जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिला मुख्यालय नैला के गौशाला स्कूल की हालत बद से बदतर है. यहां के हालात में सुधार के लिए शाला विकास समिति और दानदाताओं से चंदा इकट्ठा कर स्कूल भवन को सुधारा तो गया लेकिन इसका कोई खास असर नहीं पड़ता दिख रहा है. स्कूल की हालत को सुधारने के लिए प्रधान शिक्षक ने नगर पालिका के अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. स्कूल की हालत जस की तस है.
स्कूल में मिलती है शराब की खाली बोतलें
इतना ही नहीं नैला नगर पालिका (Janjgir Naila Municipality) में संचालित गौशाला प्राथमिक और मिडिल स्कूल (Gaushala Primary and Middle School) असामाजिक तत्वों का डेरा बन गया है. कहा जाता है कि स्कूल एक मंदिर है, लेकिन ये स्कूल नशाखोरी का अड्डा बन गया (School became a den of drugs ) है. सुबह स्कूल आने के बाद बच्चे पहले अपने बैठने के जगह की सफाई करते है फिर कक्षा शुरू होती है.
मूलभूत सुविधा तक नहीं हो रही उपलब्ध
स्कूल में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हो पा रही है. स्कूल में बिजली-पानी और बैठने तक की सुविधा नहीं है. यहां टेबल बेंच तो है लेकिन बच्चों के बैठने की सुविधा नहीं. पानी के लिए बोर है, लेकिन बोर का पानी दूषित हो चुका है. सारी कमियों के बाद भी स्कूल प्रबंधन छात्र-छात्राओं के शिक्षा का स्तर को अच्छा बता रहा है.
बाउंड्री वॉल न होने से हो रही परेशानी
स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि नगर पालिका द्वारा स्कूल संचालित की जाती है, लेकिन इसका मरम्मत और रंग रोगन चंदा से किया जाता है. बाउंड्री वॉल न होने से भारी परेशानी हो रही है. सभी समस्या को देखते हुए नैला पुलिस के साथ नगर पालिका और सीईओ को स्कूल की कमियों को बताने के बाद भी सुधार नहीं होने का आरोप लगा रहे है. जिला मुख्यालय के स्कूल की इस दशा को देखने के बाद जिला के स्कूल भवन की स्थिति का स्वाभाविक आंकलन किया जा सकता है कि शिक्षा के प्रति नगर पालिका परिषद और जनप्रतिनिधि के साथ जिला के अधिकारी कितने सजग है.
नगर पालिका जांजगीर नैला के प्राइमरी और मिडिल स्कूल की बदहाली के बारे में ETV भारत ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की. जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने भी आहते की कमी से जिले के कई स्कूल में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने की बात को स्वीकार किया है. स्कूलों की सुरक्षा के लिए आहता निर्माण के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजने का दावा किया.