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SPECIAL: ये लीची देखकर आप भी ललचा जाएंगे, किसानों के भी अच्छे दिन आएंगे

सीली लीची के बूते किसानों के और भी अच्छे दिन आने वाले हैं. इस बार जशपुर जिले में लीची की अच्छी पैदावार हुई है, इसकी बड़ी वजह मौसम का इस फल के अनुकूल होना भी है. इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार भी लीची पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है.

ये लीची देखकर आप भी ललचा जाएंगे,
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Published : Jun 19, 2019, 8:22 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 5:44 PM IST

जशपुर: ये लीची देखकर आप भी ललचा गए होंगे. वैसे इस लीची के दीवाने सिर्फ छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी हैं. इस बार जशपुर जिले में लीची की अच्छी पैदावार हुई है, इसकी बड़ी वजह मौसम का इस फल के अनुकूल होना भी है. 15 से 20 रुपए दर्जन मिल रही लीची की खासी डिमांड है.

ये लीची देखकर आप भी ललचा जाएंगे

अब इस रसीली लीची के बूते किसानों के और भी अच्छे दिन आने वाले हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक लीची का उत्पादन करने वाले जशपुर जिले में इसकी कीमत न मिल पाने की वजह से किसानों को अपेक्षित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन अब उद्यानिकी विभाग इस समस्या से निपटने के लिए लीची पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है. जिससे किसानों को बहुत फायदा होगा.

  • जिले में आम, नाशपाती के साथ साथ लीची की पैदावार बहुतायत मात्रा में होती है.
  • यहां का मौसम लीची के लिए अनुकूल होने के कारण किसान हर गांव में लीची की पैदावार करते हैं.
  • मौसम अनुकूल रहा तो 15 से 20 दिनों में ही फल तैयार हो जाते हैं. अब क्षेत्र के किसानों के लिए ये अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है.
  • लीची के उत्पादन से होने वाले लाभ को देखते हुए अब बड़ी संख्या में किसान इसका उत्पादन कर रहे हैं.

वहीं उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने इसे राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जोड़ दिया है. इस मिशन के तहत उद्यान विभाग क्षेत्र के किसानों को उत्पादन के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त में लीची के पौधे भी वितरित करते हैं.
इसके साथ ही किसानों को पौधे की देखभाल के तौर तरीके एवं उनके विकास के लिए आवश्यक खाद एवं दवाई उपलब्ध कराई जाती है जिले में लीची का उत्पादन का रकबा बढ़ रहा है.

शहर में लीची बेचने आए जिला किसान संघ के अध्यक्ष ललित टोप्पो ने बताया कि उन्होंने अपने घर की बाड़ी में लीची के पांच पेड़ लगाए हैं और इनसे उन्हें साल में 15 से 20 हजार की अतिरिक्त कमाई हो जाती है.

इसी प्रकार फल विक्रेता मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि इन दिनों बाजार में लीची की भरपूर आवक हो रही है. छत्तीसगढ़ में राजधानी सहित अन्य शहरों में सप्लाई होती है. रायगढ़, बिलासपुर, जांजगीर चांपा, कोरबा, रायपुर सहित अन्य क्षेत्रों के व्यापारी भी यहां से लिची ले जाते हैं.

छत्तीसगढ़ से लगे राज्य झारखंड, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश तक यहां से ली थी सप्लाई की जाती है. उन्होंने बताया कि बाजार में अधिक मात्रा में आने से लीची 15 से 20 रुपए दर्जन बिक रही है. अधिक लीची का उत्पादन होने से इसके भाव गिरते हैं, इससे किसानों को मिलने वाले लाभ में कमी हो रही है.

बड़े शहरों में महंगी बिक रही लीची
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में रायगढ़ बिलासपुर रायपुर जैसे बड़े शहरों में लीची के भाव 70 से 80 रुपए प्रति किलो में इसे बेचा जा रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए उद्यानिकी विभाग लीची पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है. उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक आर ए बी भदौरिया ने बताया कि लीची का उत्पादन मुश्किल 15 से 20 दिनों का होता है.

स्थापित होगी यूनिट
इस दौरान जिलेभर में लीची की भरपूर आवक होती है इसके बाद यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है. ऐसे में सिर्फ एक यूनिट स्थापित करना बहुत मुश्किल होता है इसलिए इसके साथ जिले में उत्पादन होने वाले दूसरे फलों के उत्पादन का सर्वे कर संभावनाएं तलाश की जा रही है.

उद्यानिकी विभाग द्वारा लिची आधारित प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जाने के लिए की जा रही कवायद अगर सफल हो जाती है तो किसानों को इससे सीधा लाभ होगा. इस यूनिट में लीची की ग्रेडिंग के साथ पल्प और जूस के संग्रहण का काम होगा. इसके लिए यूनिट के संचालक सीधे किसानों से लीची की खरीदी करेंगे, जिससे किसानों को फसल की सही कीमत मिल पाएगी.

