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जशपुर: देश सेवा के बदले मिली जिल्लत, 20 सालों से समाजिक बहिष्कार झेल रहा रिटायर्ड BSF मेजर का परिवार

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Published : Jun 15, 2020, 8:06 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 9:03 PM IST

जशपुर में एक रिटायर्ड BSF मेजर का परिवार 20 सालों से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है. परिवार को न्याय दिलाने BSF अधिकारी गांव और समाज के बड़े लोगों के घर बार-बार चक्कर लगाते रहे आखिरी सांस तक उन्हें न्याय नहीं मिला, अब परिवार न्याय के लिए भटक रहा है.

bsf majors family is not getting justice
बीएसएफ मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय

जशपुर: 40 साल देश सेवा कर बीएसएफ मेजर इलियुस खलखो घर लौटते हैं. उसकी पत्नी किसी को गलत काम करने से रोकती हैं. इसकी सजा ये मिलती है कि समाज सही का साथ देने के बजाए गलत के साथ खड़ा होता है. रिटायर बीएसएफ मेजर का परिवार 20 साल से समाज निकाला झेल रहा है. न्याय के लिए लड़ते-लड़ते उनकी मौत हो गई, अब पत्नी ने कानून का सहारा लिया है.

देश सेवा के बदले मिली जिल्लत

मामला जिले के जुमईकेला गांव का है. यहां के रहने वाले इलियुस खलखो BSF में मेजर थे. 40 साल तक देश की सेवा करने के बाद जब वो रिटायर होकर अपने गांव पहुचे तो उन्हें पता चला कि कैथोलिक ईसाई समाज के लोगों ने उनकी पत्नी समेत पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है.

महिला को मारपीट से बचाने की सजा

जानकारी के मुताबिक गांव का एक युवक महिला के साथ मारपीट कर रहा था, जब उनकी पत्नी ने उसे ऐसा करने से रोका तो नाराज युवक ने सामाजिक पंचायत बैठा दी. इस बैठक में खलको के परिवार को भी नहीं बुलाया गया और उनकी फैमिली के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया.

bsf majors family is not getting justice
BSF मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय

रिटायर्ड मेजर की मौत पर भी नहीं आए गांव के लोग

1999 में जर इलियुस खलखो रिटायर होकर घर लौटे तो समाज के लोगों के साठ बैठक कर परिवार को शामिल करने की मांग की. लेकिन उनकी भी नहीं सुनी गई. देश के दुश्मनों से पूरी जिंदगी लड़ने के बाद रिटायर बीएसएफ के मेजर ने पूरी जिंदगी सामाजिक बहिष्कार का दंश झेला और झेलते-झेलते 2019 में उनकी मौत हो गई. परिवार का कहना है कि इसी टेंशन में उनकी हार्ट अटैक से जान गई थी.

BSF Major's family is not getting justice
BSF मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय
21 years of social exclusion
BSF मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय


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परिवार से लिया जा रहा जुर्माना

देश के लिए पूरी जिंदगी बिता देने वाले रिटायर्ड मेजर के अंतिम संस्कार में गांव का और समाज का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ. एक युवक ने अंतिम संस्कार में जाने की कोशिश की तो समाज ने उस पर भी कार्रवाई करने की धमकी दे डाली. किसी तरह अपने चंद रिश्तेदारों के साथ मिलकर परिवार ने उनका अंतिम संस्कार किया, पीड़ित परिवार का आरोप है कि अब तक उनसे जुर्माने के रूप में 25 हजार रुपए लिए जा चुके हैं और उनको समाज में शामिल करने एक लाख रुपयों की मांग की जा रही है. परिवार अब न्याय की गुहार लगा रहा है.

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परिवार ने लिया कानून का सहारा

इस परिवार ने अब न्याय के लिए कानून का सहारा लिया है. समाज सेवी और कानूनविद रामप्रकाश पांडे इस पूरी घटना को बेहद शर्मनाक बता रहे हैं, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है, इधर पुलिस विभाग में अधिकारी मनीष कुंवर ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

पूरी जिंदगी देश की सेवा में लगे BSF के रिटायर्ड मेजर इलियुस खलखो को जीते जी न्याय नहीं मिल पाया और अब उनकी अधूरी लड़ाई को उनकी पत्नी पूरा करने में लगी है. उम्मीद करते हैं कि उन्हें, उनका हक मिले.

