जशपुर : अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव राम उरांव की हार्ट अटैक से मौत हो गई. वे 73 वर्ष के थे. जानकारी के मुताबिक बुधवार की दोपहर खाना खाने के बाद वे अपने कमरे में गए, जहां उन्हें चक्कर आया, जिसके बाद वे बिस्तर पर गिर गए. इसके बाद उनको जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
वनांचल क्षेत्रों में वनवासी बच्चों को शिक्षित और उनकी परंपराओं में सुरक्षित रखने के उद्देश्य से वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की गई थी. बालासाहेब देशपांडे इसके संस्थापक अध्यक्ष थे. जानकारी के मुताबिक दिवंगत जगदेव राम उरांव बालासाहब देशपांडे के बहुत करीबी थे.वहीं आश्रम की स्थापना 1994 में की गई थी, तब से लेकर अब तक जगदेव राम उरांव अध्यक्ष पद पर काबिज थे. दिवंगत जगदेव राम जशपुर स्थित कल्याण आश्रम से महज 3 किमी दूर कोमडो गांव के रहने वाले थे. अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की शाखाएं पूरे देश में संचालित हैं. दिवंगत जगदेव राम उरांव ने देश भर में वनवासी कल्याण आश्रम के काम को उच्चतम स्तर पर पहुंचाया था.
देश के अलग-अलग राज्यों में संचालित हैं 36 शाखाएं
देश के अलग-अलग राज्यों में संचालित 36 कल्याण आश्रम के अध्यक्ष दिवंगत जगदेव राम के आकस्मिक निधन से देशभर के कल्याण आश्रमों में शोक का माहौल है. जानकारी के मुताबिक जगदेव राम का अंतिम संस्कार गुरुवार को दोपहर के बाद किया गया. देशभर की शाखाओं का संचालन जशपुर से ही होता है. साथ ही अंडमान, मेघालय और सिक्किम जैसे 36 कल्याण आश्रमों की शाखाएं संचालित होती है. दिवंगत जगदेव राम के आकस्मिक निधन की खबर मिलते ही जशपुर संघ परिवार और बीजेपी में शोक की लहर दौड़ गई है.
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अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम देश में वनों में रहने वाले वनवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में काम करता है. पूरे देश में संगठन की 36 शाखाएं हैं, जिसके माध्यम से सुदूर जनजातीय गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में यह संगठन काम करता है. वनवासी कल्याण आश्रम देशभर में संचालित हैं और 11 करोड़ जनजाति वर्ग के लोगों को लाभान्वित कर रहा है.