जशपुर: स्कूल जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. यहीं से बच्चों के अंदर शिक्षा के साथ ही संस्कार भी आते हैं पर जब शिक्षा का मंदिर ही शराबियों का अड्डा बन जाए तो फिर क्या कहेंगे. जी हां, कुछ ऐसा ही देखने को मिला है जिले के दो स्कूलों में, जिसे देखकर आप भी कहेंगे ये क्या हो रहा है.
पहला मामला है
जशपुर के बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सुतरी का. यहां पर एक शिक्षक शराब के नशे में मिला. शिक्षक फिलिप पन्ना शराब के नशे में इतना धुत है कि उसे होश ही नहीं है कि उसे क्या पढ़ाना है. जब मीडिया ने उनसे बात की तो उसने अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया और अपना नाम फिलिप एक्का बताया.
नशे में टुन्न शिक्षक पढ़ाते-पढ़ाते यह भूल जा रहे हैं कि उन्हें क्या पढ़ाना है. नशे की हालत में स्कूल आने संबंधी सवाल पूछा गया तो वे मीडिया पर ही भड़क उठे और कहा कि उन्हें बीमारी है. इसके लिए शराब पीना जरूरी है, जिसे वे खुराक के रूप में लेते हैं, आज उन्होंने अंतिम खुराक ली है. धमकी देते हुए यह भी कहा कि जाओ जो करना है कर लो.
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जशपुर के मनोरा में दूसरा मामला
दूसरा मामला जशपुर के मनोरा का है, जहां प्राथमिक शाला मधवा में पदस्थ शिक्षक लालूराम स्कूल को खुला छोड़कर गांव में शराब पीने पहुंच गए. उसने इतनी शराब पी ली थी कि गांव के घर के कोने में पड़े हुए मिले. बच्चे स्कूल के बाहर खेलते हुए देखे गए. बच्चों ने बताया कि शिक्षक लालू रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं.
बता दें कि शराबी शिक्षकों पर कार्रवाई के नाम पर अटैचमेंट और निलंबन की कार्रवाई होती है, जिन्हें एक-दो माह बाद फिर से पदस्थ कर दिया जाता है, जिसके कारण शिक्षक लापरवाह बने हुए हैं. जिले में ऐसे शराबी शिक्षकों को पदस्थ कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.