जशपुर: फिल्म 'चक दे इंडिया' में महिलाओं के हौसले और उत्साह से भरी वो कहानी समाज के सामने रखी है, जो पुरुष प्रधान समाज के लिए एक आईना के तौर पर थी. ये कहानी महिलाओं को खेल जगत में पुरुषों से कम न समझने की सीख दे गई. एक ऐसी ही कहानी खेल के मैदान की ओर बढ़ रही बस्तर की आदिवासी महिला खिलाड़ियों की है, जो हॉकी स्टिक के सहारे अपनी जिंदगी के 'गोल' की ओर बढ़ रही हैं.
इन खिलाड़ियों को हौसला रील नहीं बल्कि एक रियल हीरो से मिला है. ये हीरो कोई और नहीं जिला प्रशासन है जिनकी एक अच्छी पहल ने आदिवासी युवतियों को आगे बढ़ने और जिंदगी में कुछ कर गुजरने का हौसला दिया है.
सॉकर लीग का आयोजन
ये कहानी आदिवासी बाहुल्य जिले जशपुर की है. यहां आदिवासी महिला खिलाड़ी और हॉकी के खेल को बढ़ावा देने के लिए जशपुर में सॉकर लीग का आयोजन किया गया. यह आयोजन शहर के रणजीता स्टेडियम में खंड स्तरीय प्रतियोगिता के रूप में आयोजित की गई है. आदिवासी खिलाड़ी खेल जगत में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं, लेकिन सही प्लेटफॉर्म न मिलने के कारण वे सही स्थान पर पहुंच नहीं पा रहे हैं, जिसके वे काबिल हैं.
आदिवासी महिला खिलाड़ी और लड़कों के बीच मैच
प्रतियोगिता तीन वर्गों में आयोजित की गई है, जिसमें आदिवासी महिला खिलाड़ी और लड़कों के बीच मैच का आयोजन किया गया. मैच का पहला दिन बालिका वर्ग में जशपुर संकुल और बालक वर्ग में इचकेला संकुल और गम्हरिया संकुल के बीच खेला गया. इसमें गम्हरिया संकुल ने 3-0 से जीत हासिल की. इस मैच में जशपुर संकुल ने 1-0 से जीत दर्ज कर जिला स्तर पर स्थान बनाया है. विकासखंड स्तर पर विजयी रही टीम को जिला स्तर पर अपना जौहर दिखाने का अवसर मिलेगा.
आदिवासी बाहुल्य खिलाड़ियों को आगे लाने का उद्देश्य
जशपुर बीईओ एमजेडयू सिद्की ने बताया कि, 'आदिवासी बाहुल्य जिले के खिलाड़ियों को आगे लाने के उद्देश्य से इस खेल का आयोजन किया गया, ताकि जिले में हॉकी के क्षेत्र में प्रतिभाओं को सामने लाया जा सके. उन्होंने बताया कि, 'पहले भी यहां से खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर दिखा चुके हैं.
15 से 18 नवंबर तक आयोजन
आयोजन में ब्लॉक लेबल पर 14 टीमें सम्मलित होंगी, जिसमें बालक एवं बालिका की एक-एक टीम के साथ ओपन में एक टीम ओर मिक्स ओपन में एक टीमों का चयन किया जाएगा. खंड स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता 15 से 18 नवंबर तक चलेगी. इस प्रतियोगिता में जीतने वाले जिला स्तरीय विजेता टीम को 31 हजार रुपये का नकद पुरस्कार एवं उप-विजेता को 21 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा.
हॉकी लीग का आयोजन बस्तर खिलाड़ी महिलाओं को आगे लाने का अच्छा अवसर है. ये खिलाड़ी महिलाएं भी खेल मैदान में पुरुष खिलाड़ियों को धूल चटाने के लिए तैयार हैं.