जशपुर: झुमराडुमर गांव में पहाड़ी कोरवा दंपत्ती ने दो बच्चों के साथ पेड़ के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 7 सदस्यीय जांच दल गठित किया था. बीजेपी की जांच टीम नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के नेतृत्व में शनिवार को झुमराडुमर और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश की. भाजपा नेताओं ने क्षेत्र की बदहाली को इसका जिम्मेदार माना, जिसकी वजह से न तो रोजगार के कोई साधन गांव के आसपास हैं और न ही पानी के आभाव में कृषि हो पा रही है. मामले की जांच कर प्रदेश भाजपा की जांच टीम राष्ट्रपति समेत केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेगी. आपको बता दें कि यह सामूहिक सुसाइड की घटना दो अप्रैल की थी.
इलाके में न सड़क है और न ही पानी: पहाड़ी कोरवा परिवार के चार सदस्यों के सामूहिक आत्महत्या मामले में बीजेपी लगातार प्रदेश की भूपेश सरकार को घेर रही है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के साथ भाजपा नेता रामविचार नेताम ने झुमराडुमर गांव पंहुचकर पीड़ित परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से मुलाकात की. यहां राशन, सड़क, पानी समेत जाति और निवास प्रमाण पत्र जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है. बीजेपी ने भूख और गरीबी को सुसाइड का कारण माना है.
"भूपेश सरकार असंवेदनशील सरकार": नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि "दो दिन पहले सीएम जशपुर दौरे पर थे. फिर भी उन्होंने न तो पहाड़ी कोरवा परिवार को लेकर संवेदना जताई और न ही मिलने आए. उत्तर प्रदेश में 50 लाख देने की घोषणा करने वाले भूपेश बघेल ने यहां के लिए 5 लाख तक के मुआवजे का एलान भी नहीं किया. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश बघेल की सरकार को असंवेदनशील सरकार बताया.
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कोरवा परिवारों के पास नहीं है पट्टे की जमीन: नेता प्रतिपक्ष के साथ जांच दल में रामविचार नेताम भी शामिल हैं. उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि "कोरवा परिवार के लोगों को राशन के लिए भी दस किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. पीने के पानी के लिए हैंडपंप तक नहीं हैं. इस जनजाति के लोग बहुत ही दयनीय स्थिति में जी रहे हैं."