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बदहाल शिक्षा व्यवस्था: जर्जर भवन में मॉडल स्कूल, शिकायत के बाद मरम्मत के निर्देश

जशपुर के सरकारी मॉडल स्कूल की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. यहां बरसात आते ही छत से पानी टपकने लगता है. जिसकी शिकायत के बाद भी मरम्मत का काम शुरू नहीं किया गया है. अब, बात मीडिया में आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जल्द से जल्द मरम्मत कराने की बात कह रहे हैं.

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Published : Aug 11, 2020, 8:00 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 9:10 PM IST

shabby school in jashpur
जर्जर स्कूल

जशपुर: कोरोना काल में सरकारी स्कूल बंद पड़े हैं. इस वजह से मोहल्ला क्लास लगाकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन बारिश के मौसम ने जिले में खनिज न्यास निधि से बनाये गए सरकारी मॉडल स्कूलों की पोल खोल कर रख दी है. नोरा विकासखंड के ग्राम सिकटाटोली के शासकीय प्राथमिक स्कूल पूरी तरह जर्जर हो चुका है. शिकायत के बाद स्कूल शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने स्कूल भवन की मरम्मत के निर्देश दिए है और जल्द से जल्द इसकी मरम्मत कराने की बात कही है.

सरकारी मॉडल स्कूल की इमारत

साल 2017 में जशपुर के 8 विकासखंडों के 20 शासकीय स्कूलों को निजी स्कूल की तर्ज पर बदला गया था. खनिज न्यास निधि के सहयोग से चयनित स्कूलों में बच्चों के लिए डेस्क, बेंच, एलईडी टीवी, जूता, मोजा उपलब्ध कराया गया था. इसके साथ ही इन स्कूलों में आकर्षक पेंट भी कराया गया था, लेकिन भवन बनने के बाद यहां कोई भी मरम्मत कार्य नहीं किया गया है, जिसकी वजह से स्कूल की हालत पूरी तरह जर्जर हो गई है.

बारिश में होती है परेशानी

बारिश शुरू होते ही स्कूल के क्लास रूम में पानी भर जाता है. नतीजा, बारिश शुरू होते ही इस स्कूल के क्लास रूम में पानी भर जाता है. संस्था के प्रधानपाठक अमरोस तिर्की ने बताया कि स्कूल भवन की स्थिति बीते चार साल से ऐसी ही बनी हुई है. बारिश का पानी अंदर घुस आने से आदर्श स्कूल योजना के तहत यहां रखे हुए फर्नीचर और एलईडी टीवी भी बर्बाद हो रहे हैं. लगातार पानी के रिसाव होने से स्कूल भवन का छत भी जर्जर होने लगा है. यहां पदस्थ शिक्षकों ने बारिश के पानी के रिसाव को रोकने के लिए स्कूल छत के भवन को प्लास्टिक की पन्नी से ढंक दिया है.

पढ़ें: बिलासपुर: दो साल पहले से जर्जर हो चुका है सोन नदी पर बना पुल, जिम्मेदार बेखबर

मरम्मत कराने की कही बात

स्कूल के शिक्षक ने बताया कि इस स्कूल का चयन जिला प्रशासन की महत्वाकांक्षी मॉडल स्कूल के लिए किया गया था, लेकिन आब इसकी हालत पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी इस स्कूल की तरफ साल में एक से दो बार ही नजर डालते हैं. वे बताते हैं कि कई बार शिक्षा विभाग से स्कूल मरम्मत की मांग की जा चुकी है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि खनिज न्यास निधि से स्कूल को मॉडल स्कूल में बनाया गया था, जिसकी छत से पानी का रसाव हो रहा है. इसके लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी को स्कूल की मरम्मत ओर अतिरिक्त कक्ष बनाने के निर्देश दिए गए है, जल्द ही सुधार किया जायेगा.

जशपुर: कोरोना काल में सरकारी स्कूल बंद पड़े हैं. इस वजह से मोहल्ला क्लास लगाकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन बारिश के मौसम ने जिले में खनिज न्यास निधि से बनाये गए सरकारी मॉडल स्कूलों की पोल खोल कर रख दी है. नोरा विकासखंड के ग्राम सिकटाटोली के शासकीय प्राथमिक स्कूल पूरी तरह जर्जर हो चुका है. शिकायत के बाद स्कूल शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने स्कूल भवन की मरम्मत के निर्देश दिए है और जल्द से जल्द इसकी मरम्मत कराने की बात कही है.

सरकारी मॉडल स्कूल की इमारत

साल 2017 में जशपुर के 8 विकासखंडों के 20 शासकीय स्कूलों को निजी स्कूल की तर्ज पर बदला गया था. खनिज न्यास निधि के सहयोग से चयनित स्कूलों में बच्चों के लिए डेस्क, बेंच, एलईडी टीवी, जूता, मोजा उपलब्ध कराया गया था. इसके साथ ही इन स्कूलों में आकर्षक पेंट भी कराया गया था, लेकिन भवन बनने के बाद यहां कोई भी मरम्मत कार्य नहीं किया गया है, जिसकी वजह से स्कूल की हालत पूरी तरह जर्जर हो गई है.

बारिश में होती है परेशानी

बारिश शुरू होते ही स्कूल के क्लास रूम में पानी भर जाता है. नतीजा, बारिश शुरू होते ही इस स्कूल के क्लास रूम में पानी भर जाता है. संस्था के प्रधानपाठक अमरोस तिर्की ने बताया कि स्कूल भवन की स्थिति बीते चार साल से ऐसी ही बनी हुई है. बारिश का पानी अंदर घुस आने से आदर्श स्कूल योजना के तहत यहां रखे हुए फर्नीचर और एलईडी टीवी भी बर्बाद हो रहे हैं. लगातार पानी के रिसाव होने से स्कूल भवन का छत भी जर्जर होने लगा है. यहां पदस्थ शिक्षकों ने बारिश के पानी के रिसाव को रोकने के लिए स्कूल छत के भवन को प्लास्टिक की पन्नी से ढंक दिया है.

पढ़ें: बिलासपुर: दो साल पहले से जर्जर हो चुका है सोन नदी पर बना पुल, जिम्मेदार बेखबर

मरम्मत कराने की कही बात

स्कूल के शिक्षक ने बताया कि इस स्कूल का चयन जिला प्रशासन की महत्वाकांक्षी मॉडल स्कूल के लिए किया गया था, लेकिन आब इसकी हालत पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी इस स्कूल की तरफ साल में एक से दो बार ही नजर डालते हैं. वे बताते हैं कि कई बार शिक्षा विभाग से स्कूल मरम्मत की मांग की जा चुकी है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि खनिज न्यास निधि से स्कूल को मॉडल स्कूल में बनाया गया था, जिसकी छत से पानी का रसाव हो रहा है. इसके लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी को स्कूल की मरम्मत ओर अतिरिक्त कक्ष बनाने के निर्देश दिए गए है, जल्द ही सुधार किया जायेगा.

Last Updated : Aug 11, 2020, 9:10 PM IST
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