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जशपुर: कोरोना जांच में ढिलाई, कलेक्टर ने दिए तीन बीएमओ के वेतन रोकने के निर्देश

जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने कोरोना जांच में ढिलाई बरतने के लिए 3 बीएमओ के एक महीने का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं. साथ ही बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

Jashpur Collector instructed to stop salary of three BMO
जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे
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Published : Nov 24, 2020, 10:12 PM IST

जशपुर: कलेक्टर महादेव कावरे ने कोरोना जांच की धीमी रफ्तार को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने जांच में ढिलाई बरतने के लिए स्वास्थ्य विभाग के तीन बीएमओ का एक महीने का वेतन रोकने का आदेश दिया है. कलेक्टर ने मंगलवार को मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए साप्ताहिक बैठक ली. बैठक में कलेक्टर ने लंबित आवेदन की समीक्षा की और कोविड-19 के संबंध में जानकारी ली. इसके साथ ही गोधन न्याय योजना, वन अधिकार पत्र, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, धान खरीदी की तैयारी, मतदाता सूची में नाम जोड़ने के कार्य के संबंध में एक-एक कर अधिकारियों से जानकारी ली.

जांच में नहीं चलेगी लापरवाही

कलेक्टर कोरोना संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और विभिन्न विकासखंडों के बीएमओ से कोरोना टेस्ट के दिए गए लक्ष्य के संबंध में जानकारी ली. संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने दुलदुला, मनोरा और लोदाम के बीएमओ से ट्रू-नॉट, एंटीजन, और आरटीपीसीआर टेस्ट की धीमी गति और जांच में लापरवाही बरतने के कारण तीनों बीएमओ का नवंबर 2020 महीने का वेतन रोकने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी, लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: कोरोना संक्रमण की स्थिति कंट्रोल में, हर रोज 23 हजार टेस्टिंग: भूपेश बघेल

अनुपस्थित CMO और श्रम अधिकारी को कारण बताओ नोटिस

बैठक में सीएमओ और श्रम अधिकारी के समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने पर, कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सभी एसडीएम से वनअधिकार पत्र के बारे में जानकारी ली. साथ ही पुर्नविचार वाले आवेदनों को जिला मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए. ताकि दोबारा परीक्षण करके पात्रता वाले हितग्राहियों को फायदा पहुंचाया जा सके.

जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश

कलेक्टर ने एसडीएम, तहसीलदार और शिक्षा अधिकारी को अभियान चलाकर 1 से 30 दिसंबर तक स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण-पत्र बनाने के निर्देश दिए. अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षकों और संकुल समन्वयकों की बैठक लेकर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन देने के लिए निर्देश दिए. स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए डीएमएफ मद से राशि खर्च की जाएगी. बच्चों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा.

जशपुर: कलेक्टर महादेव कावरे ने कोरोना जांच की धीमी रफ्तार को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने जांच में ढिलाई बरतने के लिए स्वास्थ्य विभाग के तीन बीएमओ का एक महीने का वेतन रोकने का आदेश दिया है. कलेक्टर ने मंगलवार को मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए साप्ताहिक बैठक ली. बैठक में कलेक्टर ने लंबित आवेदन की समीक्षा की और कोविड-19 के संबंध में जानकारी ली. इसके साथ ही गोधन न्याय योजना, वन अधिकार पत्र, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, धान खरीदी की तैयारी, मतदाता सूची में नाम जोड़ने के कार्य के संबंध में एक-एक कर अधिकारियों से जानकारी ली.

जांच में नहीं चलेगी लापरवाही

कलेक्टर कोरोना संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और विभिन्न विकासखंडों के बीएमओ से कोरोना टेस्ट के दिए गए लक्ष्य के संबंध में जानकारी ली. संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने दुलदुला, मनोरा और लोदाम के बीएमओ से ट्रू-नॉट, एंटीजन, और आरटीपीसीआर टेस्ट की धीमी गति और जांच में लापरवाही बरतने के कारण तीनों बीएमओ का नवंबर 2020 महीने का वेतन रोकने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी, लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: कोरोना संक्रमण की स्थिति कंट्रोल में, हर रोज 23 हजार टेस्टिंग: भूपेश बघेल

अनुपस्थित CMO और श्रम अधिकारी को कारण बताओ नोटिस

बैठक में सीएमओ और श्रम अधिकारी के समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने पर, कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सभी एसडीएम से वनअधिकार पत्र के बारे में जानकारी ली. साथ ही पुर्नविचार वाले आवेदनों को जिला मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए. ताकि दोबारा परीक्षण करके पात्रता वाले हितग्राहियों को फायदा पहुंचाया जा सके.

जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश

कलेक्टर ने एसडीएम, तहसीलदार और शिक्षा अधिकारी को अभियान चलाकर 1 से 30 दिसंबर तक स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण-पत्र बनाने के निर्देश दिए. अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षकों और संकुल समन्वयकों की बैठक लेकर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन देने के लिए निर्देश दिए. स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए डीएमएफ मद से राशि खर्च की जाएगी. बच्चों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा.

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