जशपुर : कोरोना संकट के दौरान जशपुर का रियासतकालीन राजसी दशहरा का आयोजन सादगी पूर्ण तरीके से मनाया जाएगा. जिला प्रशासन ने सीमित संख्या में लोगों को उत्सव के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी है. दशहरा आयोजन समिति ने भी जिलेवासियों से कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार की ओऱ से जारी किए गए गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. बालाजी मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा में भी इस बार सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति रहेगी.
रियासतकालीन राजसी दशहरे में रावण दहन, अपराजिता पूजा और नीलकंठ दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. पूर्व सांसद और जशपुर राजपरिवार के सदस्य राजा रणविजय सिंह जूूदेव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए भगवान बालाजी की शोभायात्रा सीमित संख्या में उपस्थिति के साथ निकाली जाएगी. बालाजी मंदिर से रवाना होकर, शोभा यात्रा रणजीता स्टेडियम में पहुंचती है. यहां कृत्रिम लंका का निर्माण किया जाता है, जिसमें रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद और अहिरावण के पुतले होते हैं. भगवान हनुमान द्वारा लंका दहन किया जाता है.
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नहीं होगा रावण के पुतले का दहन
सरकार का यह मापदंड इस बार रावण के पुतले के लिए भी लागू किया गया है. यही कारण है कि रणजीता स्टेडियम में इस बार भव्य पुतले का निर्माण नहीं किया गया है. कोरोनाकाल में जिलेवासियों को आतिशबाजी का दिलकश दृश्य देखने को नहीं मिलेगा. पूर्व सांसद जूदेव ने बताया कि रणजीता स्टेडियम के नीचे की ओर पारम्परिक रूप से तैयार होने वाला रावण का पुतला तैयार कर लिया गया है जिसका दहन किया जाएगा.