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Story of Janjgir shooter Pradyuman Singh :किसान का बेटा बना निशानेबाज, राष्ट्रीय स्पर्धा में मेडल पर लगाया निशाना

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Published : Jan 14, 2023, 6:42 PM IST

Updated : Jan 15, 2023, 7:43 AM IST

आयुर्वेद ग्राम अवरीद के 20 साल के शूटर प्रद्युमन सिंह ने इस गांव का नाम रोशन किया है.प्रद्युमन ने केरल में आयोजित नेशनल शूटिंग कॉम्पिटिशन में अपनी जगह बनाकर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है. प्रद्युमन ने 12 साल के उम्र में ही राइफल से दोस्ती कर ली थी.जिसके कारण वो जिले का पहला शूटर बना. अब प्रद्युमन ने नेशनल प्रतियोगिता जीतकर पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी पहचान बना ली है.

Story of  Janjgir shooter Pradyuman Singh
किसान का बेटा निकला निशानेबाज
किसान का बेटा निकला निशानेबाज

जांजगीर चाम्पा :15 साल की उम्र में एयर राइफल से निशाना लगाने के शौक ने अब प्रद्युमन को नेशनल शूटर के रूप के पहचान दिलाई है.केरल के तिरुवन्नतपुरम में 20 नवम्बर से 9 दिसंबर तक आयोजित नेशनल शूटिंग कॉम्पिटिशन में प्रद्युमन ने हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता मे देश भर के 156 शूटर शामिल हुए. जिसमें 11 शूटर छत्तीसगढ़ के थे.जिसमे तखतपुर के सारांश सेमुअल, अवरीद के प्रद्युम्न सिंह और तखतपुर के शिखर सेमुअल और शशांक सेमुअल ने स्थान हासिल किया

कड़ी मेहनत से पाया मुकाम : 20 साल के प्रद्युम्न सिंह ने अपनी कठिन मेहनत और गुरुओं के मार्ग दर्शन से विख्यात शूटर का खिताब हासिल किया. जिसके कारण अब वो जांजगीर चाम्पा जिले के पहला और छत्तीसगढ़ में टॉप टेन में अपना नाम दर्ज कराने वाले शूटर बन गए हैं.विख्यात शूटर बनने के बाद अब प्रद्युमन सिंह को छत्तीसगढ़ स्तर की प्रतियोगिता में शामिल नहीं होना पड़ेगा. अब वो सीधे नेशनल प्रतियोगिता में शामिल हो सकता है.प्रद्युमन के इस उपलब्धि से पूरे गांव के साथ घरवाले भी बेहद खुश हैं.

ये भी पढ़ें- भूतपूर्व सैनिक दे रहे युवाओं को सेना भर्ती की निशुल्क ट्रेनिंग

किसान का बेटा बना निशानेबाज : अवरीद गांव के निवासी शूटर प्रद्युमन सिंह के माता पिता का इस खेल से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. प्रद्युमन के पिता मंगल सिंह पेशे से किसान हैं.जबकि मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता. मंगल सिंह अपने बेटे प्रद्युमन सिंह को बचपन से ही निशाने बाज बनाने की चाहत रखते थे. वो खुद खेत जाते और अपने बेटे को एयर राइफल देकर निशाना लगाने को कहते. धीरे धीरे प्रद्युम्न का निशाना सधता चला गया.जांजगीर पुलिस के जवान और छत्तीसगढ़ राइफल एसोसिएशन के सदस्य मनीष राजपूत की नजर प्रद्युमन पर पड़ी और मनीष ने गुरु बनकर सदस्यता दिलाई.इसके बाद प्रद्युमन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.आज उनकी झोली में कई मेडल्स और सर्टिफिकेट्स चमक रहे हैं.

किसान का बेटा निकला निशानेबाज

जांजगीर चाम्पा :15 साल की उम्र में एयर राइफल से निशाना लगाने के शौक ने अब प्रद्युमन को नेशनल शूटर के रूप के पहचान दिलाई है.केरल के तिरुवन्नतपुरम में 20 नवम्बर से 9 दिसंबर तक आयोजित नेशनल शूटिंग कॉम्पिटिशन में प्रद्युमन ने हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता मे देश भर के 156 शूटर शामिल हुए. जिसमें 11 शूटर छत्तीसगढ़ के थे.जिसमे तखतपुर के सारांश सेमुअल, अवरीद के प्रद्युम्न सिंह और तखतपुर के शिखर सेमुअल और शशांक सेमुअल ने स्थान हासिल किया

कड़ी मेहनत से पाया मुकाम : 20 साल के प्रद्युम्न सिंह ने अपनी कठिन मेहनत और गुरुओं के मार्ग दर्शन से विख्यात शूटर का खिताब हासिल किया. जिसके कारण अब वो जांजगीर चाम्पा जिले के पहला और छत्तीसगढ़ में टॉप टेन में अपना नाम दर्ज कराने वाले शूटर बन गए हैं.विख्यात शूटर बनने के बाद अब प्रद्युमन सिंह को छत्तीसगढ़ स्तर की प्रतियोगिता में शामिल नहीं होना पड़ेगा. अब वो सीधे नेशनल प्रतियोगिता में शामिल हो सकता है.प्रद्युमन के इस उपलब्धि से पूरे गांव के साथ घरवाले भी बेहद खुश हैं.

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किसान का बेटा बना निशानेबाज : अवरीद गांव के निवासी शूटर प्रद्युमन सिंह के माता पिता का इस खेल से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. प्रद्युमन के पिता मंगल सिंह पेशे से किसान हैं.जबकि मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता. मंगल सिंह अपने बेटे प्रद्युमन सिंह को बचपन से ही निशाने बाज बनाने की चाहत रखते थे. वो खुद खेत जाते और अपने बेटे को एयर राइफल देकर निशाना लगाने को कहते. धीरे धीरे प्रद्युम्न का निशाना सधता चला गया.जांजगीर पुलिस के जवान और छत्तीसगढ़ राइफल एसोसिएशन के सदस्य मनीष राजपूत की नजर प्रद्युमन पर पड़ी और मनीष ने गुरु बनकर सदस्यता दिलाई.इसके बाद प्रद्युमन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.आज उनकी झोली में कई मेडल्स और सर्टिफिकेट्स चमक रहे हैं.

Last Updated : Jan 15, 2023, 7:43 AM IST
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