जांजगीर-चांपा: पुलिस विभाग के दो आरक्षकों ने सभी को अचंभित कर दिया है. आरक्षकों के काम से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. तहसील कोर्ट में अपराधी को पेश किया गया था. जहां कोर्ट ने क्रिमनल को जेल भेजने का आदेश दिया, लेकिन आरक्षकों ने कोर्ट आदेश को दरकिनार कर आरोपी को रिहा कर दिया. दोनों आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया गया है.
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ये पूरा मामला नैला चौकी का है. नैला चौकी में पदस्थ दो आरक्षकों ने एक अपराधी को छोड़ दिया है. इस पर पुलिस कप्तान ने दोनों आरक्षकों को लाइन अटैच की सजा दी है. यह सुनने में अजीब लग सकता है कि कोर्ट के आदेशों के परिपालन के बजाय अपराधी को रिहा करने का काम पुलिस कर रही है, लेकिन यही सच्चाई है. अब पुलिस कोर्ट के नियमों का धज्जियां उड़ाने लग गई है.
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आरक्षकों ने अपराधी को कर दिया रिहा
SDOP दिनेश्वरी नंद ने बताया कि हाथीटिकरा गांव के तिहारू राम पटेल ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद नैला पुलिस ने आरोपी को धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था. दो आरक्षक सुनील सिंह और भूषण राठौर ने आरोपी को कार्यपालिक दंडाधिकारी के सामने पेश किया. सुनवाई के बाद अपराधी को जेल दाखिल करने का आदेश दिया गया. आदेश को अनदेखा करते हुए दोनों आरक्षकों ने अपराधी को रिहा कर दिया.
पुलिस अधीक्षक ने दोनों आरक्षकों को किया लाइन अटैच
एसडीओपी ने बताया कि इस बात की भनक लगते ही आला अधिकारी हैरान हो गए. मामले में जांजगीर-चांपा पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने तत्परता से कार्रवाई की. दोनों आरक्षकों को नैला चौकी से हटाकर लाइन अटैच कर दिया है. जबकि अपराधी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. फिलहाल पुलिस विभाग पर कई सवाल उठ रहे हैं.