रायपुर: जशपुर (Jashpur) में दिव्यांग बच्ची के साथ बलात्कार (Jashpur Divyang Rape Case) और छेड़छाड़ मामले को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत (politics of chhattisgarh) गरमा गई है. जहां एक और भाजपा (BJP) ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाया है. तो वहीं दूसरी और कांग्रेस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों को जेल पहुंचाने की बात कही है. इन दोनों की लड़ाई के बीच कहीं न कहीं प्रदेश में छात्रावास में रह रही बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.
बीजेपी का सरकार पर गंभीर आरोप
जशपुर मामले को लेकर आज पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल (Senior BJP MLA Brijmohan Agarwal) ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने दिव्यांग बच्चों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ मामले को लेकर राज्य सरकार तीखा प्रहार किया है. बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agarwal) ने कहा कि राज्य सरकार किसी काम में गंभीर नहीं है. चाहे वह कानून व्यवस्था का मामला , उससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति में सोचता हूं किसी भी सरकार के लिए नहीं हो सकती कि दिव्यांगों के संरक्षण गृह में दिव्यांग बच्ची के साथ में बलात्कार हो जाए , दिव्यांग बच्चों के साथ में छेड़छाड़ हो. सरकार के लिए मुझे लगता है कि अब तो दो चुल्लू भर पानी भी नहीं बचा. इससे ज्यादा दर्दनाक और शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती.
कांग्रेस ने कहा नहीं बख्शे जाएंगे अधिकारी
वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. इन्हें रोकने के लिए सरकार के द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं. उच्च अधिकारियों को वहां जाकर निरीक्षण करना चाहिए. जरूरत पड़ने पर इस तरह की घटनाओं को लेकर बड़े अधिकारियों से भी सवाल किए जा सकते हैं. शैलेश ने कहा कि, पूर्व में भाजपा सरकार के दौरान इस तरह की घटनाओं पर कार्रवाई नहीं होती थी. उल्टा इस तरह की घटनाओं के बाद इससे संबंधित अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाता था लेकिन अब कांग्रेस सरकार में ऐसा नहीं चलेगा.
बहरहाल इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि जिस छात्रावास में छात्राओं को संरक्षण मिलना था. उसी छात्रावास में यदि छात्राएं असुरक्षित हैं तो उन्हें कहां आश्रय मिलेगा. ऐसे में सरकार को इस तरह के छात्रावासों की सुरक्षा के लिए बड़े और कड़े कदम उठाने की जरूरत है.