जशपुर: ये लीची देखकर आप भी ललचा गए होंगे. वैसे इस लीची के दीवाने सिर्फ छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी हैं. इस बार जशपुर जिले में लीची की अच्छी पैदावार हुई है, इसकी बड़ी वजह मौसम का इस फल के अनुकूल होना भी है. 15 से 20 रुपए दर्जन मिल रही लीची की खासी डिमांड है.

ये लीची देखकर आप भी ललचा जाएंगे

अब इस रसीली लीची के बूते किसानों के और भी अच्छे दिन आने वाले हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक लीची का उत्पादन करने वाले जशपुर जिले में इसकी कीमत न मिल पाने की वजह से किसानों को अपेक्षित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन अब उद्यानिकी विभाग इस समस्या से निपटने के लिए लीची पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है. जिससे किसानों को बहुत फायदा होगा.

  • जिले में आम, नाशपाती के साथ साथ लीची की पैदावार बहुतायत मात्रा में होती है.
  • यहां का मौसम लीची के लिए अनुकूल होने के कारण किसान हर गांव में लीची की पैदावार करते हैं.
  • मौसम अनुकूल रहा तो 15 से 20 दिनों में ही फल तैयार हो जाते हैं. अब क्षेत्र के किसानों के लिए ये अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है.
  • लीची के उत्पादन से होने वाले लाभ को देखते हुए अब बड़ी संख्या में किसान इसका उत्पादन कर रहे हैं.

वहीं उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने इसे राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जोड़ दिया है. इस मिशन के तहत उद्यान विभाग क्षेत्र के किसानों को उत्पादन के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त में लीची के पौधे भी वितरित करते हैं.
इसके साथ ही किसानों को पौधे की देखभाल के तौर तरीके एवं उनके विकास के लिए आवश्यक खाद एवं दवाई उपलब्ध कराई जाती है जिले में लीची का उत्पादन का रकबा बढ़ रहा है.

शहर में लीची बेचने आए जिला किसान संघ के अध्यक्ष ललित टोप्पो ने बताया कि उन्होंने अपने घर की बाड़ी में लीची के पांच पेड़ लगाए हैं और इनसे उन्हें साल में 15 से 20 हजार की अतिरिक्त कमाई हो जाती है.

इसी प्रकार फल विक्रेता मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि इन दिनों बाजार में लीची की भरपूर आवक हो रही है. छत्तीसगढ़ में राजधानी सहित अन्य शहरों में सप्लाई होती है. रायगढ़, बिलासपुर, जांजगीर चांपा, कोरबा, रायपुर सहित अन्य क्षेत्रों के व्यापारी भी यहां से लिची ले जाते हैं.

छत्तीसगढ़ से लगे राज्य झारखंड, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश तक यहां से ली थी सप्लाई की जाती है. उन्होंने बताया कि बाजार में अधिक मात्रा में आने से लीची 15 से 20 रुपए दर्जन बिक रही है. अधिक लीची का उत्पादन होने से इसके भाव गिरते हैं, इससे किसानों को मिलने वाले लाभ में कमी हो रही है.

बड़े शहरों में महंगी बिक रही लीची
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में रायगढ़ बिलासपुर रायपुर जैसे बड़े शहरों में लीची के भाव 70 से 80 रुपए प्रति किलो में इसे बेचा जा रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए उद्यानिकी विभाग लीची पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है. उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक आर ए बी भदौरिया ने बताया कि लीची का उत्पादन मुश्किल 15 से 20 दिनों का होता है.

स्थापित होगी यूनिट
इस दौरान जिलेभर में लीची की भरपूर आवक होती है इसके बाद यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है. ऐसे में सिर्फ एक यूनिट स्थापित करना बहुत मुश्किल होता है इसलिए इसके साथ जिले में उत्पादन होने वाले दूसरे फलों के उत्पादन का सर्वे कर संभावनाएं तलाश की जा रही है.

उद्यानिकी विभाग द्वारा लिची आधारित प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जाने के लिए की जा रही कवायद अगर सफल हो जाती है तो किसानों को इससे सीधा लाभ होगा. इस यूनिट में लीची की ग्रेडिंग के साथ पल्प और जूस के संग्रहण का काम होगा. इसके लिए यूनिट के संचालक सीधे किसानों से लीची की खरीदी करेंगे, जिससे किसानों को फसल की सही कीमत मिल पाएगी.

