का जनजाति बहुल्य क्षेत्र सन्ना में लोग मोबाइल नेटवर्क के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से आपातकालीन चिकित्सा सेवा (108) का लाभ नहीं मिलने से कई लोगों की मौत हो चुकी है.

जशपुरःपहाड़ी कोरवा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में बंद पडे मोबाइल टावर

जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित बगीचा जनपद के ग्राम सन्ना में लोग बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसमें वे मुख्य रूप से मोबाइल कनेक्टिविटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

संचार सेवा के लिए तरस रहे ग्रामीण
गांव के सरपंच दिलकुमार भगत ने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी की हालत बहुत खराब है. गांव के दुर्गम इलाके में होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मामले में जिले के आला अधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक युवक ने कहा कि क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क के लिए सिर्फ बीएसएनएल का टॉवर ही लगा है. वह भी अधिकतर तकनीकी खराबी के कारण महीनों तक बंद रहता है. साथ ही निजी क्षेत्र की एक कंपनी ने 3 साल पहले टॉवर लगाया था, लेकिन वह भी अब तक चालू नहीं हुआ है. आक्रोशित लोगों ने बंद पड़े टॉवरों को जल्द से जल्द चालू करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है.

Intro:जशपुर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा के आवासीय क्षेत्र आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है, डिजिटल इंडिया के इस युग में लोग मोबाइल नेटवर्क की बदहाल स्थिति को लेकर अनिश्चितता कालीन धरने पर बैठे गए है।

Body:जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति बगीचा जनपद के ग्राम सन्ना में बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है, स्थानीय लोगो मुख्य रूप से मोबाइल कनेक्टिविटी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया है, जिसे लेकर सन्ना ग्राम के युवाओं ने जमकर नारेबाजी की इस पिछड़े क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी के नाम पर महज बीएसएनएल की सेवा है वो भी ठप पड़ी रहती है, वही जिओ का टावर लगे 3 साल हो आगे पर वह भी अब तक चालू नही हुवा,
सन्ना के सरपंच दिल कुमार भगत ने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी की हालत बहुत खराब है। नीजि क्षेत्र की कंपनी जियो ने मोबाइल टॉवर स्थापित कर रखा है। लेकिन वह चालू नही हुवा है जिसके चलते दुर्गम क्षेत्रों में काफी परेसानी का सामना करना पड़ता है, नेटवर्क को लेकर अधिकारीयों तक का ध्यान आकर्षित कराया गया लेकिन कोई फायदा नही हुवा, वही आन्दोल में सामिल युवा राकेश गुप्ता का कहना है कि यहां एक मात्र दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल का मोबाइल टावर लगा है वो भी बार बार तकनीकी खराबी के कारण महीनों बंद पड़ा रहता है ओर बीएसएनएल की लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड सर्विस भी कोई काम का नहीं करती वही नीजि क्षेत्र की कंपनी जियो ने 3 साल पहले मोबाइल टॉवर स्थापित कर रखा है। लेकिन वो भी अब तक चालू नही हो पाया है उन्होंने कहा की यहाँ 108 की सेवा तो है लेकिन फोन नही लगने के कारण हादसे के शिकार हुवे लोगो को इसकी सेवा नही मिल पाती है ओर लोगो की जान चली जाती है, पूर्व में भी नेटवर्क को लेकर आन्दोल किये जा चुके है पर इसकी सुध लेने वाला कोई नही है, वही उन्होंने प्रशासन पर आन्दोल को दबाने का भी आरोप लगाया।


Conclusion:एक ओर जहाँ देश में डिजिटल क्रांति की बात कही जा रही है वही जिले का आदिवासी बाहुल्य सन्ना क्षेत्र के लोग मोबाइल नेटवर्क के लिए संघर्ष कर रहे है जहाँ सिर्फ मोबाइल नेटवर्क नही होने के कारण आपातकालिन चिकित्सा सेवा का लाभ नही मिल पा रहा ओर लोगो की जान तक चली जा रही है, आक्रोशित आंदोलनकारियों ने अधिकारी बंद पड़े हुए टॉवर को चालू नहीं होने की पर उग्र आन्दोल की चेतवानी दी है।

बाइट दिल कुमार भगत सरपंच सन्ना
बाइट राजेश गुप्ता आंदोलनकरी
बाइट रोहित साहू आंदोलनकारी

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर

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