ETV Bharat / state

झारखंड से छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंचे मजदूर, पुलिस ने भेजा रायगढ़

ट्रेन चलने के बावजूद कोरोना संकट के बीच मजदूर अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं. इस दौरान दो मजदूर पैदल ही झारखंड से छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंचे. इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनके घर भिजवाया.

Laborers reached Jashpur  from Jharkhand, police sent them Raigad
झारखंड से छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंचे मजदूर
author img

By

Published : May 13, 2020, 10:57 PM IST

जशपुर : कोरोना संकट के दौरान हजारों मजदूर अपने घर जाने को पैदल ही निकल पड़े हैं. सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा ये मजदूर पैदल ही कर रहे हैं. कोई रेल की पटरी पर चल रहा है, तो कोई घने जंगलों से होकर अपने घर की ओर निकल पड़ा है. ऐसे ही दो युवक झारखंड के चतरा से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लिए जंगल के रास्ते से होकर निकले. 6 दिन का सफर पैदल तय करके वे जशपुर पहुंचे. यहां पुलिस और मीडियाकर्मी की मदद से युवकों का मेडिकल चेकअप करवाया गया और खाने-पीने की व्यवस्था की गई. इसके बाद दोनों मजदूरों को गाड़ी से रायगढ़ भेज दिया गया.

झारखंड से छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंचे मजदूर

बता दें कि प्रशासन की ओर से लॉकडाउन में राहत देते हुए मजदूरों को अपने राज्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद कुछ मजदूर ऐसे हैं जिन्हें इन सुविधाओं का फायदा नहीं मिल रहा है. नतीजतन वे पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर पहुंचना चाहते हैं.

बोरवेल वाहन में काम करने गए थे मजदूर

रायगढ़ जिले के कापू थाना क्षेत्र के कंजीरा गांव के रहने वाले रामप्रसाद और संतोष कुमार बीते साल दिसंबर में बोरिंग वाहन में मजदूरी करने के लिए झारखंड के चतरा गए थे. रामप्रसाद ने बताया कि अपने परिचित के माध्यम से वे चतरा गए थे. जहां उन्हें 300 रूपए रोजाना मजदूरी और रहने-खाने का इंतजाम होने की बात कहकर बोरवेल गाड़ी में काम दिया गया था. शुरू में तो सब ठीक चलता रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद बोर खनन का काम भी बंद हो गया. कुछ दिन तक तो उन्हें खाने के लिए राशन और आने-जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाता रहा, लेकिन उसके बाद वाहन मालिक ने मदद करने से हाथ खड़े कर दिए. इससे इन मजदूरों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई.

चेकिंग से बचने जंगल से आए मजदूर

राशन की कमी होने पर इन मजदूरों ने पैदल ही अपने गांव जाने का फैसला कर लिया और 6 मई को चतरा से कापू के लिए रवाना हो गए. भूख मिटाने के लिए मजदूर अपने साथ खाने का कुछ सामान भी लेकर चले थे. मुख्य रास्ते में पुलिस की पहरेदारी के डर से ये झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित वाले जंगल के रास्ते अपने घर की ओर निकल पड़े. दोनों छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंच गए.

पुलिस ने की मदद

भूख, प्यास और थकान से लड़खड़ाते हुए कदमों से चल रहे इन मजदूरों पर यातायात पुलिस के जवान विकास टोप्पो की नजर पड़ी. उन्होंने इनसे पूरे मामले की जानकारी ली और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचाया. यहां इन दोनों मजदूरों को खाना खिलाया और गाड़ी की मदद से दोनों मजदूरों को रायगढ़ जिले के लिए रवाना कर दिया गया.

जशपुर : कोरोना संकट के दौरान हजारों मजदूर अपने घर जाने को पैदल ही निकल पड़े हैं. सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा ये मजदूर पैदल ही कर रहे हैं. कोई रेल की पटरी पर चल रहा है, तो कोई घने जंगलों से होकर अपने घर की ओर निकल पड़ा है. ऐसे ही दो युवक झारखंड के चतरा से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लिए जंगल के रास्ते से होकर निकले. 6 दिन का सफर पैदल तय करके वे जशपुर पहुंचे. यहां पुलिस और मीडियाकर्मी की मदद से युवकों का मेडिकल चेकअप करवाया गया और खाने-पीने की व्यवस्था की गई. इसके बाद दोनों मजदूरों को गाड़ी से रायगढ़ भेज दिया गया.

झारखंड से छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंचे मजदूर

बता दें कि प्रशासन की ओर से लॉकडाउन में राहत देते हुए मजदूरों को अपने राज्य तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद कुछ मजदूर ऐसे हैं जिन्हें इन सुविधाओं का फायदा नहीं मिल रहा है. नतीजतन वे पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर पहुंचना चाहते हैं.

बोरवेल वाहन में काम करने गए थे मजदूर

रायगढ़ जिले के कापू थाना क्षेत्र के कंजीरा गांव के रहने वाले रामप्रसाद और संतोष कुमार बीते साल दिसंबर में बोरिंग वाहन में मजदूरी करने के लिए झारखंड के चतरा गए थे. रामप्रसाद ने बताया कि अपने परिचित के माध्यम से वे चतरा गए थे. जहां उन्हें 300 रूपए रोजाना मजदूरी और रहने-खाने का इंतजाम होने की बात कहकर बोरवेल गाड़ी में काम दिया गया था. शुरू में तो सब ठीक चलता रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद बोर खनन का काम भी बंद हो गया. कुछ दिन तक तो उन्हें खाने के लिए राशन और आने-जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाता रहा, लेकिन उसके बाद वाहन मालिक ने मदद करने से हाथ खड़े कर दिए. इससे इन मजदूरों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई.

चेकिंग से बचने जंगल से आए मजदूर

राशन की कमी होने पर इन मजदूरों ने पैदल ही अपने गांव जाने का फैसला कर लिया और 6 मई को चतरा से कापू के लिए रवाना हो गए. भूख मिटाने के लिए मजदूर अपने साथ खाने का कुछ सामान भी लेकर चले थे. मुख्य रास्ते में पुलिस की पहरेदारी के डर से ये झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित वाले जंगल के रास्ते अपने घर की ओर निकल पड़े. दोनों छत्तीसगढ़ के जशपुर पहुंच गए.

पुलिस ने की मदद

भूख, प्यास और थकान से लड़खड़ाते हुए कदमों से चल रहे इन मजदूरों पर यातायात पुलिस के जवान विकास टोप्पो की नजर पड़ी. उन्होंने इनसे पूरे मामले की जानकारी ली और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचाया. यहां इन दोनों मजदूरों को खाना खिलाया और गाड़ी की मदद से दोनों मजदूरों को रायगढ़ जिले के लिए रवाना कर दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.