जशपुर: बालाछापर गांव में बने एथनिक सरना रिसोर्ट में होने वाले नए साल के जश्न को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने जनजातिय समुदाय के धार्मिक आस्था का केन्द्र सरना के नाम पर रखे रिसार्ट में जश्न मनाने के लेकर विरोध जताई गई है. आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने इसे लेकर जिले का आला प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है.
पोस्ट में से आपत्तिजनक शब्द
दरअसल, शहर के नजदीक बाला छापर गांव में बने एथेनिक सरना रिजॉर्ट में नए साल का जश्न का आयोजन किया जाना है, लेकिन उससे पहले ही विवाद शुरू हो गया बुधवार को सोशल मीडिया पर आयोजकों ने नए साल के अवसर पर आयोजित जश्न को लेकर एक पोस्ट किया. जिसमें लिखा है 'रात भर फुल इंजाय और डांस करने को भी मिलेगा बाकी कोई दिक्कत होगी तो हम साथ खड़े रहेंगे'. बिल्कुल छूट, फुल इंजाय जैसे शब्द लिखे होने और पोस्ट के साथ महिलाओं का नृत्य मुद्रा में तस्वीर भी डाला गया है.
कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने आयोजन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, कलेक्टर को ज्ञापन देकर आयोजन को रोकने के साथ आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भारत दर्शन योजना के तहत देशवासियों को जनजातिय समाज की संस्कृति से लोगों को जोड़ने के लिए इस रिसार्ट का निर्माण किया है. यहीं वजह है कि पूरे रिसार्ट में जनजातिय समाज की कला देखने को मिलता है, लेकिन कुछ लोग, यहां दूषित वातवरण निर्मित करना चाहतें हैं, लेकिन इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कलेक्टर महादेव कावरे से फोन पर चर्चा कर इस तरह संस्कृति को दूषित करने वाली गतिविधियों को रोकने की मांग की है.
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आला अधिकारी मौके पर पहुंचे
विवाद बढ़ता देख आला प्रशासनिक अधिकारी रिसार्ट पहुंचे. एसडीएम जशपुर दशरथ राजपूत, एसडीओपी आरएस परिहार, कोतवाली प्रभारी एलएस धुर्वे, इस दौरान रिसार्ट के प्रभारी आशीष तिर्की ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीमित संख्या में लोगों को जश्न में शामिल होने की अनुमति दी गई है. टिकट में सिर्फ जोड़ों को ही प्रवेश की अनुमति दिया गया है. कार्यक्रम के आयोजक विनोद यादव का कहना है कि विरोधियों द्वारा बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है. एसडीएम दशरथ सिंह राजपूत ने बताया कि सीमित संख्या में आयोजन करने की अनुमति दी गई है. आयोजकों को कोरोन संक्रमण के लिए शासन द्वार जारी किए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है.