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जशपुर: पकड़े जाने पर नशे में धुत शराबी शिक्षक ने कहा- आज अंतिम खुराक ली है

जशपुर के बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सुतरी का. यहां पर एक शिक्षक शराब के नशे में मिला. दूसरा मामला जशपुर के मनोरा का है, जहां प्राथमिक शाला मधवा में पदस्थ शिक्षक लालूराम स्कूल को खुला छोड़कर गांव में शराब पीने पहुंच गए.

जशपुर टिचर
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Published : Jul 12, 2019, 9:45 PM IST

जशपुर: स्कूल जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. यहीं से बच्चों के अंदर शिक्षा के साथ ही संस्कार भी आते हैं पर जब शिक्षा का मंदिर ही शराबियों का अड्डा बन जाए तो फिर क्या कहेंगे. जी हां, कुछ ऐसा ही देखने को मिला है जिले के दो स्कूलों में, जिसे देखकर आप भी कहेंगे ये क्या हो रहा है.

पकड़े जाने पर नशे में धुत शराबी शिक्षक ने कहा- आज अंतिम खुराक ली है

पहला मामला है

जशपुर के बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सुतरी का. यहां पर एक शिक्षक शराब के नशे में मिला. शिक्षक फिलिप पन्ना शराब के नशे में इतना धुत है कि उसे होश ही नहीं है कि उसे क्या पढ़ाना है. जब मीडिया ने उनसे बात की तो उसने अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया और अपना नाम फिलिप एक्का बताया.
नशे में टुन्न शिक्षक पढ़ाते-पढ़ाते यह भूल जा रहे हैं कि उन्हें क्या पढ़ाना है. नशे की हालत में स्कूल आने संबंधी सवाल पूछा गया तो वे मीडिया पर ही भड़क उठे और कहा कि उन्हें बीमारी है. इसके लिए शराब पीना जरूरी है, जिसे वे खुराक के रूप में लेते हैं, आज उन्होंने अंतिम खुराक ली है. धमकी देते हुए यह भी कहा कि जाओ जो करना है कर लो.

पढ़ें- सुकमा : नक्सलियों ने की तेलंगाना के TRS लीडर की हत्या, मुखबिरी का लगाया आरोप

जशपुर के मनोरा में दूसरा मामला
दूसरा मामला जशपुर के मनोरा का है, जहां प्राथमिक शाला मधवा में पदस्थ शिक्षक लालूराम स्कूल को खुला छोड़कर गांव में शराब पीने पहुंच गए. उसने इतनी शराब पी ली थी कि गांव के घर के कोने में पड़े हुए मिले. बच्चे स्कूल के बाहर खेलते हुए देखे गए. बच्चों ने बताया कि शिक्षक लालू रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं.
बता दें कि शराबी शिक्षकों पर कार्रवाई के नाम पर अटैचमेंट और निलंबन की कार्रवाई होती है, जिन्हें एक-दो माह बाद फिर से पदस्थ कर दिया जाता है, जिसके कारण शिक्षक लापरवाह बने हुए हैं. जिले में ऐसे शराबी शिक्षकों को पदस्थ कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

जशपुर: स्कूल जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. यहीं से बच्चों के अंदर शिक्षा के साथ ही संस्कार भी आते हैं पर जब शिक्षा का मंदिर ही शराबियों का अड्डा बन जाए तो फिर क्या कहेंगे. जी हां, कुछ ऐसा ही देखने को मिला है जिले के दो स्कूलों में, जिसे देखकर आप भी कहेंगे ये क्या हो रहा है.

पकड़े जाने पर नशे में धुत शराबी शिक्षक ने कहा- आज अंतिम खुराक ली है

पहला मामला है

जशपुर के बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सुतरी का. यहां पर एक शिक्षक शराब के नशे में मिला. शिक्षक फिलिप पन्ना शराब के नशे में इतना धुत है कि उसे होश ही नहीं है कि उसे क्या पढ़ाना है. जब मीडिया ने उनसे बात की तो उसने अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया और अपना नाम फिलिप एक्का बताया.
नशे में टुन्न शिक्षक पढ़ाते-पढ़ाते यह भूल जा रहे हैं कि उन्हें क्या पढ़ाना है. नशे की हालत में स्कूल आने संबंधी सवाल पूछा गया तो वे मीडिया पर ही भड़क उठे और कहा कि उन्हें बीमारी है. इसके लिए शराब पीना जरूरी है, जिसे वे खुराक के रूप में लेते हैं, आज उन्होंने अंतिम खुराक ली है. धमकी देते हुए यह भी कहा कि जाओ जो करना है कर लो.

