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सरकार और सिस्टम ने नहीं सुनी गुहार, ग्रामीणों ने खुद ही कर लिया बेड़ा पार

जशपुर: जिले के सालेकेरा गांव में मौजूद पुल जितना अनोखा है. इसके निर्माण की कहानी उतनी ही दिलचस्प है. करीब दस साल पहले बेहरी नदी पर पुल का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन इसी दौरान हुई बरसात में पुल बह गया और कुछ बचा तो बस इसका ढांचा.

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Published : Feb 8, 2019, 9:55 PM IST

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पुल के बह जाने से गांव वालों पर मुसीबत का अंबार टूट पड़ा, बारिश के मौसम में नदी में आए सैलाब ने उनगा बाहर जाना दूभर कर दिया. हालांकि प्रशासन ने टूटे पुल के बगल में दूसरा पुल बनाने की कोशिश की लेकिन यह प्रयास बीरबल की खिचड़ी बन गया और 10 साल बाद भी अधूरा ही रह गया. लकड़ी से बना यह पुल सबूत है राजनीतिक जुमलेबाजी का, यह गवाह है सिस्टम के दिवालियापन का. ये सेतु उतरहण है गांववालों के मजबूत इरादे और एकजुटता का.

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2011 में सामने आया था स्कैम
इस पुल निर्माण को लेकर 2011 में एक बड़ा स्कैम सामने आया. ग्रामीणों से विरोध के बाद कलेक्टर ने जांच समिति का गठन किया. समिति ने जांच रिपोर्ट में 23 लाख 99 हजार रुपए का अधिक मुल्यांकन पाया गया. आरोपी पर कार्रवाई भी की गई लेकिन छह साल गुजरने के बाद भी पुल उसी हाल में अटका है.

सबसे ज्यादा फजीहत को बारिश के दिनों में होती है एक ओर नीचे नदी, तो वहीं दूसरी ओर गिला लकड़ी का पुल. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर इसे पार करते हैं, हर वक्त डर बना रहता है कि कहीं इन बल्लियों ने दगा दे दिया तो, जिंदगी डोर हमेशा-हमेशा के कट न जाए.

क्या कहना है ग्रामीणों का
ग्रामीण कहते हैं कि चुनाव के वक्त नेताजी आश्वासन का चोला ओढ़ाते हैं और फिर पांच साल के लिए फुर्र हो जाते हैं. नई सरकार के आते ही यहां के दो सौ तीस परिवारों में भी उम्मीद जागी है कि, उनकी गुहार सरकार तक जाएगी और वहां से खुशियों की सौगात लाएगी.

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पुल के बह जाने से गांव वालों पर मुसीबत का अंबार टूट पड़ा, बारिश के मौसम में नदी में आए सैलाब ने उनगा बाहर जाना दूभर कर दिया. हालांकि प्रशासन ने टूटे पुल के बगल में दूसरा पुल बनाने की कोशिश की लेकिन यह प्रयास बीरबल की खिचड़ी बन गया और 10 साल बाद भी अधूरा ही रह गया. लकड़ी से बना यह पुल सबूत है राजनीतिक जुमलेबाजी का, यह गवाह है सिस्टम के दिवालियापन का. ये सेतु उतरहण है गांववालों के मजबूत इरादे और एकजुटता का.

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2011 में सामने आया था स्कैम
इस पुल निर्माण को लेकर 2011 में एक बड़ा स्कैम सामने आया. ग्रामीणों से विरोध के बाद कलेक्टर ने जांच समिति का गठन किया. समिति ने जांच रिपोर्ट में 23 लाख 99 हजार रुपए का अधिक मुल्यांकन पाया गया. आरोपी पर कार्रवाई भी की गई लेकिन छह साल गुजरने के बाद भी पुल उसी हाल में अटका है.

सबसे ज्यादा फजीहत को बारिश के दिनों में होती है एक ओर नीचे नदी, तो वहीं दूसरी ओर गिला लकड़ी का पुल. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर इसे पार करते हैं, हर वक्त डर बना रहता है कि कहीं इन बल्लियों ने दगा दे दिया तो, जिंदगी डोर हमेशा-हमेशा के कट न जाए.

क्या कहना है ग्रामीणों का
ग्रामीण कहते हैं कि चुनाव के वक्त नेताजी आश्वासन का चोला ओढ़ाते हैं और फिर पांच साल के लिए फुर्र हो जाते हैं. नई सरकार के आते ही यहां के दो सौ तीस परिवारों में भी उम्मीद जागी है कि, उनकी गुहार सरकार तक जाएगी और वहां से खुशियों की सौगात लाएगी.

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Intro:रायगढ़ जिले के पॉलिटेक्निक कॉलेज में छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा 2017 (CGPSC 2017) में चयनित हुए रायगढ़ के अभ्यार्थियों को उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने प्रगति पत्र एवं स्मृति चिह्न दिया. इस दौरान इस परीक्षा में चयनित लोगों से उनकी संघर्ष और उनके परीक्षा की तैयारी को लेकर चर्चाएं भी की गई तथा उन्होंने खुद मंच से लोगो को बताया कि कैसे उन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल की और आगे कोई अगर इस तरह से परीक्षा में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए। इस दौरान मंच पर रायगढ़ कलेक्टर यशवंत कुमार उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नंद कुमार पटेल, रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक, धरमजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया मौजूदथे।

byte 01 उमेश पटेल, केबिनेट मंत्री। कला कोटि हाफशर्ट
byte 02 यशवंत कुमार, कलेक्टर रायगढ़। नीला कोटि फूल शर्ट


Body:इस सम्मान समारोह में पोषक चौधरी डिप्टी कलेक्टर, श्यामा पटेल डिप्टी कलेक्टर, रूपेंद्र पटेल डिप्टी कलेक्टर, राहुल रजक डिप्टी कलेक्टर, अमित देवांगन डीएसपी, ज्योत्सना चौधरी डीएसपी, कुमारी अस्मिता साहू सहायक परियोजना अधिकारी, शशिभूषण पटेल उद्योग प्रबंधक, रिद्धि साहू अकाउंट ऑफिसर, गरिमा सारथी अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी भीष्म कुमार नायाब तहसीलदार शामिल थे सभी को उमेश पटेल ने प्रगति पत्र दिया साथ ही उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कलेक्टर यशवंत कुमार ने कहा कि जिला के लोगों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई की तरफ रुझान करें इसके लिए इस तरह से सम्मान समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि समय मिलने पर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे।


Conclusion:. उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि इस तरह के सम्मान समारोह का आयोजन जरूरी है क्योंकि सम्मान समारोह से लोगों में उत्सुकता बढ़ती है कि कोई उनका भी सम्मान करें यह जिला प्रशासन की तरफ से एक सराहनीय कदम है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के चयनित अभ्यार्थियों का सम्मान किया और आगे भी ऐसा सम्मान होता रहेगा जिससे जो नई पीढ़ी रहेंगी उनको एक दिशा मिलेगी।
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