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जशपुर के साप्ताहिक बाजार में आकाशीय बिजली गिरने से 3 की मौत - what is lightning

जशपुर में आकाशीय बिजली का कहर बरसा है. साप्ताहिक बाजार में खरीदारी करने गए कई लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए. तीन लोगों की मौत हो गई. कई की हालत गंभीर बताई जा रही है.

Death due to lightning in Jashpur
जशपुर में बिजली गिरने से मौत
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Published : May 29, 2022, 8:36 PM IST

जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा जनपद क्षेत्र में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. 11 से ज्यादा लोग झुलस गए. जिनमें से कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. घायलों को इलाज के लिए बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ले लाया गया. जहां उनका इलाज जारी है. घटना रविवार शाम 4 से 5 बजे बगीचा विकासखंड के सुलेसा के बुर्जुडीह गांव की घटना है. जहां साप्ताहिक बाजार के पास आकाशीय बिजली गिरने से ये हादसा हुआ. ( Death due to lightning in Jashpur)

बताया जा रहा है कि ग्राम बुर्जुडीह में साप्ताहिक बाजार लगा हुआ था. शाम साढ़े 4 बजे के आसपास तेज आंधी और तूफान के साथ बारिश शुरू हो गई. इस दौरान आकाशीय बिजली साप्ताहिक बाजार के ही आसपास पेड़ में गिरी जिससे ये हादसा हुआ. तीन मृतकों में दो युवक और एक नाबालिग शामिल है.

जानिए क्या है आकाशीय बिजली, कैसे इससे बचें

आकाशीय बिजली से छत्तीसगढ़ में हर साल 100 से ज्यादा मौतें: आकाशीय बिजली (lightning) से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली (lightning) की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कैसे बचें: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने आकाशीय बिजली (lightning) जिसे गाज भी कहा जाता है. इससे बचने के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान, खुले में काम करने वाले लोग आते हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) का कहना है कि आकाशीय बिजली (lightning) से थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो आसानी से बचा जा सकता है.

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभे और टावर के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • अगर आप खेत में है तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए .
  • लोहे समेत धातु से बने सामान साइकिल आदि से दूर रहना चाहिए.


    इसके अलावा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटीरियोलांजी (आईआईटीएम) पुणे ने दामिनी (Damini) नाम से एक ऐप डेवलप किया है. इसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. इस ऐप के माध्यम से जान माल के नुकसान से बचा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में ये इलाके हैं संवेदनशील: प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए बेहद संवेदनशील जगहों के रूप में चिन्हित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर

इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल है.

क्या होता है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है. यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलती है. ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान तेज कड़क आवाज सुनाई देती है. बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा जनपद क्षेत्र में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. 11 से ज्यादा लोग झुलस गए. जिनमें से कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. घायलों को इलाज के लिए बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ले लाया गया. जहां उनका इलाज जारी है. घटना रविवार शाम 4 से 5 बजे बगीचा विकासखंड के सुलेसा के बुर्जुडीह गांव की घटना है. जहां साप्ताहिक बाजार के पास आकाशीय बिजली गिरने से ये हादसा हुआ. ( Death due to lightning in Jashpur)

बताया जा रहा है कि ग्राम बुर्जुडीह में साप्ताहिक बाजार लगा हुआ था. शाम साढ़े 4 बजे के आसपास तेज आंधी और तूफान के साथ बारिश शुरू हो गई. इस दौरान आकाशीय बिजली साप्ताहिक बाजार के ही आसपास पेड़ में गिरी जिससे ये हादसा हुआ. तीन मृतकों में दो युवक और एक नाबालिग शामिल है.

जानिए क्या है आकाशीय बिजली, कैसे इससे बचें

आकाशीय बिजली से छत्तीसगढ़ में हर साल 100 से ज्यादा मौतें: आकाशीय बिजली (lightning) से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली (lightning) की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कैसे बचें: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने आकाशीय बिजली (lightning) जिसे गाज भी कहा जाता है. इससे बचने के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान, खुले में काम करने वाले लोग आते हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) का कहना है कि आकाशीय बिजली (lightning) से थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो आसानी से बचा जा सकता है.

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभे और टावर के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • अगर आप खेत में है तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए .
  • लोहे समेत धातु से बने सामान साइकिल आदि से दूर रहना चाहिए.


    इसके अलावा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटीरियोलांजी (आईआईटीएम) पुणे ने दामिनी (Damini) नाम से एक ऐप डेवलप किया है. इसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. इस ऐप के माध्यम से जान माल के नुकसान से बचा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में ये इलाके हैं संवेदनशील: प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए बेहद संवेदनशील जगहों के रूप में चिन्हित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर

इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल है.

क्या होता है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है. यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलती है. ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान तेज कड़क आवाज सुनाई देती है. बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

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