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जांजगीर चांपा: सांप का खेल दिखाकर रोजी कमा रहे ये बच्चे

पामगढ़ के बारगांव में घुमक्कड़ों का एक समूह सांप दिखाकर रोजी कमा रहा है.

सपेरा
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Published : Nov 12, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 4:15 PM IST

जांजगीर चांपा: पामगढ़ के बारगांव में ईटीवी भारत की टीम को दो छोटे बच्चे सांप का खेल दिखाते हुए दिखाई दिए. हमने देखा की ये बच्चे सांप को खिलौने की तरह हाथ में पकड़कर गली-गली घूम रहे थे.

सांप का खेल दिखा रहे बच्चे

रोजी के लिए करते हैं काम
जब हमारी टीम ने उनने बात करने की कोशिश की तो पहले तो वो दूर भागते नजर आए, लेकिन बाद में हमसे बात करने के दौरान उन्होंने बताया कि वो रोटी के लिए ये सब काम करते हैं.

मामले की जानकारी लेकर करेंगे कार्रवाई
इस मामले को कानूनी नजर से समझने के लिए हमने पामगढ़ थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है और वो मामले की जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे.

सांप का खेल दिखाकर कमाते हैं रोटी
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के रहने वाले सांवरा जाति के ज्यादातर लोग अलग-अलग इलाकों में जाकर सांप का खेल दिखाकर अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ करते हैं.

जांजगीर चांपा: पामगढ़ के बारगांव में ईटीवी भारत की टीम को दो छोटे बच्चे सांप का खेल दिखाते हुए दिखाई दिए. हमने देखा की ये बच्चे सांप को खिलौने की तरह हाथ में पकड़कर गली-गली घूम रहे थे.

सांप का खेल दिखा रहे बच्चे

रोजी के लिए करते हैं काम
जब हमारी टीम ने उनने बात करने की कोशिश की तो पहले तो वो दूर भागते नजर आए, लेकिन बाद में हमसे बात करने के दौरान उन्होंने बताया कि वो रोटी के लिए ये सब काम करते हैं.

मामले की जानकारी लेकर करेंगे कार्रवाई
इस मामले को कानूनी नजर से समझने के लिए हमने पामगढ़ थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है और वो मामले की जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे.

सांप का खेल दिखाकर कमाते हैं रोटी
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के रहने वाले सांवरा जाति के ज्यादातर लोग अलग-अलग इलाकों में जाकर सांप का खेल दिखाकर अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ करते हैं.

Intro: इंट्रो-
छत्तीसगढ़ प्रदेश में बड़ी संख्या में सांवरा जाति के लोग रहते हैं । वह सांप दिखाकर लोगों का मनोरंजन करते हैं और यही उनकी आजीविका होती है । लेकिन विडंबना देखिए कि आज भी इनके बच्चे यह काम करते हैं और इनका बचपन ऐसे ही खो जाता है । शिक्षा से यह कितने कोसों दूर है यह भी साफ पता चलता है । यह अलग बात है कि प्रधानमंत्री जी देश को स्नेक चार्मर से Mouse charmer होने की बात करते हैं।

याद कीजिए 5 साल पहले हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रसिद्ध मैडिसन स्क्वायर में यह भाषण दिया था कि हमारा देश snakecharmer से माउस चारमर हो गया है लेकिन वास्तविकता आज भी हमारे छत्तीसगढ़ में इससे पड़े हैं।
जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ थाना अंतर्गत बारगांव में यह दृश्य देखने को मिला, जब दो छोटे बच्चे सांप का खेल दिखाकर बच्चों का मनोरंजन कर रहे थे। तब हमने देखा कि यह बच्चे सांप को खिलौने की तरह पकड़ कर लोगों से कुछ राशि पाने की उम्मीद लगाए घूम रहे थे । इस संबंध में उनसे जानकारी मांगी गई तो शुरुआत में तो उन्होंने मना कर भागते बने, लेकिन काफी मान मनव्वळ के बाद उन्होंने बताया कि हमारी स्थिति ऐसी नहीं है कि हम पढ़ाई कर सकें । उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता भी इसी तरह के काम करते हैं जरूरत यह है कि ऐसे बच्चों को कम से कम शिक्षा उपलब्ध हो। इस संबंध में बात यह भी है कि कानून की नजर में क्या स्थिति है या जानने के लिए हमने पामगढ़ थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

बाइट- सांवरा जाति के बच्चे
बाइट -राजकुमार लहरें थाना प्रभारी पामगढ़


ध्यानार्थ -छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले में सांवरा जाति के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं जो आज भी सांप के खेल दिखा कर अपनी आजीविका चलाते हैं, यह सांप दिखा कर सांप की जड़ से कैसे बचे इसका उपाय भी बताते हैं यह जड़ी-बूटी भी साथ रखते हैं। वहीं से लोग दूसरे जिलों में जाकर कुछ दिन रुक कर एक गांव से दूसरे गांव डेरा डालकर अपना करतब दिखाते हैं.Body:,,,,,,,Conclusion:,,,,,,
Last Updated : Nov 13, 2019, 4:15 PM IST
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