जशपुर: सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अब अंग्रेजी और हिंदी की क्लास एक साथ लगेगी. हिंदी मीडियम स्कूल के जिन बच्चों को टीसी दी गई थी, उन्हें इस स्कूल में दोबारा एडमिशन दिया जाएगा. लगातार चले आ रहे विवाद को समाप्त करने के लिए प्रदेश के शिक्षा सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने निर्देश दिया था. स्कूल शिक्षा सचिव के निर्देश पर कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें एक साथ कक्षाएं संचालित करना का निर्णय लिया गया.
प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के तहत प्रदेश में 40 स्कूलों का संचालन इसी शिक्षा सत्र से शुरू किया गया है. योजना के तहत शहर के नवीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का चयन किया गया था. इस स्कूल में पहले से चल रहे हिंदी माध्यम स्कूल को तीन साल के अंदर बंद करने की योजना तैयार की गई थी.
डॉ. आलोक शुक्ला से अभिभावकों ने लगाई थी गुहार
इस योजना के तहत इस साल कक्षा छठी, नौवीं और 11वीं में प्रवेश नहीं लिया गया था. इससे स्कूल में पढ़ रहे छात्र छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों में नाराजगी थी. स्कूल प्रबंधन ने 6 वीं 9 वीं 11वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को टीसी भी दे दी गई थी. इनमें से कुछ छात्र-छात्राओं को नजदीकी शासकीय स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पाया. इससे भड़के हुए अभिभावक 9 सितंबर को जिले के दौरे पर आए शिक्षा सचिव डॉ. आलोक शुक्ला से मिलकर अपनी समस्या सुनाई थी, जिसके बाद शिक्षा सचिव ने कलेक्टर महादेव कावरे को सम्मानजनक हल निकालने का निर्देश दिया था.
शासकीय नवीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में किया था तब्दील
जशपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी एमजेडयू सिद्दीकी ने बताया कि सरकार के निर्देश के अनुसार शासकीय नवीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम में बदला गया है, लेकिन जब से इस स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में बदला गया था, तभी से शहर के लोगों ने इस स्कूल को बंद कर अंग्रेजी माध्यम करने पर आपत्ति जताई थी. अभिभावकों का कहना था कि शहर का काफी पुराना स्कूल है, जो बच्चे यहां पढ़ रहे हैं, वो आगे भी यहीं पढ़ना चाहते हैं. अब कलेक्टर के निर्देश पर सभी बच्चे यहीं पढ़ाई कर सकेंगे.