जशपुर: 40 साल देश सेवा कर बीएसएफ मेजर इलियुस खलखो घर लौटते हैं. उसकी पत्नी किसी को गलत काम करने से रोकती हैं. इसकी सजा ये मिलती है कि समाज सही का साथ देने के बजाए गलत के साथ खड़ा होता है. रिटायर बीएसएफ मेजर का परिवार 20 साल से समाज निकाला झेल रहा है. न्याय के लिए लड़ते-लड़ते उनकी मौत हो गई, अब पत्नी ने कानून का सहारा लिया है.

देश सेवा के बदले मिली जिल्लत

मामला जिले के जुमईकेला गांव का है. यहां के रहने वाले इलियुस खलखो BSF में मेजर थे. 40 साल तक देश की सेवा करने के बाद जब वो रिटायर होकर अपने गांव पहुचे तो उन्हें पता चला कि कैथोलिक ईसाई समाज के लोगों ने उनकी पत्नी समेत पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है.

महिला को मारपीट से बचाने की सजा

जानकारी के मुताबिक गांव का एक युवक महिला के साथ मारपीट कर रहा था, जब उनकी पत्नी ने उसे ऐसा करने से रोका तो नाराज युवक ने सामाजिक पंचायत बैठा दी. इस बैठक में खलको के परिवार को भी नहीं बुलाया गया और उनकी फैमिली के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया.

bsf majors family is not getting justice
BSF मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय

रिटायर्ड मेजर की मौत पर भी नहीं आए गांव के लोग

1999 में जर इलियुस खलखो रिटायर होकर घर लौटे तो समाज के लोगों के साठ बैठक कर परिवार को शामिल करने की मांग की. लेकिन उनकी भी नहीं सुनी गई. देश के दुश्मनों से पूरी जिंदगी लड़ने के बाद रिटायर बीएसएफ के मेजर ने पूरी जिंदगी सामाजिक बहिष्कार का दंश झेला और झेलते-झेलते 2019 में उनकी मौत हो गई. परिवार का कहना है कि इसी टेंशन में उनकी हार्ट अटैक से जान गई थी.

BSF Major's family is not getting justice
BSF मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय
21 years of social exclusion
BSF मेजर के परिवार को नहीं मिल रहा न्याय


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परिवार से लिया जा रहा जुर्माना

देश के लिए पूरी जिंदगी बिता देने वाले रिटायर्ड मेजर के अंतिम संस्कार में गांव का और समाज का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ. एक युवक ने अंतिम संस्कार में जाने की कोशिश की तो समाज ने उस पर भी कार्रवाई करने की धमकी दे डाली. किसी तरह अपने चंद रिश्तेदारों के साथ मिलकर परिवार ने उनका अंतिम संस्कार किया, पीड़ित परिवार का आरोप है कि अब तक उनसे जुर्माने के रूप में 25 हजार रुपए लिए जा चुके हैं और उनको समाज में शामिल करने एक लाख रुपयों की मांग की जा रही है. परिवार अब न्याय की गुहार लगा रहा है.

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परिवार ने लिया कानून का सहारा

इस परिवार ने अब न्याय के लिए कानून का सहारा लिया है. समाज सेवी और कानूनविद रामप्रकाश पांडे इस पूरी घटना को बेहद शर्मनाक बता रहे हैं, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है, इधर पुलिस विभाग में अधिकारी मनीष कुंवर ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

पूरी जिंदगी देश की सेवा में लगे BSF के रिटायर्ड मेजर इलियुस खलखो को जीते जी न्याय नहीं मिल पाया और अब उनकी अधूरी लड़ाई को उनकी पत्नी पूरा करने में लगी है. उम्मीद करते हैं कि उन्हें, उनका हक मिले.

Last Updated : Jun 15, 2020, 9:03 PM IST
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