Intro:जशपुर गर्मी के मौसम में गर्मी से राहत दिलाने वाली रसीली लीची की पैदावार इस बार जिले में अच्छी हुई है जिले की जलवायु लीची की पैदावार के लिए उपयुक्त होने के कारण यहां पैदावार अधिक होती है यहां की लीची प्रदेश के हर जिले में तो जाती ही है साथ ही छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों में भी यहां की लीची की अच्छी डिमांड है बाजार में लीची करीबन 10 से 20 दर्जन के भाव में बिक रही है। लेकिन अब इस रसीली लीची के बूते किसानों के और भी अच्छे दिन आने वाले हैं छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक लीची का उत्पादन करने वाले जसपुर जिले में इसकी कीमत ना मिल पाने की वजह से किसानों को अपेक्षित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था लेकिन अब उद्यानिकी विभाग इस समस्या से निपटने के लिए लीची का पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है पेश है एक रिपोर्ट,


Body:जिले में आम, नाशपाती के साथ साथ लीची की पैदावार बहुतायत मात्रा में होती है यहां का मौसम लीची के लिए अनुकूल होने के कारण किसान हर गांव में लीची की पैदावार करते हैं मौसम अनुकूल रहा तो 15 से 20 दिनों में ही फल तैयार हो जाते हैं अब क्षेत्र के किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है लीची के उत्पादन से होने वाले लाभ को देखते हुए अब बड़ी संख्या में किसान इसका उत्पादन कर रहे हैं वहीं उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने इसे राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जोड़ दिया है इस मिशन के तहत उद्यान विभाग क्षेत्र के किसानों को उत्पादन के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त में लीची के पौधे भी वितरित करते हैं इसके साथ ही किसानों को पौधे की देखभाल के तौर तरीके एवं उनके विकास के लिए आवश्यक खाद एवं दवाई उपलब्ध कराई जाती है जिले में लीची का उत्पादन का रकबा बढ़ रहा है,

शहर में लीची बेचने आए जिला किसान संघ के अध्यक्ष ललित टोप्पो ने बताया कि उन्होंने अपने घर की बाड़ी में लीची के पांच पेड़ लगाएं हैं और इनसे उन्हें साल में 15 से 20 हजार की अतिरिक्त कमाई हो जाती है इसी प्रकार फल विक्रेता मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि इन दिनों बाजार में लीची की भरपूर आवक हो रही है जशपुर से लीचीयहां के लिए चाहिए छत्तीसगढ़ में राजधानी सहित अन्य शहरों में सप्लाई होती है रायगढ़ बिलासपुर जांजगीर चांपा कोरबा रायपुर सहित अन्य क्षेत्रों के व्यापारी भी यहां से लिखी ले जाते हैं छाती छत्तीसगढ़ से लगे राज्य झारखंड बिहार उड़ीसा उत्तर प्रदेश तक यहां से ली थी सप्लाई की जाती है, उन्होंने बताया कि बाजार में अधिकारिक मात्रा में लीची आने से सीजन में 15 से ₹20 प्रति दर्जन के भाव में बिक रही है यही अधिक लीची का उत्पादन होने से इसके भाव गिरते हैं इससे किसानों को मिलने वाले लाभ में कमी हो रही है

जिले में लीची की अधिक पैदावार होने के कारण इसकी कीमत किसानों की अपेक्षा के अनुसार नहीं मिल पाती है भरपूर आवक होने की वजह से इन दिनों बाजार में लीची के भाव दर्जन में 10 से ₹20 दर्जन के बीच बिक रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में रायगढ़ बिलासपुर रायपुर जैसे बड़े शहरों में लीची के भाव 70 से ₹80 प्रति किलो में इसे बेचा जा रहा है इस समस्या से निबटने के लिए उद्यानिकी विभाग लीची पर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक आर ए बी भदौरिया ने बताया कि लीची का मुश्किल 15 से 20 दिनों का होता है इस दौरान जिलेभर में लीची की भरपूर आवक होती है इसके बाद यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है ऐसे में सिर्फ एक यूनिट स्थापित करना बहुत मुश्किल होता है इसलिए इसके साथ जिले में उत्पादन होने वाले दूसरे फलों के उत्पादन का सर्वे कर संभावनाएं तलाश की जा रही है,


Conclusion:

उद्यानिकी विभाग द्वारा लिखी आधारित प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जाने के लिए की जा रही कवायद जमीन में उतरी है तो किसानों को इससे सीधा लाभ होगा इस यूनिट में लीची की ग्रेडिंग के साथ पल्प और जूस के संग्रहण का काम होगा इसके लिए यूनिट के संचालक सीधे किसानों से लीची की खरीदी करेंगे इससे किसानों को फसल की सही कीमत मिल पाएगी

बाइट ललीत टोप्पो किसान संघ के अध्यक्ष जमीन पर बैठ लीची बेचते हुवे
बाइट मनोज कुमार सिंह लीची व्यपारी (निली टीशर्ट वाले)

बाइट मोहम्मद कौसर व्यपारी चेक शर्ट

बाइट आरएबी भदौरिया सहायक संचालक उद्यानिकी

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर

Last Updated : Jun 20, 2019, 5:44 PM IST
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