जशपुर: आदिवासी अंचल में ग्रामीणों को बैंक की सेवा देने के उद्देश्य से गांव-गांव में शुरू किए गए कियोस्क बैंक और दूसरी बैंकिंग सेवा देने वाले सेंटर अब ग्राहकों के लिए मुसीबत साबित हो रहे हैं. आरोप हैं इन कियोस्क बैंकों और अन्य मोबाइल बैंकिंग की सेवा देने वाले संचालक ग्राहकों के खाते से ठगी कर पैसा निकाल ले रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में जिलेभर में ठगी के दर्जनों मामले सामने आए हैं.
बैंकिंग सेवा लेने आए ग्राहकों के आधार कार्ड और अंगूठे के निशान से उनके खाते अनलॉक हो जाते हैं और फिर ग्राहकों को ये पता नहीं होता कि उस खाते से कितने पैसे निकाले जा रहे हैं और बैंकिंग सेवा प्रदाता उस खाते से मनचाहा पैसा निकाल लेता है.
कई ग्रामीणों के पैसे किए गए गबन
- एक ऐसा ही मामला जिले के बगीचा जनपद के गांव महनई का है, जहां के रहने वाले पहाड़ी कोरवा फुलसाय ने मनरेगा में मजदूरी कर पैसे जमा किए थे, जब वह अपने खाते से 700 रुपये निकालने बैंक सेवा प्रदाता आशीष यादव के पास गया, तो उसके खाते से 3000 रुपए निकाल लिए गए थे. इसकी शिकायत फुलसाय ने थाने में की है.
- वहीं गांव पंडरापाठ के पहाड़ी कोरवा मतियस अपनी 75 वर्षीय मां के 6 महीने की वृद्धा पेंशन की राशि लेने के लिए जब बैंक पहुंचा, तो बुजुर्ग के खाते से 400 रुपये निकालने के बाद कियोस्क संचालक के ने 34 रुपये खाते में शेष होना बताया. इसकी शिकायत कर ग्रामीण अपनी बुजुर्ग मां को साथ लेकर दर-दर भटक रहा है.
- इसी तरह गांव महनई में ही रहने वाले गणेश यादव ने अपने खाते से 500 रुपये निकाले पर कियोस्क संचालक ने 1000 रुपये निकाल लिए थे. जब उसने मामले की शिकायत बैंक में की, तो कियोस्क संचालक ने गलती मानकर पैसे वापस कर दिए.
पढ़ें- पेंड्रा में ऑटो ड्राइवर की दबंगई, पुलिस से की मारपीट और फाड़ी वर्दी
संचालक की आईडी बंद करने की मांग
कियोस्क बैंक संघ के प्रदेशाध्यक्ष संतोष गुप्ता का कहना है कि, 'इस तरह के कई मामले सामने आए हैं और हमने कियोस्क बैंक संचालकों की बैठक लेकर ऐसा न करने की हिदायत दी थी. इसके बावजूद अगर इस तरह के मामले सामने आयेंगे, तो उस कियोस्क बैंक संचालक की आईडी बंद करने की मांग की जाएगी.'
मामले में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने कहा कि, 'अगर कोई कियोस्क बैंक संचालक किसी खाताधारक का पैसा गलत तरीके से निकालता है, तो उस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया जाएगा.'