पढ़ें- सुकमा : नक्सलियों ने की तेलंगाना के TRS लीडर की हत्या, मुखबिरी का लगाया आरोप

जशपुर के मनोरा में दूसरा मामला
दूसरा मामला जशपुर के मनोरा का है, जहां प्राथमिक शाला मधवा में पदस्थ शिक्षक लालूराम स्कूल को खुला छोड़कर गांव में शराब पीने पहुंच गए. उसने इतनी शराब पी ली थी कि गांव के घर के कोने में पड़े हुए मिले. बच्चे स्कूल के बाहर खेलते हुए देखे गए. बच्चों ने बताया कि शिक्षक लालू रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं.
बता दें कि शराबी शिक्षकों पर कार्रवाई के नाम पर अटैचमेंट और निलंबन की कार्रवाई होती है, जिन्हें एक-दो माह बाद फिर से पदस्थ कर दिया जाता है, जिसके कारण शिक्षक लापरवाह बने हुए हैं. जिले में ऐसे शराबी शिक्षकों को पदस्थ कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

Intro:जशपुर यारों मुझे माफ़ करो...मैं नशे में हूँ....छत्तीसगढ़ के जशपुर के बदहाल शिक्षा व्यवस्था और शराबी शिक्षकों की दो तस्वीरें आपके टीवी स्क्रीन पर है।जिले के अधिकतर सरकारी स्कूलों का यही हाल है जहां शिक्षक बारिश के सुहाने मौसम में शराबखोरी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।ऐसे लापरवाह शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई से कोई मतलब नहीं वहीं जिम्मेदार अधिकारी इनकी गलतियों को बार बार नजर अंदाज करते हैं जिसके कारण शिक्षकों के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर लगाम नहीं लग पाती।

Body:पहला मामला है जशपुर के बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सुतरी का जहां शिक्षक फिलिप पन्ना शराब के नशे में इतने धुत्त हैं कि उन्हें होश ही नहीं कि उन्हें क्या पढ़ाना है।जब मीडिया के कैमरे में उनसे बात की गई तो उन्होंने अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया और अपना नाम फिलिप एक्का बताया।नशे में टुन्न शिक्षक पढ़ाते पढ़ाते भूल जा रहे हैं कि उन्हें क्या पढ़ाना है।जब नशे की हालत में स्कूल आने संबंधी सवाल पूछा गया तो वे मीडिया पर भड़क उठे और बताया कि उन्हें कोई बीमारी है जिसके लिए शराब जरूरी है उन्होंने धमकी देते हुए यह भी कह डाला कि जाओ जो करना है कर लो।


दूसरा मामला है जशपुर के मनोरा का जहां प्राथमिक शाला मधवा में पदस्थ शिक्षक लालू राम स्कूल खुला छोड़कर गाँव मे शराब पीने पहुँचे, और उसके बाद उन्होंने इतनी शराब पी ली कि गाँव के घर के कोने में पड़े हुए मिले।बच्चे स्कूल के बाहर खेलते दिखे जब उनसे पूछा गया तो बच्चो ने बताया कि शिक्षक लालू रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं।
Conclusion:दरअसल शराबी शिक्षकों पर कार्रवाई के नाम पर अटैचमेंट और निलंबन की कार्रवाई होती है जिन्हें एक दो महीने बाद फिर से पदस्थ कर फ़िया जाता है।जिसके कारण शिक्षक लापरवाह बने हुए हैं।जिले में ऐसे शराबी शिक्षको को पदस्थ कर निश्चित ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

बाईट 1- फिलिप पन्ना (शराबी शिक्षक)
बाईट 2- छात्र
बाईट 3- संजय एक्का (ग्रामीण)
बाईट 4- दिलीप टोप्पो (एबीईओ बगीचा)

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
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