जशपुर: कुपोषण को दूर करने के लिए जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का शुभांरभ मनोरा जनपद के आंगनबाड़ी केन्द्र से एक वर्ष पहले किया गया था. इसी का असर है कि जिले के 4 हजार 7 सौ 82 बच्चे सुपोषित हुए.
कुपोषित बच्चों, महिलाओं को दिया गया पोष्टिक भोजन
जिले के कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि जिले में कुपोषण को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई. सभी हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ हर सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को एक अंडा, हर मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को चिक्की खिलाया गया. चयनित गर्भवती, शिशुवती एनिमिक महिलाओं को चिक्की और अंडा खिलाया जाना शामिल किया गया. जिले में महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत कुपोषित 4782 बच्चों को सुपोषित किया गया है.
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महिला बाल विकास अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि महिला बाल विकास के अंतर्गत रेडी टू ईट के सही तरीके से बच्चों और हितग्राहियों को खिलाने के लिए बताया गया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम के द्वारा नियमित रूप से उन्हें व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच, कृमि नाशक दवा खिलाया गया. आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलने वाली पूरक पोषण रेडी टू ईट को 6 दिन में खिलाने की सलाह दी गई.खान-पान में विशेष ध्यान दिया गया. जिसमें रोटी हरी साक सब्जी हर रोज हफ्ते में तीन दिन मुनगा भाजी बनाकर नियमित रूप से बच्चों को खिलाने की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा माता-पिता को सलाह दी गई.
सुपोषण वाटिका में लगाई गई हरी साग-सब्जियां
सुपोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण वाटिका तैयार कर उसमें लगाई गई सब्जी का प्रयोग घर में करने को कहा गया. साथ में सभी प्रकार के स्थानीय साग भाजी एवं खाद्य पदार्थों को शमिल कर भोजन में विविधता कर खाते रहने की सलाह दी गई. ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन कर हितग्राहियों को लाभांवित करने के लिए भी कहा गया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों की नियमित रूप से टीकाकरण और वजन भी लिया जाता था. विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर योजना की निरंतर समीक्षा की गई.